असमिया जातीय जीवंत महापुरुषीय परंपरा


असमिया जातीय जीवंत महापुरुषीय परंपरा विख्यात असमिया भाषा साहित्यकार हीरेन गोहार्इं द्वारा रचित एक समालोचना छी जेकर लेल हुनका सन् 1989 मे साहित्य अकादमी पुरस्कार सँ सम्मानित कएल गेल।[१]

असमिया जातीय जीवंत महापुरुषीय परंपरा  
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असमिया जातीय जीवंत महापुरुषीय परंपरा
लेखकहीरेन गोहार्इं
देशभारत
भाषाअसमिया भाषा

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  1. "अकादेमी पुरस्कार"। साहित्य अकादमी। अन्तिम पहुँच 4 सितम्बर 2016