अर्जुन
अर्जुन (अङ्ग्रेजी: Arjun ) हिन्दू धर्मग्रन्थ महाभारतक मुख्य पात्र छी । ओ हस्तिनापुरक महाराज पाण्डु आ रानी कुन्तीक तेसर पुत्र छल । अर्जुनक पत्नीसभ क्रमश: द्रौपदी, कृष्ण आ बलरामक बहिन सुभद्रा, नाग कन्या उलूपी आ मणिपुर नरेशक पुत्री चित्राङ्गदा छल । हिनकर भाई क्रमशः युधिष्ठिर, भीम, नकुल आ सहदेव छल ।
अर्जुन Arjun | |
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जानकारी | |
परिवार | युधिष्ठिर, भीम, नकुल आ सहदेव (भाई) |
पति या पत्नी(सभ) | द्रौपदी, सुभद्रा, उलूपी आ चित्राङ्गदा |
बच्चा | श्रुतकर्मा आ अभिमन्यु |
जन्म
सम्पादन करीमहाराज पाण्डुकें दुई पत्नी छल कुन्ती तथा माद्री । एक दिन ओ दुनू पत्नीसभक सङ्ग विहार करि रहल छल तखन भूलवश एक मुनिकें मृग समझि ओकर हत्या करि देलक । ओ मुनि राजा पाण्डुके श्राप द देलक की ओ जब कोनो स्त्रीसँ मिलन करत तँ ओकर मृत्यु भ जाइत । ओ श्रापसँ राजा आ रानीकें बालक नै छल । अन्तमे जाए राजा कुन्तीसँ निवेदन केलक तखन कुन्ती मुनि दुर्वासाक वरदानद्वारा धर्मराज, वायुदेव तथा इन्द्रकें आह्वान करि तीन पुत्रक बरदान प्राप्त केनए छल । इन्द्रद्वारा अर्जुनकें जन्म भेल ।[१]
शिक्षा
सम्पादन करीद्रोणाचार्यकें एहन योद्धासभक आवश्यकता छल जे राजा द्रुपदसँ प्रतिशोध ल सकै । याह कारण ओ हस्तिनापुरक १०५ राजकुमारसभक शिक्षा देबऽ लागल जहिमे सँ एक अर्जुन सेहो छल । ओ अर्जुनकें सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर बनेबाक लेल एकलव्यसँ औंठा गुरुदक्षिणामे माँगि लेलक मुदा अर्जुन ई बातक लेल गुरुकें विरोध केलक ।[२]
विवाह
सम्पादन करीद्रौपदी
सम्पादन करीमहर्षि वेदव्यासक कथन पर पाण्डव माता कुन्तीक सङ्ग पाञ्चाल चलि गेल जतय राजा द्रुपदक कन्या द्रौपदीक स्वयंवर रखल गेल छल । अर्जुन ओतय ब्राह्मणक रूपमे गेल आ देखलक की महासभा लगल अछि, समूचा भारत वर्षसँ राजकुमारसभ आएल छल मुदा कियो लक्ष्य भेद नै पाबलक तखन अर्जुन लक्ष्य भेदन करि द्रौपदीकें जीत लेनए छल । द्रौपदीसँ हिनका पुत्र श्रुतकर्मा भेल जकरा अश्वत्थामा मारने छल ।
सुभद्रा
सम्पादन करीसुभद्रा भगवान कृष्ण तथा बलरामक बहिन छल जकरा कृष्णकें कथन पर अर्जुन द्वारिकासँ भगा ल गेल छल । सुभद्रासँ हिनका अभिमन्यु नामक पुत्र भेल छल जे कुरुक्षेत्र युद्धमे मारल गेल ।[३]
अर्जुनक दुनू पुत्र वीरगतिकें प्राप्त भेल । अभिमन्युक पुत्र परीक्षित एकर वंश आगा बढेलक ।
व्यक्तित्व
सम्पादन करीअर्जुन एक उत्कृष्ट धनुर्धर आ द्रोणाचार्यक प्रमुख शिष्य छल । जीवनमे अनेक अवसर पर ओ एकर परिचय देनए छल । ओ द्रौपदीकें स्वयंवरमे विजय केनए छल । कुरूक्षेत्र युद्धमे ई प्रमुख योद्धा छल । अर्जुन कुरुक्षेत्रमे श्रीकृष्णसँ अलौकिक प्रश्न केलक जे श्रीमद्भगवद्गीतामे दर्शाओल गेल अछि ।