शिव पुराण सब पुराणसभमे सबसँ महत्वपूर्ण आ सबसँ बेसी पढ़ल जाएबला पुराणसभमे सँ एक छी।भगवान शिव के विभिन्न रूप, अवतार, ज्योतिर्लिंग, भक्त आ भक्ति के विस्तृत वर्णन कैल गेल अछि। एहिमे शिवजीक कल्याणकारी स्वरूपक तात्विक विवेचन, रहस्य, महिमा आ उपासनाक विस्तृत वर्णन अछि।[१] शिव पुराणमे शिवके पञ्चदेवसभमे प्रधान अनादि सिद्ध भगवानक रूपमे स्वीकार कएल गेल अछि। शिव - महिमा, लीला - कथाक अतिरिक्त एहिमे पूजा - पद्धति, अनेक ज्ञानप्रद कथा आ शिक्षाप्रद कथाक सुन्दर संयोजन अछि। एहिमे भगवान शिवके भव्यतम व्यक्तित्वक गुणगान कएल गेल अछि। शिव - जे स्वयंभू छथि, शाश्वत छथि, सर्वोच्च सत्ता छथि, विश्व चेतना छथि आ ब्रह्मांडिक अस्तित्वक आधार छथि।

शिव पुराण  

भगवान शिव
लेखक वेदव्यास
देश भारत
भाषा संस्कृत
श्रृङ्खला पुराण
विषय शिव भक्ति
प्रकार हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ
पृष्ठ २४,००० श्लोक

'शिव पुराण' शैव मत सँ सम्बन्धित अछि। एहि पुराणमे प्रमुख रूपसँ शिव - भक्ति आ शिव - महिमाक प्रचार - प्रसार कएल गेल अछि।[२] प्रायः पुराणसभमे शिवके त्याग, तपस्या, वात्सल्य आ करुणाक मूर्ति बताओल गेल अछि। कहल गेल अछि जे शिव सहजहि प्रसन्न होएवाला आ मनोवांछित फल देनिहार छथि। मुदा 'शिव पुराण' मे शिवजीक जीवन चरित्र पर प्रकाश डालैत हुनकर जीवनशैली, विवाह आ हुनकर पुत्रक उत्पत्तिक विषयमे विशेष रूपसँ बताओल गेल अछि।

कथा आ विस्तार सम्पादन करी

एहि पुराणमे २४,००० श्लोक अछि आ एकर क्रमशः ६ खण्ड अछि।[३]

  • विद्येश्वर संहिता
  • रुद्र संहिता
  • कोटिरुद्र संहिता
  • कैलास संहिता
  • वायु संहिता

