मनोवैज्ञानिक
मनोवैज्ञानिक मानसिक स्थिति, अवधारणात्मक, संज्ञानात्मक, भावनात्मक, आ सामाजिक प्रक्रिया आ व्यवहारक अध्ययन करैत छथि। हुनकर काज मे अक्सर प्रयोग, अवलोकन, आर व्याख्या शामिल छै कि व्यक्ति एक दोसर सँ आर ओकर वातावरण सँ कोना संबंधित तथा छै।[१]
मनोवैज्ञानिक सामान्यतः मनोविज्ञानमे स्नातक डिग्री प्राप्त करैत छथि, तकर बाद मनोविज्ञानमे स्नातकोत्तर डिग्री वा डॉक्टरेट प्राप्त करैत छथि। मनोचिकित्सक चिकित्सक आ मनोरोग परिचारिका-चिकित्सकसभक विपरीत, भारत में मनोवैज्ञानिक नहि लिखैत छथि, हुनक विशेज्ञता साइकोथेरपी में होएत अछि।
मनोवैज्ञानिक मनोवैज्ञानिक परीक्षण, स्कोरिंग, व्याख्या, आ रिपोर्टिंगमे व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त करैत छथि, जखन कि मनोचिकित्सक सामान्यतः मनोवैज्ञानिक परीक्षणमे प्रशिक्षित नहि होइत छथि। मनोवैज्ञानिकसभकेँ बहुत रास मानसिक विकारक लक्षणमे सुधार लेल एक या बेसी मनोचिकित्सा मे प्रशिक्षित कैल जाइत अछि, आ प्रायः विशेषज्ञ कैल जाइत अछि जाहिमे चिन्ता, अवसाद, आघात-पश्चात तनाव विकार, स्किजोफ्रेनिया, द्विध्रुवी विकार, व्यक्तित्व विकार आ भोजन विकार उपचार तक सीमित नहि अछि। मनोवैज्ञानिकक इलाज व्यक्तिगत वा समूहमे भऽ सकैत अछि। मनोवैज्ञानिक अनेक संस्था आ लोक सभक सङ्ग काज कऽ सकैत छथि, जेनाकि विद्यालय, कारागार, निजी चिकित्सालयमे वा खेल टीमक सङ्ग।[२]
व्यावहारिक मनोविज्ञान समस्याकेँ हल करबाक लेल सिद्धान्तक प्रयोग करैत अछि। व्यावहारिक क्षेत्रमे नैदानिक मनोविज्ञान, परामर्श मनोविज्ञान, खेल मनोविज्ञान, फोरेंसिक मनोविज्ञान, औद्योगिक आ संगठनात्मक मनोविज्ञान, स्वास्थ्य मनोविज्ञान आ विद्यालय मनोविज्ञान सम्मिलित अछि।
भारतमे "नैदानिक मनोवैज्ञानिक" केँ विशेष रूपसँ मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 2017मे परिभाषित कयल गेल अछि। भारतीय पुनर्वास परिषद द्वारा मान्यताप्राप्त दू वर्षक अवधिक एमफिल (नैदानिक मनोविज्ञानक) नैदानिक मनोवैज्ञानिकक रूपमे पंजीकरणक लेल आवेदन करबाक आवश्यकता अछि। नैदानिक मनोविज्ञानमे PsyD आ व्यावसायिक डिप्लोमा सेहो भारतमे नैदानिक मनोवैज्ञानिकक लाइसेंस प्राप्त करबाक एकटा कम लोकप्रिय तरीका अछि। एहि प्रक्रियाक किछु हितधारक द्वारा आलोचना कयल गेल अछि कि एकटा व्यक्ति भारतीय पुनर्वास परिषदसँ कोनो मान्यताप्राप्त डिग्री प्राप्त कयने आ भारतीय पुनर्वास परिषदमे पंजीकृत होयबा बिना स्वयंकेँ "मनोचिकित्सक" वा "परामर्शदाता" कहि सकैत अछि। पुनर्वास मनोवैज्ञानिकसभकेँ सेहो अभ्यास करबाक लेल आरसीआईसँ अनुज्ञापत्रक आवश्यकता होइत छैक। भारत में साइकोलॉग्स पत्रिका प्रमुख मीडिया अछि, जे मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता पर काज करैत अछि। टेली-मानस एकटा राष्ट्रव्यापी सरकारी कार्यक्रम अछि जे स्वास्थ्य आ परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अक्टूबर 2021 मे शुरू कैल गेल अछि।[३]
- नैदानिक मनोविज्ञान
- नैदानिक बाल आ किशोर मनोविज्ञान
- विद्यालय मनोविज्ञान
- व्यवहार आ संज्ञानात्मक मनोविज्ञान
- स्वास्थ्य मनोविज्ञान
- पुलिस आ जन सुरक्षा मनोविज्ञान
- निद्रा मनोविज्ञान
- पुनर्वास मनोविज्ञान
- समूह मनोविज्ञान आ समूह मनोचिकित्सा
- फोरेंसिक मनोविज्ञान
- औद्योगिक आ संगठनात्मक मनोविज्ञान
- मनोविश्लेषण
- परामर्श मनोविज्ञान
सेवा
सम्पादन करीनैदानिक मनोवैज्ञानिक विभिन्न कार्यक पेशकश कऽ सकैत छथि, जाहि मे शामिल अछिः [४]
- मनोवैज्ञानिक उपचार (मनोचिकित्सा)
- मनोवैज्ञानिक परीक्षणक प्रबन्धन, अङ्कांकन आ व्याख्या
- दवाई लिखौनाइ (छह राज्यमे)
- मनोवैज्ञानिक शोध
- अध्यापन
- रोकथाम कार्यक्रमक विकास
- परामर्श
- कार्यक्रम प्रशासन
- विशेषज्ञक गवाही
- छात्र या अन्य मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों का पर्यवेक्षण
अधिकांश मनोवैज्ञानिक जे शोध आ शिक्षणमे संलग्न छथि, प्रयोगशाला, कॉलेज या विश्वविद्यालय परिवेशक भीतर ई करैत छथि। मनोवैज्ञानिक कोनो विशेष क्षेत्रमे विशेषज्ञ होयबाक विकल्प चुन सकैत छथि।
सन्दर्भ
सम्पादन करी- ↑ "Psychologists : Occupational Outlook Handbook: : U.S. Bureau of Labor Statistics"। www.bls.gov (अमेरिकी अंग्रेज़ीमे)। अन्तिम पहुँच 24 September 2019।
- ↑ "Psychologists and psychology"। Healthdirect। October 2019।
- ↑ "Community Mental-Health Digital platform MANAS launched by the Principal Scientific Adviser"। pib.gov.in।
- ↑ Compas, Bruce & Gotlib, Ian. (2002). Introduction to Clinical Psychology. New York, NY : McGraw-Hill Higher Education. आइएसबिएन ०-०७-०१२४९१-४