बरसाति
वट पूर्णिमा (जेकरा वट सावित्री व्रत सेहो कहल जाईत अछि) एकटा हिन्दू पावनि छी जे नेपाल, उत्तर भारत आ पश्चिमी भारतीय राज्यसभ महाराष्ट्र, गोआ आ गुजरातमे विवाहित महिलासभद्वारा मनाओल जाईत अछि। हिन्दू क्यालेन्डरमे ज्येष्ठ महिनाक तीन दिन के समयमे ई पूर्णिमामे , एकटा विवाहित महिला बर के चारू तरफ एकटा धागा बाँधि करि के अपन पति (घरबला) के प्रति अपन माया स्नेह केर प्रतीक के रुपमे धागा होईत अछि। ई पावनि महाकाव्य महाभारत में वर्णित सावित्री आ सत्यवान केर कथा के ऊपर आधारित अछि।
वट पूर्णिमा Vat Purnima | |
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अन्य नाम | वट सावित्री |
समुदाय | विवाहित महिला,[१] विशेष रुपसँग मिथिला_ (नेपाल आ भारत), महाराष्ट्र, गोआ, गुजरात, उत्तराखण्ड, बिहार |
प्रकार | हिन्दू |
आरम्भ | ज्येष्ठ महिनाक १३हम तिथि[२] |
समापन | ज्येष्ठ महिनाक १५हम तिथि[२] |
तिथि | ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी, ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्दशी, ज्येष्ठ पूर्णिमानमूना परिक्रम भेटल: आकृति:Infobox holiday/wd |
२०२४ मे | |
मानाएल | वार्षिक |
इतिहास
सम्पादन करीउत्सव
सम्पादन करीव्रत एवम् परम्परा
सम्पादन करीसन्दर्भ सामग्रीसभ
सम्पादन करी- ↑ Sen, Debarati S (13 June 2014)। "Thane women celebrate Vat Purnima with devotion - Times of India"। The Times of India। अन्तिम पहुँच 21 February 2017।
- ↑ २.० २.१ Mathur, Barkha (4 June 2012)। "When women safeguard their family - Times of India"। The Times of India। अन्तिम पहुँच 21 February 2017।