सेन राजवंश भारतीय उपमहाद्वीपमे प्रारम्भिक मध्ययुग केर कालखण्ड के समयमे एकटा हिन्दू राजवंश छल, जे ११हम् आ १२हम् शताब्दी धरि बङ्गाल पऽ शासन केने छल।[]अपन चरम पऽ साम्राज्य भारतीय उपमहाद्वीप केर अधिकांश पूर्वोत्तर क्षेत्र केर ओगटने छल। सेन राजवंशक शासकसभक उत्पत्ति दक्षिण भारतीय क्षेत्र कर्नाटकमे भेल छल।[]

सेन साम्राज्य
१०७० ई.स.–१२३० ई.स.
लक्षमण सेन केर शासन कालमे सेन वंश केर निशान छाप ताम्रपत्र (बायाँ) आ डिजिटलीकृत (दायाँ)
लक्षमण सेन केर शासन कालमे सेन वंश केर निशान छाप
ताम्रपत्र (बायाँ) आ डिजिटलीकृत (दायाँ)
Location of सेन साम्राज्य
सेन साम्राज्य केर नक्शा[]
राजधानी गौडा, विक्रम्पुर, नवद्वोप, लखनौती, चन्द्रभोगागढी, बालीराजगढ, विजयनगर
भाषासभ संस्कृत, बङ्गाली
धर्म हिन्दू
शासन राजतन्त्रात्मक शासन पद्धति
Maharaja (King)
 •  १०७०–१०९५ सी.ई समन्त सेन
 •  १०९५–१०९६ सी.ई. हेमन्त सेन
 •  १०९६–११५९ सी.ई विजय सेन
 •  ११५९-११७९ सी.ई. बल्लला सेन
 •  ११७९-१२०४ सी.ई. लक्षमण सेन
 •  १२०४-१२२५ सी.ई. विश्वरुप सेन
 •  १२२५–१२३० सी.ई. केशव सेन
सुर्य सेन[]
नारायण सेन[]
ऐतिहासिक युग भारतक मध्य साम्राज्य
 •  स्थापित १०७० ई.स.
 •  विस्थापित १२३० ई.स.
Preceded by
उतराधिकारी
पाला साम्राज्य
वर्मन वंश (बङ्गाल)
समताता
देवा वंश
बङ्गालक खल्जी वंश

राजवंश केर संस्थापक समन्त सेना छल। ओकर पश्चात हेमन्त सेना आएल, जे १०९५ सी. ई. मे सत्ता हथिया लेने छल आ स्वयम् केंऽ राजा घोषित करि देलक। ओकर उत्तराधिकारी विजय सेन (१०९६ ईस्वी सँ ११५९ ईस्वी धरि शासन केलक) राजवंशक अस्तित्व रखबाकमे सहयोग केलक आ ६० वर्षसँ अधिककें असामान्य रूपसँ लाम शासन केलक। बल्लाला सेन पालसँ गौड पऽ विजय प्राप्त केलक, बङ्गाल डेल्टा केरऽ शासक बनि गेल आ नादिया के सेहो राजधानी बना लेलक। बल्लाला सेन पश्चिमी चालुक्य साम्राज्यक राजकुमारी रमादेवीसँ विवाह केलक, जे दर्शावैत अछि जे सेन शासकसभ दक्षिण भारतक सँगहि घनिष्ठ सामाजिक सम्पर्क बनाएल रखलक।[] ई.स. ११७९ मे लक्ष्मण सेन बल्लाला सेन केरऽ स्थान लऽ लेलक, लगभग २० वर्षधरि बङ्गाल पऽ शासन केलक आ सेना साम्राज्यक विस्तार ओडिशा, बिहार आ सम्भवतः वाराणसी धरि केलक। ई.स. १२०३-१२०४ मे, घुरिद साम्राज्यक एकटा सेनापति बख्तियार खिलजी नादियाक राजधानी पऽ हमला केलक आ कब्जा करि लेलक। ई आक्रमणक विस्तृत विवरण तबकात-ए-नासिरीमे देल गेल अछि।[]



उत्पत्ति

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देवपारा प्रशस्तिमे सेन वंश केरऽ संस्थापक समन्त सेनकें कर्नाटकक प्रवासी ब्रह्मक्षत्रिय बताओल गेल अछि।[] ब्रह्म-क्षत्रिय विशेषणसँ पता चलैत अछि जे सेन जातिसँ ब्राह्मण छल जे हतियार चलाबे केरऽ पेशा अपनौलक आ क्षत्रिय बनि गेल।[] इतिहासकार पी.एन. चोपडा केरऽ अनुसार, सेन राजा सम्भवतः बैद्य सेहो छल।[]

