संगीत नाटक अकादमी
संगीत नाटक अकादमी भारत सरकार द्वारा स्थापित भारतक संगीत एवं नाटकक राष्ट्रीय स्तरक सबसँ पैग अकादमी छी। एकर मुख्यालय दिल्ली मे अछि।
स्थापना | ३१ मई १९५३ |
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मुख्यालय | रवींद्र भवन, फिरोजशाह रोड, नई दिल्ली, भारत |
सभापति | डॉ संध्या पुरेचा[१] |
वेबसाइट | sangeetnatak.gov.in |
स्थापना
सम्पादन करीभारत सरकारक शिक्षा मंत्रालय एक संसदीय प्रस्ताव द्वारा एक स्वायत्त संस्थाक रूपमे संगीत नाटक अकादमीक स्थापना करबाक निर्णय केलक। तदनुसार १९५३ मे अकादमीक स्थापना भेल। १९६१ मे अकादमी भंग क देल गेल आ एकर नव रूप मे संगठन कएल गेल। १८६० क सोसाइटीज रजिस्ट्रेशनक अन्तर्गत ई संस्था पञ्जीकृत भेल। एकर नव परिषद् आ कार्यकारिणी समितिक गठन कएल गेल। अकादमी आब एही रूपमे काज कऽ रहल अछि।
उद्देश्य
सम्पादन करीसंगीत नाटक अकादमीक स्थापना संगीत, नाट्य आ नृत्य कलाक प्रोत्साहन आ ओकर विकास आ उन्नतिक लेल विविध प्रकारक कार्यक्रमक संचालन करबाक उद्देश्यसँ कएल गेल छल। संगीत नाटक अकादमी अपन मूल उद्देश्यक पूर्ति लेल देश भरिक संगीत, नृत्य आ नाटकक संस्था सभकेँ हिनकर विभिन्न कार्ययोजनाक लेल अनुदान दैत अछि, सर्वेक्षण आ अनुसंधान कार्यकेँ प्रोत्साहित करैत अछि। संगीत, नृत्य आ नाटकक प्रशिक्षणक लेल संस्थाकेँ वार्षिक सहायता दैत अछि। विचार गोष्ठी आ समारोहक आयोजन करैत अछि आ एहि विषयसँ संबंधित पोथीक प्रकाशनक लेल आर्थिक सहायता दैत अछि।
संगठनात्मक व्यवस्था
सम्पादन करीसंगीत नाटक अकादमीक एकटा महापरिषद अछि जाहिमे ४८ सदस्य रहैत अछि। एहिमे सँ ५ सदस्य भारत सरकार द्वारा नामनिर्देशित होइत अछि - एक शिक्षा मंत्रालयक प्रतिनिधि, एक सूचना एवं प्रसारण मंत्रालयक प्रतिनिधि, भारत सरकार द्वारा नियुक्त वित्त सलाहकार (पदेन), प्रत्येक राज्य सरकारक १-१ नामनिर्देशित सदस्य आ ललित कला अकादमी आ साहित्य अकादमीक २-२ प्रतिनिधि। एहि प्रकार सँ नामित ई २८ सदस्य एक बैठक मे २० आओर सदस्यक चुनाव करैत छथि। ई लोकनि संगीत, नृत्य आ नाटकक क्षेत्रमे विख्यात कलाकार आ विद्वान होइत छथि। ई सभ चयन एहि प्रकार कएल जाइत अछि जे संगीत आ नृत्यक विभिन्न पद्धति आ शैली तथा विभिन्न क्षेत्रक प्रतिनिधित्व भऽ सकए। एहि तरहेँ गठित महापरिषद कार्यकारिणीक चुनाव करैत अछि जाहिमे १५ सदस्य रहैत अछि। शिक्षा मंत्रालयक अनुशंसापर राष्ट्रपतिद्वारा अध्यक्षक नामोन्मन कएल जाइत अछि। उपसभापति कें चुनाव महापरिषद करैत अछि. सचिवक पद सशुल्क होइत अछि आ सचिवक नियुक्ति कार्यकारिणी करैत अछि।
कार्यकारिणी कार्यक संचालनक लेल अन्य समितिक गठन करैत अछि, जेना वित्त समिति, अनुदान समिति, प्रकाशन समिति आदि। अकादमीक संविधानक अधीन सभ अधिकार सभापतिकेँ प्राप्त होइत अछि। महा परिषद्, कार्यकारिणी आ अध्यक्षक कार्यकाल पाँच वर्षक होइत अछि।
अकादमीक पहिल अध्यक्ष श्री पी. वी. राजमन्नार छल। दोसर सभापति मैसूरक महाराजा श्री जयचमराज वडयार छलाह।
