अम्बर गुरुङ (जन्म विसं १९९४-२०७३) नेपाली सांगीतिक फाँट कऽ प्रसिद्ध व्यक्तित्व छी। उनकर सयौं नेपाली गीतमे संगीत भरएल अछी। उनकर खास कऽ नेपालक राष्ट्रिय गान सयौं थूंगा फूलका संगीतकार रूपमे परिचित अछि।

अम्बर गुरूङ
अम्बर गुरूङ गायनमे
जन्म(१९३८-०२-२६)फरबरी २६, १९३८
मृत्यु७ जुन २०१६(२०१६-०६-०७) (७८ वर्ष)
राष्ट्रियतानेपाली
व्यवसायसंगीत

बाल्यकाल

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अम्बर गुरुङक जन्म वि.सं १९९४ फागुन १४ गते, पिता उजीरसिंह गुरुङ आ माता रेणुका गुरुङक सुपुत्रक रूपमे भारतक दार्जिलिङक लालढिकीमे भेल छल।[]उनकर पिता आ दादाजी देवराज गुरुङ सेहो सेनामे भर्ती छल। अम्बर गुरुङक पुर्खा कऽ घर गोर्खा जिलाक रिसिङ मे अछि । गुरुङ तीन बेटा : किशोर, राजु तथा शरदमणि आ एक बेटी अलकाक पिता छी। २०५२ सालमे नेपाल राजकीय प्रज्ञा प्रतिष्ठानक संगीत निर्देशकसमेत रहल गुरुङ काठमाडौंक महाराजगञ्ज चक्रपथ नजदीक बसोबास केनए छल।

गायन तथा संगीत सुरुवात वि.सं. २०१६ माघ कलकत्तासँ दुई गीत 'म अम्बर हुँ' आ 'सम्हालेर राख' सँ गीति लेखन प्रारम्भ केनए अछि। संगीतकार गुरुङ कोलकातामे पहिल बेर सन् १९६१ मे अगमसिंह गिरीद्वारा रचित गीत रेकर्ड केनए छल- 'नौ लाख तारा उदाए'। एक हप्तामे ही पाँच सय प्रति बिक्री भेल ई गीत भारत विरोधी कहैत अल इन्डिया रेडियोमे प्रतिबन्धित भेल छल। बादमे एही गीत नेपाली लोगसभक बड मन पडल।

राजा महेन्द्र एही गीतक मन पडलासँ अम्बरक उनकर जन्मोत्सवक उपलक्ष्यमे नेपाल बोलावैत छल। ओ वि.सं. २०२५ सालमे नेपाल आएल। वि.सं. २०२६ सालमे (दोसर बेर) नेपाल आएल समय सेहो राजा महेन्द्र फेरसँ एकेडेमीमे बैसक प्रस्ताव दोहरेलाक बाद गुरुङ नेपाल आवि बैसल छल।

वि.सं. २०२६ मे संगीत विशेषज्ञक रूपमे नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठानमे प्रवेश भेल। संगीत प्रमुख, संगीतसंयोजक आ संगीत निर्देशक भऽ वि.सं. २०५४मे अवकाश पावलक। ओ लक्ष्मीप्रसाद देवकोटाक गीतिनाटक कुन्जिनी, मुनामदनमे सँगीतांकन केनए अछि। ओ सत्यमोहन जोशीक चाईरटा नाटक लगायत माधवप्रसाद घिमिरेक मालती मंगलेमे समेत संगीत देने अछि। ओ चलचित्र मनको बाँध, जीवनरेखामे पृष्ठसंगीत आ पार्श्व संगीत देने अछि। ओहिना आदिकवि भानुभक्त वृतचित्र वृतचित्रमे पार्श्वसंगीत,स्वर देने अछि।

नेपालक वर्तमान राष्ट्रगान सयौं थुंगा फूलका हामी मे अम्बर गुरुङ संगीत देने छल।

  • अक्षरका आवाजहरु (गीतिसङ्ग्रह, २०६०/प्रकाशकः तलेजु धनकुमारी कोष)
  • कहाँ गए ती दिनहरू (संस्मरण, निबन्ध, २०६३/रत्न पुस्तक भण्डार, सम्पादकः देवेन्द्र भट्टराई)
  • कहिले लहर कहिले तरंग (गीति क्यासेट)
  • सम्हालेर राख (संयुक्त गीतिसङ्ग्रह, २०६९)

पुरस्कार

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१ जनवरी २०१४ हङकङमे हिमालयन टोन्स म्युजिक एकेडेमीद्वारा आयोजित "अम्बर गुरुङ रात्री" मे आयोजक कऽ तरफसँ संगीतकार गुरुङक अभिनन्दन करैत "महासंगीतकार" कऽ घोषणा कएल गेल। विगत पाँच दशक पहिने सङ्गीत-साधनामे निरन्तर लगनशील भऽ सांगीतिक माध्यमद्वारा नेपाली कला आ संस्कृतिक उत्थानक साथे नेपाली भाषा साहित्यक श्रीवृद्धि करवाक लेल सशक्त योगदान करै वापत वि.स. २०५४ सालक जगदम्बाश्री पुरस्कार पावने छल। ओ २०२८ सालमे गोरखा दक्षिणबाहु चौथा, सन् १९९४ मे गिरी पुरस्कार गुठी दार्जिलिङसँ रु. १ लाख नगद प्रमाणपत्र, वि.स. २०३८ सालमे इन्द्रराज्यलक्ष्मी पुरस्कार, २०४७ सालमे छिन्नलता गीत पुरस्कार पावने छल। []

जुन ७, २०१६ कऽ भोरमे, गुरुङ ७९ वरिषमे उपचारक क्रम मे ग्रान्डे अस्पतालमे मृत्यु भेल छल। गुरुङ पहिने अपन गाँसनलीमे ट्यूमर कऽ लेल उपचारार्थ छल। गुरुङक पिछला दिनमे आईसीयूमे भर्ती करावल गेल छल आ बादमे जीवन रक्षक प्रणाली पर रखल गेल छल।

सन्दर्भ सामग्रीसभ

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  1. घिमिरे, शिखर (२७ जेठ २०७३)। "अस्ताए 'नौ लाख तारा'"। नयाँ पत्रिका। मूलसँ 10 June 2016 कऽ सङ्ग्रहित। अन्तिम पहुँच 10 June 2016 {{cite news}}: Check date values in: |date= (help); Cite has empty unknown parameter: |dead-url= (help)
  2. "अम्बर गुरुङ रहेनन्"। उज्यालो अनलाइन। २५ जेठ २०७३। अन्तिम पहुँच 10 June 2016 {{cite news}}: Check date values in: |date= (help)[permanent dead link]

बाह्य जडीसभ

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एहो सभ देखी

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