पूर्णिमा सिन्हा
पूर्णिमा सिन्हा एक भारतीय भौतिक विज्ञानी छल । ओ भौतिक विज्ञान मे डॉक्टरेट प्राप्त करए वाली पहिल बङ्गाली महिला छल।[१]
Purnima Sinha पूर्णिमा सिन्हा | |
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जन्म | १२ अक्टुबर, १९२७ कोलकाता, भारत |
मृतु | ११ जुलाई २०१५ बेङ्गलोर, भारत |
निवास | शान्तिनिकेतन, भारत |
राष्ट्रियता | भारतीय |
क्षेत्र | क्ले खनिजसभक एक्सरे क्रिस्टलोग्राफी |
संस्थासभ | भारतीय विज्ञान संस्थान, बेङ्गलोर |
अल्मा मेटर | कलकत्ता विश्वविद्यालय |
डाक्टरेट सल्लाहकार | सत्येन्द्र नाथ बोस |
प्रसिद्धि | भौतिक विज्ञानमे डॉक्टरेट प्राप्त करए वाली पहिल बङ्गाली महिला |
जीवनसाथी | सूरजमित चन्द्र सिन्हा |
बाल-बच्चा | सुकन्या सिन्हा, सुप्रणा सिन्हा |
उनकर जन्म १२ अक्टुबर १९२७ मे भेल छल । ओ डा. नरेश चन्द्रा सेन-गुप्ता क सबसँ छोटकी बेटी, जे एक संवैधानिक वकिल आ एक प्रगतिशील लेखक छल, जे बङ्गाली आ अङ्ग्रेजीमे ६५ पुस्तकसभक आ आर बहुत रा सँ निबन्धसभ सेहो लिखने छल ।
प्रारम्भिक जीवन
सम्पादन करीपूर्णिमाक जन्म १२ अक्टुबर सन् १९२७ भारतक कोलकातामे डा.नरेश चन्द्र सेन-गुप्ताक सबसँ पुत्रीक रुपमे भेल छल,जे एक संवैधानिक वकील आ एक प्रगतिशील लेखक छल,जे पैसठ पुस्तकसभ आ बङगालीक साथे-साथ अङ्ग्रेजीमे सेहो बहुत रास निबन्ध लिखने छल,जेहिमे सँ किछ महिलासभक शिक्षा पर आधारित छल। ओ प्रसिद्ध मानवविज्ञानी प्रोफेसर सुरजीत चन्द्र सिन्हा,पूर्व कुलपति, विश्वभारती विश्वविद्यालय सँ विवाह केनए छल, जे भारतमे आदिवासी लोगसभक उत्पीड़नक प्रक्रियाक बुझैमे महत्वपूर्ण योगदान देनए छल[१][२]. पूर्णिमाक दुईटा पुत्री अछि सुपर्णा सिन्हा आ सुक्या सिन्हा जे रमन रिसर्च इन्स्टीच्युट आ इन्डियन स्टास्टिकल इन्स्टीच्युटमे भौतिकीविद छी।[१][२]
शिक्षा आ कैरियर
सम्पादन करीपूर्णिमाक प्रारम्भिक शिक्षा लेक स्कुल, कोलकाता, भारतमे शुरू भेल छल, जकर स्थापना हुनकर बडकी बहिन सुषमा सेनगुप्ता केनए छल। ओ अपन अध्यन आशुतोष कलेज, स्कोटिश चर्च कलेज आ ओकर बाद कलकत्ता विश्वविद्यालय सँ केनए छल। हुनकर अपन कलात्मक रुचिसभ अलग अछि आ ओहिमे यामिनी गांगुलीक हिंदुस्तानी शास्त्रीय सङ्गीत आ भारक जानल-मानल चित्रकार गोपाल घोषक पेन्टिङ्ग सम्मलित अछि। [१] ओ पण्डित ज्ञान प्रकाश घोष सँ तबला पाठ सेहो सिखने छल। हुनकर अन्य प्रतिभासभमे मूर्तिकला आ पेन्टिङ्ग समावेश अछि। विज्ञानमे पूर्णिमाक कैरियर बहुत दशक तक राज केनेए छल। पचास साल पहिले, ओ माटिक खनिजसभक एक्स-रे क्रिस्टलोग्राफीमे स्नातकोतरक उपाधि प्राप्त केलक। ओ प्रोफेसर सत्येन्द्र नाथ बोसक मार्गदर्शनमे, कलकता विश्वविद्यालय सँ सन् १९५६-७ मे राजाबजार साइन्स कलेजक छात्रक रूपमे स्नातकोतर उपाधि प्राप्त केलक। ओ भौतिकीमे स्नातकोतर प्राप्त करैवाली पहिल बङगाली महिला होएक गौरव प्राप्त केनए छल। [१]
अन्य रुचिसभ
सम्पादन करीपूर्णिमाक गायन, पेन्टिङग, लेखन आ किताबसभ पढ़एमे बहुत निक लागैत छल। पढाईमे अभिरुचि भेलाक कारण हुनकर घरमे पुस्तकसभ आ पत्रिकासभक एक बडका, दुर्लभ सङग्रह छल। ८० सालक उमर भेलाक क बादो हुनका लोगसब सँ भेटनाई, बातचित करनाइ आ याद दिएनाइ जारी राखैत छल। [१]
सन्दर्भ सामग्रीसभ
सम्पादन करी- ↑ १.० १.१ १.२ १.३ १.४ १.५ "Biographical article"। अन्तिम पहुँच 6 April 2014।
- ↑ २.० २.१ "Women In Science - IAS" (PDF)। अन्तिम पहुँच 6 April 2014।