'''जूरजुड शीतल'''(या,वा ''मैथिलीमैथिल नव वर्ष'' )(वा या,''मिथिला दिवस'' ) मिथिलाक नव वर्षक उमंगकउमङ्गक दिन अछी।छी। ई दिन विक्रम शंवतसम्वत केलेंडेरक्यालेण्डर मेंमे बैशाखकबैशाख महिना के प्रथम दिन होयतपडैत अछी।अछि। मैथिल लोकसभलोगसभ ईएही दिन बड़ीकरी-बरी आदि केरा के पात पर खायतखाएत छैथछैक । ईएही दिन बेसीमे वर्षप्रायः वर्षसभ मे अंग्रेजीअङ्ग्रेजी केलेंडरकक्यालेण्डरक १४ अप्रिल कऽधरि परैतपडैत अछि।
ईएही दिन सँ एक दिन पूर्व माने १३ अप्रिल कऽ सतुआयनसतुवाएन सेहो मनायलमनाओल जायतजाइत अछि,जाहिजाहिमे में लोक सभलोगसभ सतुआ के सेवन करैत अछी।अछि।
==शुरुआतउत्पत्ति एवम् महत्त्व==
==आधिकारिक महत्त्व==
बहुतबहुतरास रासमाँग मांगकके बाद, [[बिहार]] सरकारसरकारद्वारा द्वारा अहिएहि दिन के आधिकारिक मान्यता २०११ मेंमे [[मिथिला]] दिवसक रूप मेंमे देलदेनए गेलछल । सभप्रत्येक वर्ष अइएही दिन कऽमे [[बिहार]] सरकार केसरकारद्वारा द्वारासार्वजनिक अवकाशबिदा घोषित रहैत अछि।