मदन मोहन मालवीय
महामना मदन मोहन मालवीय उच्चारण (सहायता जानकारी) (२५ दिसम्बर १८६१ - १९४६) काशी हिन्दू विश्वविद्यालयक प्रणेता छलाह सँगे ओ युगक आदर्श पुरुष सेहो छलाह । ओ भारतक पहिल आ एहन अन्तिम व्यक्ति छल जिनका महामनाक सम्मानजनक उपाधिसँ विभूषित कएल गेल छल । पत्रकारिता, आन्दोलक, समाज सुधारक, मातृभाषा तथा भारतमाताक सेवामे अपन जीवन समर्पण केनिहार ओ महान व्यक्तित्व जे विश्वविद्यालयक स्थापना केनए छल जाहिमे हिनकर परिकल्पनामे एहन विद्यार्थीसभ शिक्षित होए जे देशक सेवाक लेल तयार करि देशक शिर गौरवसँ उच्च भऽ सकए । मालवीयजी सत्य, ब्रह्मचर्य, व्यायाम, देशभक्ति आ आत्मत्यागमा अद्वितीय छ्लाह । ई सम्पूर्ण आचरणमे ओ मात्र उपदेशक नै भऽ स्वयं ओ सभक लेल पालन कर्ताकें रुपमे सेहो रहल छल । ओ अपन व्यवहारमे सदैव मृदुभाषी रहल आ कर्म हि हुनकर जीवन छल । अनेको संस्थासभक संस्थापक तथा सफल सञ्चालक रुपमे सेहो अपन नियम कानून व्यवस्थाक सुचारू रखैत ओ कहियो रिस आ द्वेस आ कड़ा स्वरमे किनको मन नै दुखेलक । भारत सरकार द्वारा २४ दिसम्बर २०१४ मे हुनका भारत रत्नसँ सम्मानित कएल गेल छल ।
महामना मदनमोहन मालवीय
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संसद भवनमे सजाएल महामना मदनमोहन मालवीयक चित्र | |
कार्यकाल १९०९-१०; १९१८-१९; १९३२-१९३३ | |
जन्म | २५ डिसेम्बर १८६१ प्रयाग, ब्रिटिश भारत |
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मृत्यु | १२ नोवेम्बर १९४६ (उमर ८५वर्ष) बनारस, ब्रिटिश भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राजनैतिक पार्टी | भारतीय राष्ट्रिय काङ्ग्रेस |
विद्या अर्जन | प्रयाग विश्वविद्यालय कलकत्ता विश्वविद्यालय |
धर्म | हिन्दू |
जीवन चित्रण
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