मिर्जापुर
मिर्जापुर भारत कऽ उत्तर प्रदेश राज्यकऽ शहर छी। ई मिर्जापुर जिला क मुख्यालय छी। पर्यटनक दृष्टिसँ मिर्जापुर बहुत महत्वपूर्ण जिला मानल जाएत अछि। प्राकृतिक सुन्दरता आ धार्मिक वातावरण बरबस लोगो कऽ ध्यान अपन तर्फ खिचैत अछि । मिर्जापुर स्थित विन्ध्याचल धाम भारतक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थलमे सँ एक छी। एहिके अतिरिक्त, ई जिलामे सीता कुण्ड, लाल भैरव मन्दिर, मोती तालाब, टण्डा जलप्रपात, विन्धाम झरना, तारकेश्वर महादेव, महा त्रिकोण, शिव पुर, चुनार किला, गुरूद्वारा गुरू दा बाघ आ रामेश्वर आदि लेल प्रसिद्ध अछि। मिर्जापुर वाराणसी जिलाक उत्तर, सोनभद्र जिलाक दक्षिण आ इलाहाबाद जिलाक पश्चिमसँ घेरल अछि। भारतक अन्तराष्ट्रीय मानक समय इलाहाबाद जिलाक नैनीक स्थानसँ लेल गेल अछि मिर्जापुर "लालस्टोन" लेल बहुत विख्यात अछि प्राचीन समयमे ई स्टोनक मौर्य वन्शक राजा सम्राट् अशोक द्वारा बौद्ध स्तुपक एवम अशोक स्तम्भ(वर्तमान मे भारत का राष्ट्रीय चिन्ह ) कऽ बनावैएमे केने छल मिर्जापुर कऽ लोग कऽ भाषा हिन्दी एवम भोजपुरी छी।
मिर्जापुर | |
— शहर — | |
समय मण्डल: आइएसटी (युटिसी+५:३०) | |
देश | भारत |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
जिला | मिर्जापुर |
जनसङ्ख्या | २१,१६,०४२ (2001[अपडेट]) |
क्षेत्रफल • उचाई (अवनति) |
• ८० मीटर (२६२ फी॰) |
विभिन्न कोड
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आधिकारिक वेबसाइट: mirzapur.nic.in/ |
नाम
सम्पादन करीजनपद कऽ नामक लऽ कई भ्रातिया व्याप्त अछि। कुछ प्राचीन लोककथाक अनुसार विन्ध्याचल, अरावली एवम नीलगिरीसँ घिरल क्षेत्र को विन्ध्यक्षेत्रक नामसँ जानल जाएत अछि। समय विन्ध्यक्षेत्रमे विभिन्न क्षेत्रका अलग अलग नामकरण भेल । जानकी मान्डा कऽ समीपक क्षेत्र पम्पापुर कऽ नाम सँ, वर्तमानका अमरावती क्षेत्र गिरिजापुरक नामसँ तथा आसपासक क्षेत्र सप्त सागरक नाम सँ विख्यात भेल ।
भूगोल
सम्पादन करीमिर्जापुर कऽ स्थिति २५°०९′N ८२°३५′E / २५.१५°N ८२.५८°E[१] पर अछि। औसत उचाई ८० मीटर (२६५ फीट) अछि।
जनसंख्या
सम्पादन करीउत्तर प्रदेश एक जिला मिर्जापुर कऽ एक आधिकारिक जनगणना २०११ विवरण, उत्तर प्रदेशमे जनगणना सन्चालन निदेशालय द्वारा जारी कएल गेल अछि। उत्तर प्रदेश कऽ मिर्जापुर जिला कऽ जनगणना अधिकारि सेहो महत्वपूर्ण व्यक्ति गणना केलक।
२०११ मे, मिर्जापुर की जनसंख्या २,४९६, ९७० छल जहिमे पुरुष आ महिला क्रमशः १,३१२,३०२ आ १,१८४,६६८ छल । २००१ कऽ जनगणनामे, मिर्जापुर २,११६,०४२ आबादी छल , जहिमे पुरुष १,११५,२४ ९ आ शेष १,०००,७९३ महिलाछल । मिर्जापुर जिला आबादी कुल महाराष्ट्रक जनसंख्याक १.२५ प्रतिशत अछि। २००१ क जनगणनामे, मिर्जापुर जिलाक लेल ई महाराष्ट्र आबादी कऽ १.२७ प्रतिशत छल ।
२००१ कऽ अनुसार आबादी कऽ तुलनामे आबादीक तुलना मे जनसंख्या मे १८.०० प्रतिशत कऽ परिवर्तन भेल छल । भारतकी पिछल जनगणना मे, मिर्जापुर जिला १९९१ कऽ तुलनामे आबादी मे २७.४४ प्रतिशत कऽ वृद्धि दर्ज केलक।
