सम्राट अशोक
अशोक (राज्यकाल ईसापूर्व २७३-२३२) प्राचीन भारतमे मौर्य राजवंशक चक्रवर्ती राजा छल । उनकर मौर्य राज्य उत्तरमे हिन्दुकुशक की श्रेणीसँ लके दक्षिणमे गोदावरी नदीक दक्षिण तथा मैसूरतक तथा पूर्वमे बंगालसँ पश्चिममे अफगानिस्तान तक पुगल छल। ई ओही समयतक के सबसँ पैग भारतीय साम्राज्य छल। सम्राट अशोक अपन विशाल साम्राज्यक बढिया आ कुशल प्रशासन तथा बौद्ध धर्मक प्रचारक लेल जानल जाइत अछि।
अशोक | |
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मौर्य सम्राट | |
१ सताब्दी बि.सी. मे आन्ध्र प्रदेशक अमरावतीमे शासन कएल चक्रवर्ती शासक ये मूलत धनगर गडरिया समुदाय से ताल्लुक रखते हैं | |
राज्या काल | 268–232 BCE |
राज्याभिषेक | 268 BCE |
पुर्वाधिकारी | बिन्दुसर |
उत्तराधिकारी | दशरथ मौर्य |
Wives |
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House | मौर्य वंश |
पिता | बिन्दुसर |
माता | महारानी धर्मा/सुभद्रांगी |
जन्म | 304 BCE पाटलिपुत्र, पटना |
देहान्त | 232 BCE (aged 72) पाटलिपुत्र, पटना |
दफन | मृत्युक किछ घण्टामे दाहसंस्कार कएल गेल अस्तुक वाराणासी स्थित गंगा नदीमे बहावल गेल |
धर्म | बौद्ध धर्म |
जीवनक उत्तरार्धमा अशोक भगवान गौतम बुद्धक भक्त भेल आ ओही स्मृतिमे ओ एकटा स्तम्भ खडा करि देलक जे आई तक नेपालमे उनकर जन्मस्थल - लुम्बिनी मे मायादेवी मन्दिरक बगलमे अशोक स्तम्भक रुपमे देख सकैत छी। ओ बौद्ध धर्मक प्रचार भारत लगायत श्रीलंका, अफगानिस्थान, पश्चिम एसिया, इजिप्ट तथा ग्रीकमे सेहो करेलक।
आरम्भिक जीवनसंपादित करें
अशोक मौर्य सम्राट बिन्दुसार तथा रानी धर्माक पुत्र छल। कहल जाइत अछि कि धर्मा एकटा ब्राह्मणक बेटी छल । एक दिन ओ स्वप्न देखलक कि उनकर बेटा एकटा पैग सम्राट बनत । ओकर बाद उनका राजा बिन्दुसार अपन रानी बनेलक। जब कि धर्मा कोनो क्षत्रिय कुलसँ नै छल तसर्थ उनका राजकुलमे कोनो विशेष स्थान प्राप्त नै छल। अशोकक बहुत भाई-भैया (सौतेली)-बहीन छल। बाल्यकालमे ओ सभमे कडा प्रतिस्पर्धा होइत छल। अशोकक बारेमा कहल जाइत अछि कि ओ बाल्यकालसँ सैन्य गतिविधिसभमे प्रवीण छल।