पुरूषोत्तम दास टंडन
जन्म: | अगस्त १, १८४८ |
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मृत्यु: | जुलाई १, १९६२ |
स्वतन्त्रता सेनानी |
पुरूषोत्तम दास टंडन (१ अगस्त १८८२ - १ जुलाई, १९६२) भारत के स्वतन्त्रता सेनानी छल। हिन्दी क भारत क राष्ट्रभाषा के पद पर प्रतिष्ठित करबावे मे उनकर महत्त्वपूर्ण योगदान छल। उनकर जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद मे भेल छल। ओ भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के अग्रणी पंक्ति के नेता तँ छल आ साथे समर्पित राजनयिक, हिन्दी के अनन्य सेवक, कर्मठ पत्रकार, तेजस्वी वक्ता आ समाज सुधारक सेहो छल। हिन्दी क भारत क राजभाषा क स्थान दीयावे के लेल ओ महत्वपूर्ण योगदान केलक। १९५० मे ओ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बनल। उनका भारत के राजनैतिक आ सामाजिक जीवन मे नयाँ चेतना, नयाँ लहर, नयाँ क्रान्ति पैदा करै वाला कर्मयोगी कहल गेल अछि।[क] ओ जन सामान्य मे राजर्षि (संधि विच्छेदः राजा+ऋषि= राजर्षि अर्थात एहन प्रशासक जे ऋषि के समान सत्कार्य मे लगल हुए।) के नाम सँ प्रसिद्ध भेल। किछ विचारकसभ के अनुसार स्वतंत्रता प्राप्त करनाई उनकर पहिल साध्य छल। ओ हिन्दी क देश क आजादी के पहिले आजादी प्राप्त करै क साधन मानैत रहल आ आजादी मिले के बाद आजादी क बनाय रखै क। टण्डन जी क राजनीति मे प्रवेश हिन्दी प्रेम के कारण ही भेल। १७ फरवरी १९५१ क मुजफ्फरनगर 'सुहृद संघ` के १७अम वार्षिकोत्सव के अवसर पर ओ अपन भाषण मे ई बात क स्वीकार सेहो केने छल।[ख]