शिवपुराण एक प्रमुख एवं सुप्रसिद्ध पुराण अछि, जहिमे परमपर परब्रह्म परमेश्वरक शिव (कल्याणकारी) स्वरूपक तात्विक विवेचन, रहस्य, महिमा एवं उपासनाक विस्तृत वर्णन अछि। भगवान शिव केवल पौराणिक देवता मात्र नहि छथि, अपितु ओ पंचदेवतासभमे प्रधान, अनादि सिद्ध देवता छथि आ निगमागम आदि समस्त शास्त्रसभमे महिमामण्डित महादेव छथि। वेदसभ एहि परमतत्त्वके अव्यक्त, अजन्मा, सबका कारण, विश्वपञ्चक स्रष्टा, पालक एवं संहारक कहैत हुनकर गुणगान केलक अछि। श्रोता लोकनि शिव केँ सदा स्वयम्भू, शान्त, प्रपंचातीत, परात्पर, परमतत्त्व, देवता सभक परम महेश्वर कहि स्तुति करैत छथि।[४] शिव केर अर्थ अछि कल्याणकारी आ कल्याणकारी। परमब्रह्म केर एहि कल्याण रूपक उपासना उच्च वर्गक सिद्ध, आत्म कल्याणकारी साधक आ सर्वसाधारण आस्तिक लोक - सभक लेल परम मंगलमय, परम कल्याणकारी, सर्वसिद्धिदायक आ सर्वश्रेयस्कर अछि। शास्त्रसभमे उल्लेख अछि जे देव, दनुज, ऋषि, महर्षि, योगीन्द्र, मुनीन्द्र, सिद्ध, गन्धर्व मात्र नहि, बल्कि ब्रह्मा-विष्णु तक एहि महादेवसभक उपासना करैत अछि। एहि पुराणक अनुसार ई पुराण परम उत्तम शास्त्र अछि। एकरा एहि भूतल पर भगवान शिवक वाङ्मय स्वरूप बुझबाक चाही आ सभ प्रकारसँ एकर सेवन करबाक चाही। एकर पढ़नाइ आ सुननाइ सर्वसाधनरूप अछि। एहिसँ शिव भक्ति पाबि श्रेष्ठतम स्थितिमे पहुँचल मनुष्य शीघ्रहि शिवपद प्राप्त कऽ लैत अछि। एहि लेल मनुक्ख सभ अपन सम्पूर्ण प्रयास सँ एहि पुराण केँ पढबाक इच्छा रखैत अछि - अथवा एकर अध्ययनक अभिष्ट साधन मानैत अछि। तहिना एकर प्रेमपूर्वक श्रवण सेहो सम्पूर्ण मनोवांछित फल देनिहार अछि। भगवान शिवक एहि पुराण केँ सुनला सँ मनुष्य सब पाप सँ मुक्त भऽ जाइत अछि आ एहि जीवन मे बड़का - पैघ उत्कृष्ट भोगक उपभोग करैत अन्त मे शिवलोक प्राप्त कऽ लैत अछि। ई शिवपुराण नामक ग्रन्थ चौबीस हजार श्लोक सँ युक्त अछि। सात संहितासभसँ युक्त ई दिव्य शिवपुराण परब्रह्म परमात्माक समान विराजमान अछि आ सबसँ उत्कृष्ट गति प्रदान करएवाला अछि।

एहो सभ देखी सम्पादन करी

सन्दर्भ सामग्रीसभ सम्पादन करी

  1. Dalal, R. (२०१०) (अंग्रेजी भाषामे). Hinduism: An Alphabetical Guide. Penguin Books. आइएसबिएन 978-0-14-341421-6. http://books.google.co.in/books?id=DH0vmD8ghdMC. अन्तिम पहुँच तिथि: २७ मार्च २०२०. 
  2. "Hindi Book Shiv Puran : Free Download, Borrow, and Streaming : Internet Archive"Internet Archive। 25 March 2023। अन्तिम पहुँच 20 November 2023
  3. Śarmā, P.M.; Vyāsa, V.; Siṅgha, P.; Prakāśa, V. (२००८) (esमे). Shiva Purana - Hindi. Dreamland Publications. आइएसबिएन 978-81-8451-150-5. http://books.google.co.in/books?id=yhFePgAACAAJ. अन्तिम पहुँच तिथि: २७ मार्च २०२०. 
  4. "कहानी के पीछे क्या है विज्ञान"Official Website of Sadhguru, Isha Foundation। 4 February 2023। अन्तिम पहुँच 20 November 2023

बाह्य जडीसभ सम्पादन करी

  • वेद-पुराण - यहाँ चारों वेद एवं दस से अधिक पुराण हिन्दी अर्थ सहित उपलब्ध हैं। पुराणों को यहाँ सुना भी जा सकता है।
  • वेद एवं वेदांग - आर्य समाज, जामनगर के जालघर पर सभी वेद एवं उनके भाष्य दिये हुए हैं।
  • शिव पुराण कथा - भारत के 18 पुराणों में से एक है शिव पुराण। जिसमे शिव के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए शिव महिमा के बारे में बताया है।