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दुर्गा सप्तशती के सिद्ध-मंत्र
 
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पङ्क्त्ति १:
'''दुर्गा सप्तशती केसप्तशतीक सिद्ध-मंत्रमन्त्र''' क अर्थ होयेत अछि कि जे मंत्रमन्त्र मॉमाँ [[दुर्गा]] कs लेल प्रयुक्त कएल जाएत अछि अर्थात मॉमाँ दुर्गा कs नमन करएतकरति हुनकर चरणचरणमे में अपना केअपनाक समर्पित करयेतकरति हुनकर सिद्ध मंत्रो कमन्त्रक जाप करला पर मॉमाँ दुर्गा प्रशन्न होएत अपन भक्त कs इच्छित फल प्राप्ति कs अवसर देती अछि ।
[[File:Shri_Maa_Durga.jpg|thumb|right|200px|]]
 
'''दुर्गा सप्तशती केसप्तशतीक सिद्ध-मंत्रमन्त्र''' के [[मंत्रमन्त्र]] विभिन्न प्रकार केप्रकारक होएत अछि , जे कि हर एक इच्छा पर निर्भर और अही मंत्रमन्त्र कs कम स कम ११, २१, ५१ अथवा १०८ बेर जाप करला पर व्यक्ति कs मनोकामना पुर्ण होएत अछि
 
 
==दुर्गा सप्तशती केसप्तशतीक सिद्ध-मंत्रमन्त्र==
दुर्गा सप्तशती केसप्तशतीक सिद्ध-मंत्रमन्त्र के मंत्रमन्त्र किछ अहि प्रकार अछि :
 
*'''आपत्त्ति उद्धारक'''
पङ्क्त्ति ६६:
तारिणीं दुर्गसंसार-सागरस्य कुलोभ्दवाम् ॥
 
== एहो सभ देखी ==
== एकरो भी देखें ==
* [[दुर्गा चालीसा]]
* [[दुर्गा पूजा]]
पङ्क्त्ति ७२:
* [[महाविद्या]]
 
==बाहरी कडिसभजडीसभ ==
ये सिद्ध मंत्रमन्त्र निम्नलिखित पुस्तकोपुस्तकसभ सेसं लीलेल गईगेल हैअछि:
*दुर्गापाठ पुस्तक
*मॉमाँ दुर्गा महिमा
 
 
{{नवदुर्गा}}
{{हिन्दू देवी देवता}}
 
[[श्रेणी:हिन्दू धर्म]]
[[श्रेणी:हिन्दू देवियाँ]]