वासुदेव बलवन्त फडके

वासुदेव बलवन्त फडके (४ नवम्बर १८४५ – १७ फरवरी १८८३) भारतके स्वतंत्रता सङ्ग्रामक क्रान्तिकारी छल जिनका आदि क्रान्तिकारी कहल जाइत अछि। ओ ब्रिटिश कालमे किसानसभक दयनीय दशाक देख करि विचलित भ गेल छल। उनकर दृढ विश्वास छल कि 'स्वराज' ही ई रोगक दवाई अछि।

मुम्बईमे वासुदेव बलवन्त फडकेक मूर्ति

जिनकर केवल नाम लै सँ युवकसभमे राष्ट्रभक्ति जागृत भा जाइत छल, एहन छल वासुदेव बलवन्त फडके। ओ भारतीय स्वतंत्रता सङ्ग्रामक आद्य क्रान्तिकारी छल। ओ स्वतंत्रता प्राप्तिक लेल सशस्त्र मार्गक अनुसरण केलक। अङ्ग्रेजक विरुद्ध विद्रोह करैके लेल लोगसभक जागृत करैके कार्य वासुदेव बलवन्त फडके केने छल। महाराष्ट्रक कोळी, भील तथा धाङ्गड जातिसभक एकत्र करि ओ 'रामोशी' नामक क्रान्तिकारी संगठन खडा केलक। अपन ई मुक्ति सङ्ग्रामक लेल धन एकत्र करैके लेल ओ धनीक अङ्ग्रेज साहुकारसभक लूटने छल।

फडकेक तखन विशेष प्रसिद्धि मिलल जब ओ पुणे नगरक किछ दिन के लेल अपन नियन्त्रणमे ल लेने छल। २० जुलाई १८७९मे ओ बीजापुरमे पकडमे आवि गेल। अभियोग चला करि उनका काला पानीक दण्ड देल गेल। अत्याचारसँ दुर्बल भ एडनके कारागृहमे उनकर देहान्त भ गेल।

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बाह्य जडीसभ

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एहो सभ देखी

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