हरिमन्दिर साहिब
श्री हरिमन्दिर साहिब (पञ्जाबी भाषा: ਹਰਿਮੰਦਰ ਸਾਹਿਬ; हरिमन्दर साहिब, हरमन्दिर साहिब), जकरा दरबार साहिब या स्वर्ण मन्दिर सेहो कहल जाएत अछि सिख धर्मावलम्बिसभक पावनतम धार्मिक स्थल या सबसँ प्रमुख गुरुद्वारा छी ।[१] ई भारतक राज्य पञ्जाबक अमृतसर सहरमे स्थित अछि आर एतय के सबसँ बडका आकर्षण छी । पुरा अमृतसर सहर स्वर्ण मन्दिरक चारो दिस बसल अछि । स्वर्ण मन्दिरमे प्रतिदिन हजारो श्रद्धालु आर पर्यटक आबैत अछि । अमृतसरक नाम वास्तवमे ओ सरोवरक नाम पर रखाल गेल अछि जेकर निर्माण गुरु राम दास स्वयम अपन हाथ सँ केने छल । ई गुरुद्वारा एहि सरोवरक बिचोबिच स्थित अछि । एहि गुरुद्वारेक बाहरी हिस्सा सोनाक बनल अछि, एहि लेल एकरा स्वर्ण मन्दिर आ गोल्डन टेम्पलक नाम सँ सेहो जानल जाएत अछि । श्री हरिमन्दिर साहिबक दरबार साहिब क नाम सँ सेहो ख्याति हासिल अछि । ओना त ई सिखक गुरुद्वारा छी, मुदा एकर नाममे मन्दिर शब्दक जोडनाए ई स्पष्ट करैत अछि की भारतमे सब धर्मक एक समान मानल जाएत अछि । एतबे नै, श्री हरमन्दिर साहिबक नीव सेहो एक मुसलमान राखने छल । इतिहासक मुताबिक सिखक पाचम गुरु अर्जुन देव लाहौरक एक सूफी सन्त साईं मियां मीर जी सँ दिसम्बर, १५८८ मे गुरुद्वारक नीव रखबेने छल । सिखसभक लेल स्वर्ण मन्दिर बहुत महत्वपूर्ण अछि । सिखक अलावा सेहो बहुत रास सँ श्रद्धालु एत आबैत अछि, जेकरा स्वर्ण मन्दिरआर सिख धर्ममे अटूट आस्था अछि ।
हरिमन्दिर साहिब The Harmandir Sahib ਹਰਿਮੰਦਰ ਸਾਹਿਬ The Golden Temple | |
---|---|
अन्य नाम | दरवार साहिब |
सामान्य विवरण | |
वास्तुकलाक ढाँचा | शिख वास्तुकला |
शहर | अमृतसर |
राष्ट्र | भारत |
निर्माणकार्यक आरम्भ | सन् दिसम्बर १५८५ |
सम्पन्न | अगस्त १६०४ |
स्थापत्य
सम्पादन करीलगभग ४०० साल पुरान एहि गुरुद्वारक नक्शा स्वयम् गुरु अर्जुन देव जी तैयार केनए छल । ई गुरुद्वारा शिल्प सौन्दर्यक अदभुत मिसाल छी। एकर नक्काशी आर बाहरक सुन्दरता बहुत निक अछि । गुरुद्वारक चारो दिस केबार अछि, जे चारो दिशाक (पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण) मे खुलैत अछि । ओहि समयमे समाज चारि जातिमे विभाजित छल आर बहुतरास सँ जातिक लोगक अनेक मन्दिर आदिमे जाएक अनुमति नई छल, मुदा एहि गुरुद्वारक ई चारो केबार ओ चारो जातिक एतय आबक लेल आमन्त्रित करैत छल । एहि ठाम सभ धर्मक अनुयायीक स्वागत कएल जाइत अछि ।
परिसर
सम्पादन करीश्री हरिमन्दिर साहिब परिसरमे दुईटा बड्का आर बहुतरा सँ छोट-छोट तीर्थस्थल अछि । ई सभ तीर्थस्थल जलाशयक चारु दिस पसरल अछि । एहि जलाशयक अमृतसर, अमृत सरोवर आर अमृत झीलक नाम सँ जानल जाएत अछि । पूरा स्वर्ण मन्दिर उजर संगमरमर सँ बनल अछि आर एकर देवाल पर सोनाक पता सँ नकार कएल गेल अछि । हरिमन्दिर साहिबमे पूरे दिन गुरबाणी (गुरुवाणी) क स्वर सुनाएत रहैत अछि । सिख गुरुक ईश्वर तुल्य मानैत अछि । स्वर्ण मन्दिरमे प्रवेश करसँ पहिले ओ मन्दिरक आगु माथा झुकाबैत अछि, फेर पैर धोएक बाद सिढीसँ मुख्य मन्दिर धैर जाएत अछि। सिढीक साथे-साथे स्वर्ण मन्दिर सँ जुडल बहुतरा सँ घटनासभ आर एकर पूरा ईतिहास लिखल अछि । स्वर्ण मन्दिर एक बहुत निक इमारत अछि । एहि इजोतक सुन्दर व्यवस्था कएल गेल अछि । मन्दिर परिसरमे पत्थरक एक स्मारक सेहो अछि जे, बहादुर सिख सैनिकसभक श्रद्धाजंलि देबक लेल लगाएल गेल अछि ।
द्वार
