ज्योतिर्लिङ्ग
हिन्दू धर्ममे पुराणसभक अनुसार शिवजी जतेक-जतेक स्वयं प्रकट भेल उक्त बाह्र स्थानमे अवस्थित शिवलिङ्गके ज्योतिर्लिङ्गक रूपमे पूजा कएल जाएत अछि ।[१] नेपाली बृहत् शब्दकोशमे ज्योतिर्लिङ्गके सत्ययुगमे इजोत करै छल से विश्वास कएल गएल शिवजीक बाह्र लिङ्ग कहि लिखल छल ।
- सौराष्ट्र प्रदेशमे, श्रीसोमनाथ,
- श्रीशैलमे श्रीमल्लिकार्जुन,
- उज्जयिनी (उज्जैन)मे श्रीमहाकाल,
- ॐकारेश्वर अथवा अमलेश्वर ,
- परलीमे वैद्यनाथ,
- डाकिनी नामक स्थानमे श्रीभीमशङ्कर,
- सेतुबन्धमे श्री रामेश्वर,
- दारुकावनमे श्रीनागेश्वर,
- वाराणसी (काशी)मे श्री विश्वनाथ,
- गौतमी (गोदावरी)क तटमे श्री त्र्यम्बकेश्वर,
- हिमालय केदारखण्डमे श्रीकेदारनाथ
- शिवालयमे श्रीघुश्मेश्वर।
हिन्दू मान्यता अनुसार जे कोई मानव प्रतिदिन भोर तथा साँझक समयमे ई बाह्र ज्योतिर्लिङ्गसभक नाम लेवत, ओकर सात जन्मक पाप ई लिङ्गसभक स्मरण मात्रसँ सेहो मेटाएत ।
स्थलसभसम्पादन
१२ ज्योतिर्लिङ्गक नाम शिव पुराण अनुसार (शतरुद्र संहिता,अध्याय ४२/२-४)।
क्रसं | ज्योतिर्लिङ्ग | चित्र | राज्य | स्थिति | वर्णन |
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१ | सोमनाथ | गुजरात | सौराष्ट्र | श्री सोमनाथ सौराष्ट्र, (गुजरात)मे अवस्थित रहल अछि । | |
२ | मल्लिकार्जुन स्वामी | आन्ध्र प्रदेश | कर्नुल | आन्ध्र प्रदेश राज्यको कृष्णा जिल्ला कृष्णा नदीक तटमे श्रीशैल पर्वत श्रीमल्लिकार्जुन (दक्षिण कैलाश) अवस्थित रहल अछि । | |
३ | महाकालेश्वर | मध्य प्रदेश | उज्जैन | श्री महाकालेश्वर (मध्यप्रदेश)क मालवा क्षेत्र क्षिप्रा नदीक तटमे पवित्र उज्जैन नगरमे अवस्थित रहल अछि । उज्जैनके प्राचीनकालमे अवन्तिकापुरी कहल जाएत छल । | |
४ | ॐकारेश्वर | मध्य प्रदेश | नर्मदा नदी समिप एकटा द्विपउपर | मालवा क्षेत्रमा श्रीॐकारेश्वर स्थान नर्मदा नदीक बीचक द्वीपमे रहल अछि, यतय ॐकारेश्वर आ ममलेश्वर दू भिन्न-भिन्न लिङ्ग अछि, मुदा ई एक लिङ्गक दुई स्वरूपक छी । श्रीॐकारेश्वर लिंगलाई स्वयम्भू पनि भनिन्छ । | |
५ | केदारनाथ मन्दिर | उत्तराखण्ड | केदारनाथ | श्री केदारनाथ हिमालयक केदार नामक श्रृङ्खलामे अवस्थित अछि । शिखरक पूर्वतरफ अलकनन्दा तटमे श्री बद्रीनाथ तथा पश्चिममे मन्दाकिनीक किनारमे श्री केदारनाथ रहल अछि । ई स्थान हरिद्वारसँ १५० माइल तथा ऋषिकेशसँ १३२ माइल टाढा उत्तराञ्चल राज्यमे रहल अछि । | |
