[[Image:Vyasa.jpg|200px|thumb|श्री वेदव्यास]] महर्षी '''वेदव्यास'''क भगवान्भगवान [[विष्णुक २४ अवतार]]सभमे एक अवतार मानल जाएत अछी।अछि उनकर। हुनकर नाम कृष्ण द्धैपायन छी |। श्री मद्देवीभागवतक अनुसार महर्षि वेदव्यास प्रत्येक [[द्वापर युग]]मे अवतरित होएत अछी।अछि एतसँ। पहिलेएतय २८टासँ पहिने २८ टा व्याससभ अवतरित भेल पुष्टी कएल गेल अछी।अछि ।<ref>श्रीमद्देवीभागवत</ref>
==व्यास ऋषिक जन्म==
व्यास ऋषिक जन्मके प्रसङ्गमे दमौलीसँ[[दमौली]] सँ ८ कि.मि. पूर्व छाब्दी बाराहक मन्दिरसँ करिब ५० मिटर पश्चिम दिशाक कुण्डमे व्यासक माता सत्यवतीक जन्म भेल छल| । मत्स्यक रूपसँ जन्म होएसँहोए सँ ओ कुण्डक नाम मच्छे कुण्ड रहल आएल अछीकथन कहावतअछि य|। सत्यवती ६-७ बर्षक छोट बालिका होएतकालहोएत काल घुमैत फिरैत दमौलीमे मलाहसभक नाव चलैत ठाममे पुइगपहुँचल आरआ ओ मलाहसभके एतेएतेक छोट ममता लागीरुपी बालिकाक देखीदेख घरमे जाकेजाए कुछकिछ दिन पाललकपालन पोषण केलक |। ओ समय पराशर ऋषिक आश्रम सेहो दमौलीक नजदीक छल |। घुमैत फिरैत एकदिन पराशर ऋषि आर सत्यवातीक भेट भेल |।