सेन राढामे समन्त केरऽ रूपमे पालसभक सेवामे सम्मिलित भेल, सम्भवतः समन्त सेन केरऽ ही अधीनमे।[१०][११] पालसभक पतनकऽ सँगे, विजयसेन केर शासनकालक अन्त धरि ओकर क्षेत्रकें विस्तार भऽ गेल आ एहिमे वङ्गा आ वरेन्द्रकें एकटा हिस्सा सम्मिलित भऽ गेल।[१२] पालसभकें नीकसँ बेदखल करि देल गेल, आ ई. स. ११६५ केरऽ किछ समय बाद ओकर पूरे क्षेत्र पर कब्जा करि लेल गेल।[१३]


सन्दर्भ सामग्रीसभ

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  1. Schwartzberg, Joseph E. (1978). A Historical Atlas of South Asia. Oxford University Press, Digital South Asia Library. प॰ 147, Map "f". https://dsal.uchicago.edu/reference/schwartzberg/pager.html?object=185. 
  2. २.० २.१ Raj Kumar (2003). Essays on Medieval India. Discovery Publishing House. प॰ 340. आइएसबिएन 9788171416837. https://books.google.com/books?id=JB-B7Hk_35AC&q=samanta+sena&pg=PA340. 
  3. For a map of their territory, see: Schwartzberg, Joseph E. (1978). A Historical atlas of South Asia. Chicago: University of Chicago Press. प॰ 147, map XIV.3 (f). आइएसबिएन 0226742210. https://dsal.uchicago.edu/reference/schwartzberg/pager.html?object=185. 
  4. The History of the Bengali Language by Bijay Chandra Mazumdar, p. 50.
  5. Land of Two Rivers: A History of Bengal from the Mahabharata to Mujib by Nitish K. Sengupta, p. 51.
  6. MAJUMDAR, R. C.. THE HISTORY OF BENGAL, VOLUME -I. pp. 223. 
  7. Sen, Sailendra Nath (1999) (enमे). Ancient Indian History and Civilization. New Age International. pp. 287. आइएसबिएन 978-81-224-1198-0. https://books.google.com/books?id=Wk4_ICH_g1EC. 
  8. MAJUMDAR, R. C. (1971). HISTORY OF ANCIENT BENGAL. G. BHARADWAJ , CALCUTTA. http://archive.org/details/dli.bengal.10689.13287. 
  9. Chopra, Pran Nath (1982). Religions and Communities of India. East-West Publications. प॰ 78. आइएसबिएन 978-0-85692-081-3. https://books.google.com/books?id=HAtuAAAAMAAJ. "The Sena kings were probably Baidyas. The evidence of inscriptions shows that a dynasty of Baidya kings ruled over at least a part of Bengal from 1010 AD to 1200 AD. The most famous of these kings is Ballal Sena" 
  10. Sen, Sailendra (2013). A Textbook of Medieval Indian History. Primus Books. pp. 35–36. आइएसबिएन 978-9-38060-734-4. 
  11. Furui, Ryosuke (2 July 2019). "6: Towards Brahmanical Systematisation: c. 1100–1250 AD" (enमे). Land and Society in Early South Asia: Eastern India 400–1250 AD. Routledge. pp. 188. आइएसबिएन 978-1-000-08480-1. https://books.google.com/books?id=lM6gDwAAQBAJ&q=Towards+Brahmanical+Systematisation:+c.+1100%E2%80%931250+AD. 
  12. Furui, Ryosuke (2 July 2019). "6: Towards Brahmanical Systematisation: c. 1100–1250 AD" (enमे). Land and Society in Early South Asia: Eastern India 400–1250 AD. Routledge. pp. 188. आइएसबिएन 978-1-000-08480-1. https://books.google.com/books?id=lM6gDwAAQBAJ&q=Towards+Brahmanical+Systematisation:+c.+1100%E2%80%931250+AD. 
  13. Furui, Ryosuke (2 July 2019). "6: Towards Brahmanical Systematisation: c. 1100–1250 AD" (enमे). Land and Society in Early South Asia: Eastern India 400–1250 AD. Routledge. pp. 188. आइएसबिएन 978-1-000-08480-1. https://books.google.com/books?id=lM6gDwAAQBAJ&q=Towards+Brahmanical+Systematisation:+c.+1100%E2%80%931250+AD.