कार्यक्रमसभ
सम्पादन करीअकादमीक एहि कलाक अभिलेखनक एकटा व्यापक कार्यक्रम अछि जाहि अन्तर्गत परम्परागत संगीत आ नृत्य तथा नाटकक विविध रूप आ शैलीक फिल्म बनाओल जाइत अछि, फोटोग्राफ लेल जाइत अछि आ ओकर संगीत टेक रिकार्ड कएल जाइत अछि। अकादमी संगीत, नृत्य आ नाटकक कार्यक्रम सेहो प्रस्तुत करैत अछि। अकादमी संगीत, नृत्य आ नाटकक कार्यक्रम सेहो अछि जाहि अन्तर्गत ई विषयसभक विशिष्ट पुस्तकसभ प्रकाशित कएल जाइत अछि। अकादमी अंग्रेजीमे एक त्रैमासिक पत्रिका "संगीत नाटक" प्रकाशित करैत अछि।
संस्थानसभ
सम्पादन करीसंगीत नाटक अकादेमीक तीन घटक अछि, जाहिमेसँ दू नृत्य-शिक्षण संस्थान अछि: जवाहरलाल नेहरू मणिपुर नृत्य अकादमी (जेएनएमडीए) इंफालमे, आ कथक केन्द्र दिल्लीमे। जवाहरलाल नेहरू मणिपुर नृत्य अकादमीक स्थापना भारत सरकार द्वारा अप्रैल १९५४ मे कएल गेल छल आ तखन एकर नाम मणिपुर नृत्य कलेज छल। अपन स्थापना काल सँ ई संगीत नाटक अकादेमी द्वारा वित्त पोषित छल, सन् १९५७ मे ई अकादेमीक एक घटक इकाई बनल। कथक केन्द्र, कथक नृत्यक अग्रणी शिक्षण संस्थानसभमे सँ एक छी। ई दिल्ली मे स्थित अछि आ एहिठाम कथक नृत्य आ गायन संगीतक संग पखवाज वादन मे विभिन्न स्तर पर पाठ्यक्रमक संचालन कएल जाइत अछि। तेसर घटक इकाई अछि रवीन्द्र रंगशाला। घटक इकाइक अतिरिक्त, वर्तमानमे अकादमीक पाँच केन्द्र अछि:
- केरलक सदियों पुरान संस्कृत रंगमंच कूटीयट्टमक संरक्षण आ संवर्धनक लेल कूटीयट्टम केन्द्र, तिरुवनंतपुरम।
- असम की सत्रिय परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए सत्रिय केन्द्र, गुवाहाटी।
- पूर्वोत्तर केन्द्र, गुवाहाटी, पूर्वोत्तर भारतक पारम्परिक आ लोक प्रदर्शन कलाक संरक्षणक लेल।
- पूर्वोत्तर प्रलेखन केन्द्र, अगरतला, पूर्वोत्तरमे उत्सव आ क्षेत्र प्रलेखनक लेल।
- पूर्वी भारतमे छऊ नृत्यक संवर्धनक लेल छऊ केन्द्र, चंदनकियारी।
पुरस्कार
सम्पादन करीसंगीत नाटक अकादेमी पुरस्कार प्रदर्शन कलाक क्षेत्रमे उल्लेखनीय योगदान देनिहार कलाकारक लेल देल जाइत अछि। कलाकारक लेल ई सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान अछि। अकादेमी संगीत, नृत्य आ नाटकक प्रख्यात कलाकार आ विद्वानसभके रत्न सदस्यता सेहो प्रदान करैत अछि। उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ युवा पुरस्कारक स्थापना २००६ मे भेल छल, जे प्रति वर्ष विभिन्न कला-क्षेत्रक प्रतिभाशाली युवा कलाकारकेँ देल जाइत अछि। अकादमीक अपन अभिलेखागार अछि, जाहिमे ऑडियो आ वीडियो टेप, चित्र आ फिल्मसभक समृद्ध संकलन अछि। ई प्रदर्शन कला पर केन्द्रित देशक सबसँ पैग आ व्यापक अभिलेखागार अछि जे प्रदर्शन कला पर शोध करए बला विद्वानसभक सुविधाक दृष्टि सँ तैयार कएल गेल अछि।
एहो सभ देखी
सम्पादन करीसन्दर्भ सामग्रीसभ
सम्पादन करी- ↑ "Who is who"। अन्तिम पहुँच १९ नवम्बर २०२३।
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