चरक एक महर्षि एवं आयुर्वेद विशारदके रूपमे विख्यात अछि। ओ कुषाण राज्यके राजवैद्य छ्लाह। हिन्का द्वारा रचित चरक संहिता एक प्रसिद्ध आयुर्वेद ग्रन्थ छी। अहिमे रोगनाशक एवं रोगनिरोधक दवाइसभ कs उल्लेख अछि तथा सोना, चाँदी, लोहा, पारा आदि धातुसभके भस्म एवं ओकर उपयोगकs वर्णन मिलैत अछि। आचार्य चरक द्वारा आचार्य अग्निवेशक अग्निवेशतन्त्रमे किछ स्थान तथा अध्याय जोडिक ओकरा नया रूप देलक जकरा आजुक अपनासभ चरक संहिताके नामसँ जानैत छी।[१]

पतन्जली योगपीठ हरिद्वारमे महर्षि चरकके प्रतिमा


परिचय सम्पादन करी

चरक संहिता आयुर्वेदमे प्रसिद्ध अछि। अहीके उपदेशक अत्रिपुत्र पुनर्वसु, ग्रंथकर्ता अग्निवेश आर प्रति संस्कारक चरक अछि।

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बाह्य जडीसभ सम्पादन करी

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