अनन्त चतुर्दशी व्रत भाद्रपद महिना कऽ शुक्ल पक्ष कऽ चतुर्दशी तिथि कऽ मनाएल जाएत अछि। एहि व्रत मे अनन्त कऽ रूप मे भगवान श्रीहरि विष्णु आ इन्द्र पूजा होएत अछि। अनन्त चतुर्दशी कऽ दिन पुरुष दाहिने हाथ मे तथा नारि बाँये हाथ मे अनन्त धारण करैत अछि। अनन्त कपास या रेशम कऽ धागासँ बनैत अछि, जे कुंकमी रङ्ग मे रङ्गल जाएत अछि तथा एहिमे चौदह गाँठे होती अछि। एहि धागासँ अनन्त कऽ निर्माण कारल जाएत अछि । ई व्यक्तिगत पूजा छी, एकर कोई सामाजिक या धार्मिक उत्सव नै होएत अछि। 'अग्नि पुराण'[१] मे इसका विवरण अछि। चतुर्दशी कऽ दर्भसँ बनल श्रीहरि कऽ प्रतिमा, जे कलश कऽ जल मे रखैत अछि ।[]

अनन्त चतुर्दशी
Anant Chaturdashi
अनन्त चतुर्दशी Anant Chaturdashi
समुदाय'अनन्त चतुर्दशी' व्रतमे अनन्त कऽ रूपमे भगवान श्रीहरि विष्णु कऽ पूजा होएत अछि।
प्रकारधार्मिक, भारतनेपाल
पावनिसभअनन्त चतुर्दशी व्रतमे धारण केनिहार अनन्त सूत्र कपास या रेशम कऽ धागसँ बनैत अछि।
तिथिभाद्रपद शुल्क चतुर्दशी
२०२४ मेdate missing (please add)
मानाएलवार्षिक

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पौराणिक उल्लेख

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व्रत विधि

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सन्दर्भ सामग्रीसभ

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  1. "2013 Hindu Festivals Calendar for Bahula, West Bengal, India"drikpanchang.com। 2013। अन्तिम पहुँच 10 February 201318 Wednesday Anant Chaturdashi
  2. http://www.festivalsofindia.in/anantchaturthi/
  3. http://www.http://bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A4_%E0%A4%9A%E0%A4%A4%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A4%B6%E0%A5%80

बाह्य जडीसभ

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एहो सभ देखी

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