वैशाली जिला भारतक बिहार राज्यक ३८ जिलामे एक जिला छी। एकर नाम मिथिलाक प्राचीन शहर वैशालीक नामपर रहल अछि जे बात महाभारतबौद्ध तथा जैन धर्ममे उल्लेख अछि। ई जिला तिरहुत प्रमण्डल अन्तर्गत आबैत अछि।[]

वैशाली जिला

ضلع ویشالی
वैशाली जिलाक बिहारमे स्थानक अवस्थिति
वैशाली जिलाक बिहारमे स्थान
देशभारत
राज्यबिहार
प्रशासनिक विभागतिरहुत
मुख्यालयहाजिपुर
सरकार
 • लोकसभा क्षेत्रहाजिपुर, वैशाली
क्षेत्रफल
 • कूल२०३६ किमी (७८६ वर्गमाइल)
जनसङ्ख्या
 (२०११)
 • कूल३४९५२४९
 • घनत्व१७००/वर्ग किमी (४४००/वर्ग माइल)
जनसाङ्ख्यिकी
 • साक्षरता६८.५६%
 • लिङ्गानुपात८९२
प्रमुख राजमार्गएनएच १९, एनएच ७७एनएच १०३
वेबसाइटसरकारी वेबसाइट

वैशाली जिलाक इतिहास बहुत पुरान अछि विश्वक प्रथम गणतंत्र एत स्थापना भेल छलाह,भगवान बुद्ध 3 बेर एत आयल छलाह,हुनक अस्थि केर घैला अखनो एत स्थित अछि, वैशाली जिलाके बहुत रास उपलब्धि प्राप्त अछि , जैन धर्मक संस्थापक भगवान महावीर केर जन्म कुण्डल्पुर में भेल छल , वज्ज़ी मह महाजनपद केर राजधानी वैशाली में छल जकर राज नेपालक हिमालय से ल के गंगा नदी धरि पसरल रहै राजा विशाल केर नाम पर येहि जिलाक नाम वैशाली पड़ल ,वैशाली जिलाक उल्लेख महाभारत आ रामायण दुनो ठाम भेटल अछि ,श्री भगवत पुराण केर अनुसार एक बेर गज आ ग्रास (घरियाल) में युद्ध होएत रहै ग्रास गज के गण्डकी नदी मे खिचैत छल आ गज ग्रास के भुमि पर जखन गज घायल भेल तखनि वेइह भगवान श्री हरि केर कमल पुष्प स आराधना कयलनि तखन भगवान प्रकट भेला आ मगर के अप्पन सुदर्शन स मुक्ति देलखिन यही घटना हाजीपुर(हरिपुर) केर कौनहारा घाट पर भेल छल, एक नेपाली सेनाधिकारी मातबर सिंह थापा द्वारा १८ वीं सदी में पैगोडा शैली में निर्मित शिवमंदिर कोनहारा घाट केर पूर्वी कात में अछि,येह अद्वितीय मंदिर नेपाली वास्तुकला केर अद्भुत उदाहरण अछि। काठ पर बनल परणय दृश्य केर अधिकांश भाग आब नष्टप्राय भ गेल या चोरी भ गेल अछि प्रेमियों केर अलावे शिव भक्त केर मध्य मंदिर केर खूब प्रतिष्ठा अछि,एत मिथिलाक लोक देवता बाबा भुइया के जन्म भेल छल बसौली गाम में पनापुर लंगामे हिनकर पूजा सम्पूर्ण मिथिला में होएत छैक।

एत के भाषा मैथिली अछि ! मैथिली के पश्चिमी रूप एत बाजल जाइत छैक, जेकरा वज्जिका बोली सेहो कहल जाएत अछि।

संस्कृति,पबनी,नृत्य

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वैशाली जिला मे समा चेकावा, जट जटिन, झिझिया, झरणी नृत्य होएत छैक! पबनी तिहार में छठ, दिवाली, होरी/फगुआ,सिकरात/तिलसंक्रांति,सप्त डोरा , अनंत पूजा, चौरचन, जीतिया, शवानी घड़ी, लकपाचे, विशहरा, ब्रह्म बाबा केर पूजा, डीहबार पूजा, सलहेश पूजा , भुइया पूजा, कारीख पूजा, गणिनाथ पूजा, फेकू अनंदू, कर्मा धर्मा, भरदूतिया,बहुत आर पावनी होएत छैक गीत विवाह केर , आऽ सभ मौसम केर अलग अलग गीत सब संस्कार के अलग गीत जेना मुरन, उपनायन, घृतधारी, कोहबर, समदौन

एहो सभ देखी

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