"अङ्गूरबाबा जोशी" के अवतरणसभमे अन्तर

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पङ्क्त्ति २६:
==शुरूवाती जीवन==
 
पहिनुक पौराणिक रितिरिवाज अनुसार हिनकर बालबिआह भेल छल ।छल। एघार बर्षक कम उमरमे बलराम जोशीसँ वैवाहिक बन्धनमे बान्हल गेल छलिन । जाहि कारण हिनका विद्यालयक औपचारीक शिक्षा ग्रहण करबाक समय नै मिलल छल ।छल। <ref name=“selfless”>{{cite news|url=https://thehimalayantimes.com/entertainment/selfless-life/ |title= Selfless Life|date= April 4, 2008 |first= Abhilasha | last= Subba |location=
Kathmandu |newspaper=[[Himalayan Times|The Himalayan Times]]|accessdate= February 15, 2018}}</ref>
परिवारमे सासके बिशेस सहुलियत क कारण अपन स्वअध्ययनक परिणाम स्वरुप हुनका यी सफलता हासिल भेल छल। सन् १९४८ मे पति-पत्नी संगे एस. एल. सि. देल। पति वोर्डमे आयल, वो दोसर श्रेणीमे उत्तीर्ण भेल।
 
ओ प्राइभेट रुपस अध्ययन कके आइए उत्तीर्ण केलाके बाद पढ़ैके सिलसिलामे पतिके साथ वनारस गेलकिहिन आ ओर वही ठामसे ओ राजनीति शास्त्र आ सस्कृत बिषयमे बिए भर्ना मिलकेहिन। बनारस सं पढाई पुरा केलाक वाद ओ पदमकन्या कलेजमे अध्यापन शुरु केलकेहिन। वो बिचमे ब्रिटिस सरकारक दुवारा प्रदान कैलगेल कोलम्बो प्लान छात्रवृति ओहो पावल केहिन आ बेलायतके अक्सफोर्ड युनिभर्सिटी अन्तर्गत समर्भिल कलेजमे शुरु केलकेहिन। चार बर्षमे ओ अपना अध्यन पुरा केलकेहिन।