माधवप्रसाद घिमिरे (साहित्यकार)

माधवप्रसाद घिमिरे (जन्म: वि.सं.१९७६ असोज ७ गते) स्वच्छन्दतावादी भावधारा आ परिष्कारवादी शैली भेल कुशल नेपाली साहित्यकार कवि आ गीतकार अछी । उनकर बाल्यावस्थासँ निरन्तर रुपमे नेपाली साहित्यक कविता, खण्डकाव्य, गितिनाटक, कथा, अनुवाद लेख -प्रबन्ध जहिने अनेकौं विधा-उपविधासभमे निरन्तर कलम चलैत अायल बहुमुखी प्रतिभा छी ।[] प्रकृतिका अनेकन बिबिध पक्ष सभके अपन जिवन्त रचना सभामे समावेश करैत जिवनके प्रकृतिसापेक्ष ढङगसँ व्याख्या कैर उनकर लेखाईसभ दिर्घसाधना भरल अछी । ओ १९९२ सालमे गोरखापत्रमे अपन कविता छपावैला छल । उनकर नवमञ्जरी (१९९४), घामपानी (२०१०), नयाँ नेपाल (२०१३), किन्नर-किन्नरी (२०३३) जहिने कवितासङ्ग्रह सङ्कलित अछी । हुनका 'राष्टकवि' सँ सेहो सम्मानित कएने अछी ।

माधवप्रसाद घिमिरे

माधव
उपनाम:राष्ट्रकवि
जन्म: वि.सं. १९७६ असोज ७ गते
लमजुङ जिलाक पुस्तुन गाउँ
मृत्यु:२०७७ भाद्र २ गते मङ्गलबार
कार्यक्षेत्र: लेखन
राष्ट्रियता:नेपाली
भाषा:नेपाली भाषा
विधा:गद्य तथा पद्य
विषय:कविता, नाटक, यात्रा संस्मरण, निबन्ध आदि
लेखक




सुरुवाती जीवन

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माधवप्रसाद घिमिरेक जन्म वि.सं.१९७६ असोज ७ गते लमजुङ जिलाक पुस्तुन गाउँमे भेल । जन्मिएके तीन वर्षवाद उनर मात बित गेल । ६ वर्षक उमेरसँ अक्षर चिनलक उनकर ८–९ वर्षक उनेरमे गाउँके फुलेबाबासँग पञ्चांग अध्ययन कैलक । ११ वर्षके उमेरमे घर छौइड दुराडाँडा(लमजुङ) गाउँक संस्कृत पाठशाला हाईत काठमांडूके रानीपोखरीमे रहल संस्कृत प्रधान पाठशाला आ तीनधारा संस्कृत पाठशालाधरि आबैत ओ प्रथम उत्तीर्ण कैलक । तहिना अध्ययनके लेल ओ बनारस पुचल।[] घिमिरे भारतमे बनारसक क्विन्स विश्वविद्यालयसँ सर्वदर्शनमे शास्त्री केने छल।

पेशागत जीवन र अन्य

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१४ वर्षक उमेरमे ज्ञानपुषप शीर्षकमे वि.सं.१९९२ मे गोरखापत्रमे पहिल रचना छपाआ काव्य सिर्जनामे प्रवेश केलक । घिमिरे २००५ सालमे गोरखापत्रमै सह-सम्पादकक जागिरे सेहो छल । बनारससँ शास्त्री प्रथम खण्ड उत्तीर्ण कैलावाद वि.सं. १९९८ सालमे भाषानुवाद परिषदसँ मासिक २५ रुपैयाँ तलबमे लेखक पदमे आ २००१ सालमे गोरखापत्र दैनिकमे मासिक ४० रुपैयाँ तलबमे सहायक सम्पादक रहै काज कैलक। ओकरवाद २०१० सालमे लक्ष्मीप्रसाद देवकोटाक अध्यक्षतामे गठन भेल काव्य प्रतिष्ठानमे चार वर्षधरि सदस्य छल। []


वि.सं. २००८ सालमे लमजुङ फर्किएर माध्यमिक विद्यालयक प्रधानाध्यापक भऽ शिक्षा क्षेत्रमे प्रत्यक्ष रूपमे संलग्न भेल छल ।

चर्चित राष्ट्रिय गीत 'गाउँछ गीत नेपाली' क रचनाकार घिमिरे क अन्य चर्चित गीत सभमे 'फूलक थुङ्गा बगेर गयो' (तारादेवी) तथा 'आजै र राति के देखे सपना' (नारायण गोपाल) अछी। ओ वि.सं. २०१४ सालमे नेपाल राजकीय प्रज्ञाप्रतिष्ठानक सदस्य भेलावाद आजीवन सदस्य, उपकुलपति, कुलपति भऽ प्रज्ञाप्रतिष्ठानमे लाबा समयधरि सक्रिय रहल ।

व्यक्तिगत जीवन

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वि.सं. २००४ सालमे उनकर जीवनसंगिनी गौरीक मृत्यु भेल ।

उनकर काविक यात्राक पहिल कृति नव मञ्जरी वि.सं. १९९४ सालमे प्रकाशित भेलावाद यात्रा निरन्तर अछी। गौरी राष्ट्रकवि माधव घिमिरेद्वारा लिखल शोककाव्य अछी । साझा प्रकाशन विसं २०१५ सालमे प्रकाशित भेल ई काव्यमे १२ उपशिर्षकमे लिखल कवितासभ संग्रहित अछी ।

सम्मान तथा पुरस्कार

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राष्ट्रकवि माधव प्रसाद घिमीरे वि. सं. २०६७ सालमे पद्यश्री साधना सम्मान पुरस्कार प्रदान करैने छल ।[कृपया उद्धरण जोड़ी]

सन्दर्भ सामग्रीसभ

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  1. "माधवप्रसाद घिमिरे"मूलसँ 2015-06-20 कऽ सङ्ग्रहित। अन्तिम पहुँच 2017-01-28 {{cite web}}: Unknown parameter |dead-url= ignored (|url-status= suggested) (help)
  2. http://www.nagariknews.com/feature-article/story/60739.html
  3. http://www.nagariknews.com/feature-article/story/60739.html

बाह्य जडीसभ

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एहो सभ देखी

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