श्रवणवेलगोला (कन्नड : ಶ್ರವಣಬೆಳಗೊಳ) कर्नाटक राज्यक चन्नारायपटक हस्सन जिलामे स्थित एक शहर छी । ई राज्यक राजधानी बेङ्गलोर सँ १४४ कि. मी. टाढा रहल अछि । ई एक प्रसिद्ध जैन तीर्थस्थल छी । कन्नड़ मे 'वेल' कऽ अर्थ श्वेत होएत आ 'गोल' कऽ अर्थ सरोवर होएत अछि । शहरक मध्य भागमे एक सुन्दर श्वेत सरोवरक कारण नाम बेलगोला अथावा श्रवणबेलगोला रहल अछि ।

श्रवणबेलगोला
—  शहर  —
समय मण्डल: आइएसटी (युटिसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य कर्नाटक

निर्देशाङ्क: १२°५१′N ७६°२९′E / १२.८५°N ७६.४८°E / 12.85; 76.48

चन्द्रागिरी मन्दिर कम्पलेक्सक पानारोमिक दृष्य

ई स्थान बिध्यागिरी आ चन्द्रागिरीक मध्य भागमे अवस्थित अछि। बिध्यागिरीमे ७ तथा चन्द्रागिरीमे १४ जैन मन्दिर रहल अछि ।[१]

स्थान सम्पादन करी

श्रवणवेलगोला कर्नाटक राज्यक हस्सन जिलामे स्थित चन्नारयापन तालुकमे चन्नारायपटक दक्षिण-पूर्व सँ ११ कि. मी. दुरीमे स्थित अछि । ई जिला केन्द्र कर्नाटकक ५१ कि.मी. दक्षिण-पूर्व कऽ दूरीमे रहल अछि । ई बंगलौर-मंगलोर रोड (एनएच ७५), हिरासेव सँ १८ किलोमिटर, हिलबिडसँ ७८ कि. मी, बेलूर सँ ८९ कि. मी., कर्नाटकक राजधानी बेंगलोर सँ १४४ कि. मी. आ बेगलोर सँ २२२ कि .मी. दुरीमे अवस्थित रहल अछि ।

इतिहास सम्पादन करी

 
एक पुरान फोटोग्राफ (सि. १८९९)
 
श्रवणबेलगोला पोखरी

श्रवणबेलगोलामे चन्द्रागिरी आ बिन्ध्यागिरि पहाड रहल अछि । आचार्य भाद्रबाहु आ तिनकर शिष्यसभ ध्यान करैत छल विश्वाश अछि ।[२][३]

शिलालेखसभ सम्पादन करी

बसदी सम्पादन करी

अकिना बसदी: ई सन् ११८१ मे बनाने छल । अक्कना बसदी २३ अम तिर्थन्कारा पर्श्वानाथक मन्दिर मुख्य देवताक रूपमे रहल अछि । चन्द्रगुप्त बसदी: ई ९ अम शताब्दीमे स्थापना कएल गेल छल । ई मन्दिरक बीच भागमे पार्श्वनाथक तस्बिर, पदममुथाक एक आ दाहिनादिश आ कुशमन्डीक एक बसल मुद्रामे रहल अछि । शान्तीनाथ बसदी: ई मन्दिर शान्तीनाथक लेल समर्पित अछि । ई लगभग १२०० ए. डी. वरपर निर्माण भेल अछि । पार्वननाथ बसदी: बाहार सजाइएल द्दवालसभ संग ई सुन्दर संरचना छी । पार्वननाथक तस्बिर ओ पहाडमे सबसँ उच्च अछि, जेकर उचाई १८ फिट अछि । मनिस्टेम्बा (स्तम्भ) सब चार दिशामे मूर्तिकला कएल अछि जे दक्षिणमे पद्मवतीक संख्या, पूर्वमे याकेश, उत्तरमे कुशम्याण्डी आ पश्चिममे गेलोपिंग घोडासभ अछि । नभरंगमे स्तम्भसभ गोला गंगा प्रकारक रहल अछि जे घण्टी, भाँडा आ चक्का मोल्डिंगसभ अछि ।

चित्र दिर्घा सम्पादन करी

सन्दर्भ सामग्रीसभ सम्पादन करी

  1. Vir Sanghvi, "Rude Travel: Down The Sages", Hindustan Times, मूलसँ 2015-08-25 कऽ सङ्ग्रहित, अन्तिम पहुँच 2017-11-24 {{citation}}: Unknown parameter |dead-url= ignored (|url-status= suggested) (help)
  2. Sangave 2001, p. 204.
  3. S. Settar, Inviting Death: Historical experiments on sepulchral hill, Karnatak University, Dharwar, 1986

बाह्य जडीसभ सम्पादन करी