६ | भीमाशंकर | महाराष्ट्र | भीमाशंकर | श्री भीमशङ्करक स्थान मुम्बईसँ पूर्व आ पुणेसँ उत्तर भीमा नदीक किनार सह्याद्रि पर्वतमे अछि । सह्याद्रि पर्वतक एक शिखरक नाम डाकिनी छी । | |
७ | काशी विश्वनाथ | उत्तर प्रदेश | वाराणसी | वाराणसी (उत्तर प्रदेश) स्थित काशीक श्रीविश्वनाथजी प्रमुख ज्योतिर्लिङ् मे सँ एक छी । गङ्गा तटस्थित काशी विश्वनाथ शिवलिङ्ग दर्शन हिन्दूसभक लेल पवित्र मानल जाएत अछि । | |
८ | त्रयम्बकेश्वर | महाराष्ट्र | त्रयम्बकेश्वर, निकट नासिक | श्री त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिङ्ग महाराष्ट्र राज्यक नासिक नजदिक ब्रह्मगिरिक निकट गोदावरीक किनारमे अवस्थित रहल अछि । | |
९ | वैद्यनाथ | झारखण्ड | देवघर जिला | परम्परा आ पौराणिक कथा अनुसार देवघर स्थित श्रीवैद्यनाथ ज्योतिर्लिङ्गके प्रमाणिक मानल जाएत अछि । | |
१० | नागेश्वर | गुजरात | द्वारका | श्रीनागेश्वर ज्योतिर्लिङ्ग बडौदा क्षेत्र अन्तर्गत गोमती द्वारका नजदिक रहल अछि । | |
११ | रामेश्वरम | तमिलनाडु | रामेश्वरम | श्रीरामेश्वर तीर्थ तमिलनाडु राज्यक रामानाथपुरममे रहल अछि । एतय श्रीलंका विजय पश्चात भगवान श्रीरामद्वारा अराध्यदेव शंकरक पूजा करलाक कारण ई ज्योतिर्लिङ्गके श्रीरामेश्वर या श्रीरामलिंगेश्वरक रुपमे चिनल जाएत अछि । | |
१२ | घृष्णेश्वर मन्दिर | महाराष्ट्र | निकट एल्लोरा गुफा, औरङ्गाबाद | श्रीघुश्मेश्वर (गिरीश्नेश्वर) ज्योतिर्लिङ्गके घुसृणेश्वर वा घृष्णेश्वर सेहो कहल जाएत अछि । ई महाराष्ट्र राज्यक दौलताबाद स्टेसनसँ बारह माइल टाढा बेरूल गाममे रहल अछि । |
बाह् ज्योतिर्लिङ्ग आ बाह्र राशि बीचक सम्बन्धसम्पादन
मेष सोमनाथ, वृष श्रीशैल, मिथुन महाकाल, कर्क अमलेश्वर, सिंह वैद्यनाथ, कन्या भीमशंकर, तुला रामेश, वृश्चिक नागेश, धनु विश्वेशं, मकर त्र्यम्बकं, कुम्भ केदार तथा मीन घृष्णेशं
सन्दर्भ सामग्रीसभसम्पादन
- ↑ "बारह ज्योतिर्लिङ्ग, एक यात्रा", संस्थानको आधिकारिक वेबसाइट।
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प्यारामिटर नै ग्रहण केलक (सहायता);|accessmonthday=
प्यारामिटर नै ग्रहण केलक (सहायता)
बाह्य जडीसभसम्पादन
विकिमिडिया कमन्समे आर बहुत रास ज्योतिर्लिङ्गसँ सम्बन्धित मिडिया सामग्रीसभ अछि । |