पराशर एक मन्त्रद्रष्टा ऋषि, शास्त्रवेत्ता, ब्रह्मज्ञानी एवं स्मृतिकार छी। ई महर्षि वसिष्ठ कऽ पौत्र, गोत्रप्रवर्तक, वैदिक सूक्तोक द्रष्टा आ ग्रंथकार सेहो छी। पराशर शर-शय्या पर पडल भीष्म सँ मिलैल गेल छल । परीक्षित् कऽ प्रायोपवेश समय उपस्थित कयो ऋषि-मुनियोसभमे एक छल । ओ छब्बीस अम द्वापर कऽ व्यास छल । जनमेजय कऽ सर्पयज्ञमे उपस्थित छल ।

पराशर
जानकारी
परिवारशक्तिमुनि (पिता), अद्यश्यन्ती (माता), विशिष्ठ (पितामह)
पति या पत्नी(सभ)काली (मत्स्यगन्धा)
बच्चाव्यास
धर्मवैदिक
राष्ट्रीयताभारतीय

'पराशर' शब्द कऽ अर्थ

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'पराशर' शब्द कऽ अर्थ छी - 'पराशृणाति पापानीति पराशरः' अर्थात् जे दर्शन-स्मरण करैसँ ही समस्त पापो कऽ नाश करैत अछि , ओहि पराशर छी।

परासुः स यतस्तेन वशिष्ठः स्थापितो मुनिः ।
गर्भस्थेन ततो लोके पराशर इति स्मृतः ॥ महाभारतम् १। १७९। ३
परासोराशासनमवस्थानं येन स पराशरः । आङ्पूर्ब्बाच्छासतेर्डरन् । इति नीलकण्ठः ॥

बाल्य आ शिक्षा

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पराशर कऽ पिताक नाम शक्तिमुनि छल आ उनकर माताक नाम अद्यश्यन्ती छल। शक्तिमुनि वसिष्ठऋषिक पुत्र आ वेदव्यास कऽ पितामह छल । ई आधार पर पराशर वसिष्ठ कऽ पौत्र छल ।

सुतं त्वजनयच्छक्त्रेरदृश्यन्ती पराशरम् ।
काली पराशरात् जज्ञे कृष्णद्वैपायनं मुनिम् ॥ इत्यग्निपुराणम् ॥

शक्तिमुनिक विवाह तपस्वी वैश्य चित्रमुख के कन्या अदृश्यन्तीसँ भेल छल । माताके गर्भ मे रहैत काल पराशर ने पिता कऽ मुँहसँ ब्रह्माण्ड पुराण सुनल छल , कालान्तरमे ओ प्रसिद्ध जितेन्द्रिय मुनि एवं युधिष्ठिर कऽ सभासद जातुकर्ण्य कऽ ओकर उपदेश केने छल । पराशर बाष्कल कऽ शिष्य छल । ऋषि बाष्कल ऋग्वेद के आचार्य थे। याज्ञवल्क्य, पराशर, बोध्यअग्निमाढक एकर शिष्य छल । बाष्कल ऋग्वेद कऽ एक शाखा के चार विभाग करके अपन ई शिष्यो कऽ पढाने छल । पराशर याज्ञवल्क्य कऽ सेहो शिष्य छल ।

सन्दर्भ सामग्रीसभ

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बाह्य जडीसभ

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एहो सभ देखी

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