वराहक्षेत्र धाम
बराहक्षेत्र (या वराहक्षेत्र सेहो; नेपाली: वराहक्षेत्र) एकटा हिन्दू आ किराँती तीर्थस्थल छी[१]जे नेपालक कोशी प्रदेश के बराहक्षेत्र, सुनसरीमे कोका आ कोशी नदि केर सङ्गमक बीच बनल अछि। ई स्थान नेपाल केर सभसँ पुरान तीर्थस्थलसभमे सँ एक छी जेकर उल्लेख ब्रह्म पुराण, वराह पुराण आ स्कन्द पुराण सहित पुराणसभमे कएल गेल अछि आ एतय धरि कि महाभारत महाकाव्यमे सेहो एकर उल्लेख आ महिमा कएल गेल अछि। बराहक्षेत्रमे विष्णु केर अवतार वराहक पूजा कएल जाईत अछि। बराहक्षेत्र नेपालक चारिटा धामसभमे सँ एक छी।[२][३]
वराहक्षेत्र Barahakshetra | |
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बराहक्षेत्र | |
धर्म | |
आवद्धता | हिन्दु |
District | सुनसरी |
देवता | विष्णु भगवान (वराह केर रुपमे) |
पावनि | प्रबोधिनी एकादशी सँ कार्तिक पूर्णिमा, माघे संक्रान्ति |
स्थान | |
प्रदेश | कोशी प्रदेश |
राष्ट्र | नेपाल |
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भौगोलिक निर्देशाङ्क प्रणाली | २६°५०′N ८७°११′E / २६.८३°N ८७.१८°Eनिर्देशाङ्क: २६°५०′N ८७°११′E / २६.८३°N ८७.१८°E |
वास्तुकला | |
प्रकार | गुम्बज |
Specifications | |
Monument(s) | 9 |
उँचाइ | २१४ मी (७०२ फिट) |
ई स्थान सुनसरी जिलाक धरानसँ लगभग ५ किमी उत्तर पश्चिममे स्थित अछि। बराहक्षेत्र के मूल मन्दिरक वर्तमान स्वरूप १९९१ ईसा पुर्वमे बनाओल गेल छल। वि.स. १९९० के भूकम्प सँ मन्दिर के ध्वस्त होबाक वि.स. १९९१ मे एखन धरि मे अन्तिम बेरी जुद्ध शमशेर मन्दिरक पुनर्निर्माण केने छल। बराहक्षेत्रमे लक्ष्मी, पञ्चायन, गुरुवराह, सूर्यवराह, कोकावराह आ नागेश्वर सहित ९ टा मन्दिर आ अनेकौं धर्मशालासभ अछि। एहि ठाम पर १५०० साल सँ अधिक बेसी पुरान मूर्तिसभ मिलल अछि।
तीर्थयात्री सभ मौसमसभमे अवैत अछि मुद्दा कार्तिक पूर्णिमा आ मकर संक्रान्ति केर अवसरसभ पर विशेष उत्सवक आयोजन कएल जाईत अछि। भारतसँ लोक कार्तिक पूर्णिमामे बराहक्षेत्र आनाए पसन्द करैत अछि आ पहाडी नेपालसँ लोक साधारण रुपसँ मकर संक्रान्तिमे अवैत अछि। एकर बाहेक, ऋषि पञ्चमी, ब्यास पञ्चमी, फागु पूर्णिमा आ अन्य एकादशी या अन्य व्रतसभ आ पावनि के दिनसभमे बेसी संख्यामे तीर्थयात्री पहुँचैत अछि। लोकसभ के नियमित आवागमनके कारण प्रत्येक दिन एक पावनि जेहन लगैत अछि।
भगवान विष्णु वराह या बराहक अवतार लके अपन लम्बा दाँतसँ पृथ्वी केर पातालमे डूबे सँ बचौने छल। तखन भगवान अपन पत्नी लक्ष्मी केर साथ हिमालय आ पहाड केर गोदमे कोशी नदी केर तट पर बैस गेल। एहि लेल, ई स्थानक नाम ओ घटना के नाम पर पड्ल अछि। एतय भगवान विष्णु बराह अवतारक एकटा बडका आ सुन्दर छवि अछि।
कुम्भ मेला
सम्पादन करीनेपाल विश्व केर पाँचम् कुम्भ मेला स्थल छी। ईसा पूर्व २०५८ सँ प्रत्येक बारह सालमे एकटा अर्ध-कुम्भ मेला केर आयोजन होईत आवि रहल अछि। चतराधाम, सुनसरीमे दोसर आयोजन वि.स. २०७० मे आयोजित कएल गेल छल। एक महिना धरि के अवधि के लेल वर्ष २०७० मे कोशी मे कुम्भ आसन के लेल ६००,००० सँ अधिक लोक आएल।
सन्दर्भ सामग्रीसभ
सम्पादन करी- ↑ "ArchivesVarahakshetra"।
- ↑ "बराहक्षेत्र"। birattourism.org.np।[permanent dead link]
- ↑ Sansar, Nepali (2019-03-30)। "Nepal's Top Pilgrimage and Holy Sites – The Abode of Spirituality"। Nepali Sansar (अमेरिकी अंग्रेज़ीमे)। अन्तिम पहुँच 2020-12-15।