जङ्गबहादुर राणा
जंगबहादुर राणा नेपालक प्रधानमन्त्री तथा प्रथम श्री ३ महाराज छल । कोतपर्वक नरसंहार पश्चात शक्तिशाली भेल जङ्गबहादुर राणा भण्डारखाल पर्व पश्चात राजसंस्था सँ बेसी शक्तिशाली भेल । हिनकर राजकालमे नेपालद्वारा अङ्ग्रेज सँ लडाईंमे हारल भूभागमे सँ ई अङ्ग्रेजके खुसी बनाए राप्ती सँ महाकाली धरिक तराई वर्तमानक बाँके जिला, बर्दिया जिला, कैलाली जिला तथा कञ्चनपुर जिला पुन: नेपालमे मिलेनाए छल ।
श्री ३ जंगबहादुर राणा | |
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जन्म | बीरनरसिंह कुँवर १८७४ |
मृत्यु | १९३३ पत्थरघट्टा |
नागरिकता | नेपाली |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ |
जीवनसाथी(सभ) | महारानी हिरण्यगर्भा |
बालबच्चा | जगतजंग, जीतजंग, पद्मजंग |
अभिभावक(सभ) | बालनरसिंह कुँवर |
बालनरसिंह कुँवरक पुत्रक रूपमे जंगबहादुरक जन्म वि.सं. १८७४ मे भेल छल । सुरूवाती दिनमे लफङ्गा, जुवाडी जंगबहादुर अपन भितरके अदम्य साहस, वीरता आ चातुर्यक कारण नेपालक इतिहासमे एक सफल खलनायकक रूपमे परिचित भेल । नेपालमे राणा शासनक स्थापना करि १०४ वर्षक पारिवरिक शासनशैलीक सुत्रपात याह छी । बेलायतीसभक कट्टर भक्त जंगबहादुर पन कट्टर विरोधीसभके एकएक करि मारि एकतन्त्री शासन चलेलक । ओ बेलायत आ फ्रान्स सँ घुमलाबाद नेपाली कला, संस्कृति, जनजीवन आ कानूनमे समेत पश्चिमी प्रभाव परल छल ।
वि.स. १९०३ सँ २००७ साल धरि नेपालमे राणासभ शासन करलक । तत्कालिन राजपरिवार भितरक झगडाक फाइदा उठाबैत पश्चिम नेपालक लडाकु जङ्ग बहादुर कुँवर पहिल राणा प्रधानमन्त्री बनल । वि.स. १९०३ असोज ३ मे काठमाडौं दरबार क्षेत्रमे भेल कुख्यात कोत पर्वमे सयौं भारदार, रइस आ सैनिकक हत्या करैक हुनकर षडयन्त्र सफल भेल । ओकरबाद ओ अपनाआपके प्रधानमन्त्री बनाए राणा पद धारण करलक । राणा परिवारमे प्रधानमन्त्रीक पद वंशपरम्परागत भेल त शाह राजासभ झपना मात्र रहल ।[१]
जीवनी
सम्पादन करीसन्दर्भ सामग्रीसभ
सम्पादन करी- ↑ "जंगबहादुर राणा"। hamrosamachar.com। मूलसँ 2016-03-04 कऽ सङ्ग्रहित। अन्तिम पहुँच 2016-07-30।
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बाह्य जडीसभ
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