सम्पादन करीश्री हरिमन्दिर साहिबक चाइर द्वार अछि । एहिने सँ एक द्वार गुरु राम दास सरायक छी । इ सरायमे अनेक विश्राम-स्थल अछि । विश्राम-स्थलसभक साथे-साथे एत चौबीस घण्टा लङ्गर चलैत अछि, जेहिमे कोई प्रसाद ग्रहण क सकैत अछि । श्री हरिमन्दिर साहिबमे अनेक तीर्थस्थान अछि । एहिमे सँ बेरी वृक्षक सेहो एक तीर्थस्थल मानल जाएत अछि । एकरा बेर बाबा बुड्ढाक नाम सँ जानल जाएत अछि । कहल जाएत अछि कि जब स्वर्ण मन्दिर बनाबल जाएत रहल छल तब बाबा बुड्ढा जी एहि गाछक निचा बैसल छल आर मन्दिरक निर्माण कार्य पर नजर राखैत छल ।
सरोवर
सम्पादन करीस्वर्ण मन्दिर सरोवरक बिचमे मानव निर्मित द्वीप पर बनल अछि । समुचा मन्दिर पर सोनाक परत चढाएल गेल अछि । एहि मन्दिरक एक पुलद्वारा किनारा सँ जुडल अछि । तालमे श्रद्धालु स्नान करैत अछि । ई ताल माछ सँ भरल अछि । मन्दिर सँ १०० मिटरक दूरी पर स्वर्ण जडित, अकाल तख्त अछि । एहिमे एक भूमिगत तल अछि आर पाँच अन्य तल अछि । यतय एक सङ्ग्रहालय आर सभागार अछि । एहि ठाम सरबत खालसाक बैठकसभ होइत अछि । सिख पन्थ सँ जुडल सम्पूर्ण समस्याक समाधान एहि सभागारमे कएल जाइत अछि ।
अकाल तख्त
सम्पादन करीगुरुद्वाराक बाहर दहिना दिस अकाल तख्त अछि । अकाल तख्तक निर्माण सन् १६०६ मे कएल गेल छल । एतय दरबार साहिब स्थित अछि । एहि समयमे एतय बहुतरास अहम फैसला लेल जाइत छल । सङ्गमर्मर सँ बनल ई इमारत देख योग्य अछि । एकर बगलमे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक समितिक कार्यालय अछि, जत सिखसभ सँ जुडल बहुतरास महत्वपूर्ण निर्णय लेल जाइत छल ।
लङ्गर
सम्पादन करीगुरुक लङ्गरमे गुरुद्वार आब वाला श्रद्धालुसभक लेल खाए-पिएक पूर्ण व्यवस्था होइत अछि । ई लङ्गर श्रद्धालुसभक लेल २४ घण्टा खुलल रहैत अछि । खाए-पिएक व्यवस्था गुरुद्वारमे आमए वाला चढाबा आर दोसर कोषसभ सँ होइत अछि । लङ्गरमे खाए-पिएक व्यवस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक समितिक दिस सँ नियुक्त सेवादार करैत अछि । ओ यतय आब वाला लोगसभ (सङ्गत) क सेवामे सभ दिस सँ योगदान दैत अछि । अनुमान अछि कि लगभग ४० हजार लोग सब दिन एतय लङ्गरक प्रसाद ग्रहण करैत अछि । खाली भोजन मात्र नै, एतय श्री गुरु रामदास सरायमे गुरुद्वारमे आमए वाला लोगसभक लेल विश्रामक सेहो व्यवस्था अछि । ई सरायक निर्माण सन १७८४ मे कएल गेल छल । एतय २२८ विश्राम गृह आर १८ बड्का कक्ष अछि । एहि ठाम राति बितेबाक लेल गद्दा आ चादर मिल जाईत अछि । एक व्यक्तिक तीन दिन तक रुकैक पूर्ण व्यवस्था अछि ।
इतिहास
सम्पादन करीस्वर्ण मन्दिरक कतेकौ बेर नष्ट कएल जा चुकल अछि । मुदा भक्ति आ आस्थाक कारण सिखसभ एकरा पुन बनेलक। जतेक बेर ई नष्ट कएल गेल अछि आ जतेक बेर ई बनाएल गेल अछि ओकर हरेक घटना मन्दिरमे दर्शाएल गेल अछि । अफगान हमलावरसभ एकरा १९ अम शताब्दीमे पूर्ण तरह सँ नष्ट करि देनए छल । तब महाराजा रणजीत सिंह एकरा पुन निर्माण केनए छल आ एकरा सोनाक परत सँ सजेनाए छल ।
चित्र दीर्घा
सम्पादन करी-
श्री हरमन्दिर साहिब प्रवेशद्वार
-
वत लगल एक बोर्ड, जेहिपर वतक ईतिहास लिखल अछि
-
मुख्य द्वार सँ श्री हरिमन्दिर साहिबक दृश्य
-
श्री हरमन्दिर साहिब
-
श्री हरमन्दिर साहिब
-
श्री हरमन्दिर साहिब
-
श्री हरमन्दिर साहिब
-
श्री हरमन्दिर साहिब
-
श्री हरमन्दिर साहिब
-
श्री हरमन्दिर साहिब
सन्दर्भ सामग्रीसभ
सम्पादन करी- ↑ १.० १.१ Kerr, Ian J.। "Harimandar"। Encyclopaedia of Sikhism। Punjabi University Patiala। अन्तिम पहुँच 21 March 2015।
- ↑ "Sikhism Religion of the Sikh People"। sikhs.org।
बाह्य जडीसभ
सम्पादन करीविकिमिडिया कमन्समे आर बहुत रास हरिमन्दिर साहिबसँ सम्बन्धित मिडिया सामग्रीसभ अछि । |