थारी (संस्कृत: स्थाली; अन्य नाम: थाली, थरिया आ छीपा) खाना खयबाक हेतु आधार रूपमे व्यवहृत समतल आधार ओ वृताकार परिधिवला काँस, फूल अथवा पित्तरक बासन छी जे अधिकांश दक्षिण एसिया, दक्षिणपूर्व एसिया तथा क्यारिबियनक लोकसभद्वारा प्रयोग कएल जाएत अछि। एकर परिधिक चारू कातक उठल भागकेँ कोर/बाढ़/कान कहल जाइत अछि। थारीक भितरी व्यास करीब एक फुटसँ सवा फुट धरि होइत अछि। एक फुटसँ कम व्यासवला थारीकेँ रिकबी/रिकाबी/रिकेबी/छिपली/छिपुली कहल जाइत अछि। छोट छिपलीकेँ छीप कहल जाइत अछि। अत्यन्त छोट-छोट छिपलीकेँ छीपी/छिप्पी कहल जाइत अछि। पैघ थारीकेँ थार कहल जाइत अछि। मधुर आदि रखबाक हेतु करीब दू हाथ व्यास ओ चारि आङ्गुर ठाढ़ बाढ़वला पित्तरिक थारकेँ परात कहल जाइत अछि। ई भारत, नेपाल, बङ्गलादेश, फिजी, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, श्रीलङ्का, मरिसससिङ्गापुरमे भोजन करवाक लेल लोकप्रिय अछि।

उत्तर भारतीय खाना सहितक थारी


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