पारसमणिनाथ मन्दिर

पारसमणिनाथ मन्दिर (अङ्ग्रेजी: Parasmaninath Temple) पारसमणिनाथ मन्दिर हिन्दू आराध्य शिव जी केर विख्यात मन्दिर अछि। हजारो वर्ष पुरान इ मन्दिर भारतवर्षक,बिहार राज्य केर मधुबनी जिलाक रहुआ-संग्राम[] नामक गाम म् अवस्थित अछि। पारसमणिनाथ मन्दिरक प्रसिद्धि केर कारण ई गाम सगरो पारसमणिधाम रहुआ-संग्राम केर नाम सँ विख्यात अछि।

पारसमणिनाथ मन्दिर
Parasmaninath Temple
पारसमणिनाथ मन्दिर Parasmaninath Temple बिहारपर अवस्थित
पारसमणिनाथ मन्दिर Parasmaninath Temple
पारसमणिनाथ मन्दिर
Parasmaninath Temple
निर्देशाङ्क:२६°७′५५.६५″उ॰ ८६°२३′५४.८९५″पू॰ / २६.१३२१२५०°N ८६.३९८५८१९४°E / 26.1321250; 86.39858194
नाम
अन्य नामसभ:पारसमणिधाम रहुआ-संग्राम
वास्तविक नाम:पारसमणिनाथ मन्दिर
देवनागरी:श्री पारसमणिनाथ मन्दिर
अवस्थिति
देश:भारत
राज्य/अञ्चल:बिहार
जिला:मधुबनी
कला आ संस्कृति
मुख्य देवता:शिव
प्रमुख पर्व:महाशिवरात्री
मन्दिरसभक सङ्ख्या:
स्मारकसभक सङ्ख्या:
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
मन्दिर सञ्चालक:पारसमणि फाउंडेशन
परिचालक निकाय:पारसमणि फाउंडेशन
वेबसाइट:parasmanidham.com

संत शिरोमणि परमहंस लक्ष्मीनाथ गोसाउनिक सिद्धि स्थली इ मंदिर पवित्रता लेल सगरो जानल जाइत अछि। कहबीक अनुसार अहि ठाम अयला सँ भक्तजनक सर्वस्व मनोरथ पूर्ण होयत अछि।[]

मंदिरक मुख्य आकर्षण: मंदिर प्रांगण म् स्थित बिहार-झारखण्ड केर सबसँ ऊंच ३२ फीट शिव प्रतिमा अपन भव्यता सँ अहि जगह केर सुंदरता म् चारि चान लगबैत अछि। मंदिर प्रांगण म् अवस्थित पोखरिक मध्य बनैत मंदिरक छवि देखवा लेल भक्तजन बहुते उत्साहित रहैत छथि । प्रतिवर्ष महाशिवरात्रिक उपलक्ष म मेलाक आयोजन होइत अछि एवम उल्लासपूर्वक शिव विवाह मनायल जाइत अछि जे भक्तजन लेल मुख्य आकर्षणक केंद्र रहैत अछि।

पवित्र काँवर यात्रा: प्रतिवर्ष शिवरात्रिक दिन हजारो श्रद्धालु सिमरिया स्थित पवित्र गंगा नदी केर जल सँ पारसमणिनाथ केर जालाभिषेक करैत छथि। सिमरिया स्थित गंगा नदी सँ जल बोझला केर बाद पांच दिनक कठिन पैदल यात्रा क भक्तजन मंदिर पहुँचि पारसमणिनाथ केर जलाभिषेक करैत छथि।

भारतीय परम्पराक हिसाब सँ महाशिवरात्रि पाबैन प्रत्येक वर्ष फागुन मास केर कृष्ण चतुर्दशी तिथि क मनाओल जाइत अछि। किछु विद्वान केर मतानुसार भगवान शिव एवम मैया पार्वती अहि दिन परिणय सूत्र म् बन्हेल छलाह। ओना महाशिवरात्रि सँ जुड़ल आरो मान्यता छैक जेना किछु विद्वान मानैत छथि जे महाशिवरात्रिक दिन, सागरमंथन केर फलस्वरूप उत्पन्न कालकूट नामक विष पान क महादेव नीलकंठ भेल छलाह..!!

महाशिवरात्रि केर अवसर पर पारसमणिनाथ धाम जरूर आबि और शिव महिमाक आभास करि संगहि प्रसिद्ध "शिव-विवाह" केर साक्षी बनी..! जटा म् गंगा धारण कर बला, भाल पर चान सजाब बला, मस्तक त्रिपुण्ड कंठहि कालपाश धारण कर बला पारसमणिनाथ जिनका अनेको नाम शिवशंकर, शंकर, भोलेनाथ , महादेव, आशुतोष, नीलकंठ, उमापति, गौरीशंकर,सोमेश्वर, महाकाल, अर्धनारीश्वर, विश्वनाथ, बासुकीनाथ, वैद्यनाथ आदि सहस्त्रो नाम सँ जानल जाइत छैन..हुनक आभास करि महापर्व माहाशिवरात्रि केर भागी बनी।

चित्र दीर्घा

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सन्दर्भ सामग्रीसभ

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  1. http://www.maithilijindabaad.com/?p=7961
  2. "Archive copy"मूलसँ 2017-08-22 कऽ सङ्ग्रहित। अन्तिम पहुँच 2017-08-31 {{cite web}}: Unknown parameter |dead-url= ignored (|url-status= suggested) (help)CS1 maint: archived copy as title (link)

बाह्य जडीसभ

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