सत्यात्मा तीर्थ श्रीपदुलावरु (जन्म 8 मार्च 1973) (बाल नाम: गुत्तल सर्वज्ञाचार्य), उत्तरादी मठ के 42वें प्रमुख।[][]

श्री श्री 1008 श्री सत्यात्म तीर्थ श्रीपाद
जगद्गुरु श्री श्री सत्यात्म तीर्थ श्रीपाद 2014 में
जन्मसर्वाग्न्याछार्य गुट्टल
(१९७३-०३-०८)८ मार्च १९७३
मुंबई, महाराष्ट्र
उपाधि/सम्मानअभिनव रघूत्तम
खोजकर्ता छीविश्व माधव महा परिषद
गुरूसत्यप्रमोदा तीर्थ
दर्शनद्वैत वेदान्त

जीवन के विशेषताएँ

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सत्यात्मा तीर्थ महास्वामी के जन्म महान नगरी मुंबई में 8 मार्च 1973 के एक देसस्थ ब्राह्मण परिवार में भेल छल। हिनक माता-पिता हिनक नाम सर्वज्ञाचार्य रखलनि। एहिठाम गुठ्ठल वेदिकाचार परिवारक अछि। हिनक माता-पिता गुत्तल रंगाचार्य, के. एस. रुखमबाई। हिनक पितामह छलाह श्री सत्य प्रमोद तीर्थ, उत्तरादी मठक 41म प्रमुख छलाह।[]

स्वामी बाल्यकालसँ भक्ति देखबैत छलाह। पितासँ वेदध्यानम आरम्भ करैत ओ बादमे उत्तरादी मठक ४१म प्रमुख श्री सत्यप्रमोद तीर्थ महास्वामीवरी आ हुनक पितामहसँ संस्कृत आन्ध्र सीखलनि। कम उमेरमे ओ संस्कृतमे नीक ज्ञान रखैत छलाह आ विद्वानसभक अनुमोदन सेहो प्राप्त कएने छलाह, ओ संहिता, ब्राह्मण, आरण्यकम अध्ययन कए वैदिक परीक्षा श्रेष्ठ पदसँ उत्तीर्ण कएने छलाह। ओ एकसंथाग्रही छथि।[]

सर्वज्ञाचार्य २३ वर्षक उमेरमे भिक्षु बनलाह। ओ साक्षात् ब्रह्माचार्य आश्रम स्वीकार केलनि। उत्तरादी मठ के 14म प्रमुख श्री रघुतम तीर्थ के बृन्दावन में श्री सत्यप्रमोद तीर्थ स्वामीजी के सानिध्य में 24 अप्रैल 1996 को ब्रह्मचर्य प्राप्त किया। तखने हुनकर नाम बदलि कए सत्यात्मा तीर्थ राखल गेल ।[]

सामाजिक दायित्व

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उत्तरादी मठ के साथ श्री सत्यथमा तीर्थ, जल संरक्षण एवं प्रबंधन विशेषज्ञों को प्रोत्साहित किया गया, 'भारत के जल पुरुष', रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित राजेन्द्र सिंह ने जल संरक्षण एवं अन्य विषयों पर व्याख्यान देने के लिए प्रेरित किया। उत्तरादी मठ, विश्व मधवा महा परिषद के संयुक्त रचना के माध्यम स हर साल जरूरतमंद छात्र के 5.00 लाख रुपया (लगभग 10,000 अमेरिकी डॉलर) के धुन तक मदद करय में अहम भूमिका निभा रहल छैथ।

बाढ़ पीड़ितों को सहायता

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ओ 2009 के बाढ़ि मे बेल्लारी, बीजापुर, रायचूर, बगलकोट जिला के बाढ़ि पीड़ित के राहत सामग्री के आपूर्ति केलखिन्ह, बाढ़ि मे घर गंवा चुकल लोक के लेल 100 कम लागत वाला मकान के निर्माण के लेल कदम उठेलखिन्ह. गामक सर्वांगीण विकासक लेल ओ कर्नाटकक राचुरमे एकटा ग्रामीण गाम सेहो अपना लेलक। खबर अछि जे ओ आधुनिक समाज मे धार्मिक 'गणित' के भूमिका के नव परिभाषित करय के कोशिश क रहल छथिन्ह, जाहि सं वर्तमान समाज 'गणित' आधुनिक समाज के बुराई सं मुक्ति के कोशिश करय.

हिन्दू धर्मक अपार ज्ञानक कारणेँ हुनका सभक सम्मान छलनि। हिनक नेतृत्व मे उत्तरादी मठ एकटा सशक्त संस्था बनि गेल। हिन्दू धर्मक उत्थान आ जन-कल्याणक लेल "विश्व मध्व महा परिषद्" संस्थाक स्थापना केलन्हि। विश्व मध्व महा परिषद के माध्यम स बहुत रास नीक काज क रहल छथि।[]

सन्दर्भ सामग्रीसभ

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  1. Sharma, B. N. Krishnamurti (2000). A History of the Dvaita School of Vedānta and Its Literature, Vol 1. 3rd Edition. Motilal Banarsidass (2008 Reprint). प॰ 650. आइएसबिएन 978-81-208-1575-9. 
  2. Naqvī, Ṣādiq; Rao, V. Kishan (2005). A Thousand Laurels--Dr. Sadiq Naqvi: Studies on Medieval India with Special Reference to Deccan, Volume 2. Department of Ancient Indian History, Culture & Archaeology, Osmania University. प॰ 780. https://books.google.co.in/books?id=DV9uAAAAMAAJ. 
  3. Sharma, B. N. Krishnamurti (2000). A History of the Dvaita School of Vedānta and Its Literature, Vol 1. 3rd Edition. Motilal Banarsidass (2008 Reprint). प॰ 198. आइएसबिएन 978-81-208-1575-9. 
  4. Math, Shri Uttaradi। "Shri Satyatma Tirta"। Shri Uttaradi Math. uttaradimath.org। मूलसँ 8 ఆగస్టు 2012 कऽ सङ्ग्रहित। अन्तिम पहुँच 5 September 2012 {{cite web}}: Check date values in: |archive-date= (help)
  5. Vadiraj Raghawendracharya Panchamukhi (2002). Kāvyakusumastabakaḥ. Rāṣṭrīyasaṃskr̥tavidyāpīṭhaṃ, Tirupati. 
  6. Radhavallabh Tripathi (2012). Ṣaṣṭyabdasaṃskr̥tam: India. Rashtriya Sanskrit Sansthan. प॰ 204. आइएसबिएन 978-81-246-0629-2. https://books.google.co.in/books?id=6-oTrf_Q4I8C. "VISHVA MADHWA MAHA PARISHAT, BANGALORE Founded by pontiff of Sri Uttaradi Mutt, Sri Satyatmathirta Swamiji" 

बाहरी लिंक

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