आवागमन
सम्पादन करी- वायु मार्ग
सबसँ निकटतम हवाई अड्डा बाबतपुर (वाराणसी विमानक्षेत्र) छी। वाराणसीसँ मिर्जापुर ६० किलोमीटर कऽ दूरी पर स्थित अछि। दिल्ली, आगरा, मुम्बई, लखनऊ आ काठमाणडू आदि सँ वायुमार्ग द्वारा मिर्जापुर पहुच जा सकैत अछि।
- रेल मार्ग
मिर्जापुर रेलमार्ग द्वारा भारत कऽ कई प्रमुख शहर सँ जुडल अछि। कुछ महत्वपूर्ण ट्रेने जैस कालका मेल, पुरूषोतम एक्सप्रेस, मगध एक्सप्रेस, गंगा ताप्ती, त्रिवेणी, महानगरी एक्सप्रेस, हावड़-मुम्बई आदि द्वारा यहां पहुच जा सकैत।
- सड़क मार्ग
मिर्जापुर सड़कमार्ग द्वारा भारत कऽ कई प्रमुख शहर सँ जुडल अछि। लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना, दिल्ली और कलकत्ता आदि जगह सँ सड़कमार्ग द्वारा पहुत जा सकैत।
प्रमुख आकर्षण
सम्पादन करीतारकेश्वर महादेव
सम्पादन करीविन्ध्याचल कऽ पूर्वमे स्थित तारकेश्वर महादेव कऽ जिक्र पुराणमे सेहो कएल गेल अछि। मन्दिरक समीप एक कुण्ड स्थित अछि। मानल जाएत अछि कि तराक नामक असुर मन्दिर कऽ समीप एक कुण्ड खोदने छल । भगवान शिव तारक कऽ वध केने छल । तहिल ओ तारकेश्वर महादेव सेहो कहल जाएत अछि। कुण्ड कऽ समीप बहुत शिवलिङ्ग स्थित अछि। पौराणिक कथाक अनुसार भगवान विष्णु तारकेश्वर पश्चिम दिशाक ओर एक कुण्ड आ भगवान शिव मन्दिर कऽ निर्माण केने छल । एहि अतिरिक्त, एहो कहल जाएत कि तारकेश्वरमे देवी लक्ष्मी निवास करती करैत अछि। देवी लक्ष्मी अन्य रूपमे देवी सरस्वतीक साथ वैष्णवी रूपमे रहैत अछि।
महा त्रिकोण
सम्पादन करीकहल जाएत अछि कि महा त्रिकोण कऽ परिक्रमे करैसँ भक्त की इच्छा पूरी होएत अछि। मन्दिर स्थित विन्ध्यावशनी देवी कऽ दर्शन करैके पश्चात् भक्त संकट मोचन मन्दिर जाएत अछि। ई मन्दिर कऽ कालीखोह नाम सँ सेहो जानल जाएत अछि। यह मन्दिर विन्ध्याचल रेलवे स्टेशन कऽ दक्षिण दिशा की ओर स्थित अछि। देवी काली आ संकट मोचन कऽ दर्शन करैके बाद भक्त अपन परिक्रमा सन्त करनागिरी बावली कऽ दर्शन करैके पूरा करैत अछि। कालीखोह कऽ आस-पास अन्य कयो मन्दिर जना आनन्द भैरव, सिद्धनाथ भैरव, कपाल भैरव आ भैरव आदि स्थित अछि। विन्ध्याचल मन्दिर परिक्रमा पूरा करैके पश्चात् मनक बेहद सुकून प्राप्त होएत अछि । पूरी यात्रा महा त्रिकोण कऽ नाम सँ प्रसिद्ध अछि।
विन्ध्याचलमे त्रिकोण यात्रा कऽ बहुत महत्त्व अछि। त्रिकोण कऽ सही क्र्म छी- सर्वप्रथम गंगास्नान कऽ पश्चात् तट पर स्थित विन्ध्यवासिनी देवी कऽ दर्शन। तत्पश्चात् कालीगोह स्थित मां काली कऽ दर्शन। अष्टभुजी क यात्रा, विन्ध्यवासिनी आकर पुनः दर्शन। एहि प्रकार लगभग चौहद किलोमीटर कऽ ई यात्रा होएत अछि। ई तीन स्थल स्पष्ट रूपसँ त्रिभुज कऽ तीन कोण पर अवस्थित अछि। ई यात्रा कऽ अतिशय महत्त्व अछि। तन्त्र शास्त्रमे ई बाह्यत्रिकोण कऽ यात्रा कऽ रूपमे मान्यता अछि। एहि आधारित अन्तः त्रिकोण कऽ यात्रा सेहो होएत अछि।