शून्य
शून्य (०) एकटा अंक अछि जे संख्याक निरूपणक लेल प्रयोग कएल जाएवला आजुक सभ स्थानीय मान पद्धतिक अपरिहार्य प्रतीक अछि। एकर अतिरिक्त ई एकटा संख्या सेहो अछि। गणितमे एकर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अछि। पूर्णांक आ वास्तविक संख्याक लेल ई योगक तत्सम अवयव अछि।
ग्वालियर दुर्गमे स्थित चतुर्भुज मन्दिरक देबालमे शून्य (०) अंकित अछि जे शून्यक लेखनक दोसर प्राचीनतम ज्ञात उदाहरण अछि ।[१] ई शून्य आजुक लगभग १५०० वर्ष पूर्व उत्कीर्ण कएल गेल छल ।[२]
गुण
सम्पादन करी- कोनो वास्तविक संखिक शून्य सँ गुणा कए शून्य होइत अछि। (x × ० = ०)
- कोनो वास्तविक संख् या केँ शून्य सँ जोड़ब वा घटाबय सँ ओ संख्या वापस होइत अछि मुदा घटाबय पर (० - x) चिह्न परिवर्तन होइत अछि जतय x एकटा धनात्मक संख् या अछि (x + ० = x; x - ० = x)
गणितीय गुण
सम्पादन करीशून्य, पहिल प्राकृतिक पूर्णांक अछि। ई दोसर सभ संखिक द्वारा विभाजित होइत अछि। जँ जँ a एकटा वास्तविक वा मिश्रित संख्यान अछि:
- a + ० = ० + a = a (० योगक समतुल्य अवयव अछि)
- a × ० = ० × a = ०'
- जँ a ≠ ० तँ a० = १;
- ०० कखनो-कखनो १ क बराबर मानल जाइत अछि (बीजगणित आ समुच्चय सिद्धान्त मे), आ सीमा आदि क गणना करैत समय अपरिभाषित मानल जाइत अछि।
- शून्यक गुणनफल १ होइत अछि;
- a + ( ⁇ a) = ०;
- a/० परिभाषित नहि अछि.
- ०/० सेहो अपरिभाषित अछि।
- जँ कोनो पूर्णांक n> ० अछि, तँ ० केर nम मूल सेहो शून्य अछि।
- शून्य एकमात्र एहन संख्या अछि जे वास्तविक, धनात्मक, ऋणात्मक आ पूर्णतः काल्पनिक सेहो अछि।
एहो सभ देखी
सम्पादन करीसन्दर्भ सामग्रीसभ
सम्पादन करी- ↑ "इस प्राचीन मंदिर में मिलता है 'शून्य' का सबसे पहला अभिलेख, रिसर्च के लिए आते हैं बड़े बड़े शोधकर्ता"। News18 हिंदी (हिन्दीमे)। 26 July 2023। अन्तिम पहुँच 26 January 2024।
- ↑ मौर्य, संघप्रिया (25 January 2022)। "Incredible India: भारत के इस मंदिर में है विश्व का सबसे पुराना लिखित ज़ीरो"। The Better India - Hindi। अन्तिम पहुँच 26 January 2024।