"युनानी भाषा" के अवतरणसभमे अन्तर

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== यूनानी भाषाक साहित्य ==
[[यूनान]] (ग्रीस) के बिना कोनो अतिशयोक्ति के अनेकार्थमे यूरोपेली [[साहित्य]], [[दर्शन]] तथा [[संस्कृति]] के जननी कहि सकैत अछि। ग्रीक लोग अत्यन्त चतुर, मेधावी तथा साहसी छल आ हुनकर चरित्रमे शारीरिक शौर्य के साथ बौद्धिक साहसक अनुपम सम्मिश्रण छल। हुनकर साहित्य प्रचुर तथा सर्वाङ्गीण छल आ यद्यपि ओ सभक बहुतरास भाग कालकवलित भऽ चुकल अछि आ एक प्रकारसँ ओ सभक भग्नावशेष ही उपलब्ध अछि, तथापि सुरक्षित अंश ही ओ सभक गौरवक सबल साक्षी अछि। ग्रीक साहित्य पर विदेशी प्रभावसभक छाप नै अछि; ओ ग्रीक जाति के वास्तविक गुणसभ तथा त्रुटिसभक प्रतिबिम्ब अछि। राष्ट्र तथा साहित्य के उत्थान पतनक इतिहास एक ही अछि आ दुनुक सम्बन्ध अटूटअछिहै। ग्रीक भाषाक मूल स्रोत, ओ प्राचीन भाषा छी जे मानव जाति के सभ मुख्य भाषासभक उद्गम मानल जाइत अछि आ जेकर भाषाविशारदसभ "इन्डो-जर्मनिक" नाम देनए अछि। कालान्तरमे ई भाषा यूनान तथा निकटवर्ती एशिया माइनरमे अनेक प्रादेशिक भाषासभमे विभक्त भऽ गेल, जाहिमे साहित्य के दृष्टिसँ चारिटा के नाम विशेष उल्लेखनीय अछि- दोरिक, ऐवोलिक, आयोनिक, तथा ऐतिक। ग्रीक साहित्य के निर्माणमे एही चारिटा प्रादेशिक भाषासभक गौरवपूर्ण योग रहल अछि।
 
== होमर तथा महाकाव्य साहित्य ==
ग्रीक काव्यसाहित्यक आरम्भ [[होमर]] के [[महाकाव्य]]- "[[ईलियद]]" तथा "[[ओदैसी]]" सँ होइत अछि आ हुनकर अपन साहित्यक [[वाल्मीकि]] कहनाए अनुचित नै होएत। अन्तर केवल एतेक ही अछि जे होमर ग्रीक काव्य के जन्मदाता नै छल किया कि हुनकर पहिने सेहो एक लोकप्रिय काव्य परम्परा छल, जाहिसँ ओ प्रभावित भेल आ जेकर बिखर गेल तत्वसभक एकत्र आकङ्लित करि ओ अपन महाकाव्यसभक निर्माण केलक। विद्वानसभक मत अछि जे होमर के महाकाव्यसभक रस-रस विकास भेल आ ओकर निर्माणमे अनेकौं व्यक्तिसभक हात रहल अछि। होमर के भाषा "मिश्रित आयोनियाक" अछि आ छन्द विशेष हेक्सामीटर अछि। होमरक जन्म अनुमानत: एसिया माइनर के इस्मर्ना नामक स्थान पर ईसा के लगभग ९०० वर्ष पूर्व भेल छल। मुद्दा हुनकर जीवनगाथा अन्धकारमे अछि। हुनकर महाकाव्य वीररस पूर्ण अछि आ हुनकर पात्र देवोपम अछि। देवता सेहो मानवोचित गुणसभ तथा मनोविकारसभसँ युक्त अछि, यद्यपि हुनकर शक्ति तथा सुन्दरता अलौकिक अछि। मानवजीवनक उत्थान पतन नियति के संकेत पर निर्भर अछि यद्यपि देवगण सेहो मनुष्य के सुख दु:ख, जय तथा पराजय के निर्णायक अछि आ किछ देवताक प्रसन्न करवाक लेल वीरशिरोमणि तथा शक्तिशाली शासक (अगामेम्नन) सेहो अपन कन्याक बलिदान करि देए के लेल सहर्ष तैयार भऽ सकैत अछि। होमर के महाकाव्यसभ समस्त ग्रीक साहित्य के प्रभावित केलक किया कि प्रशिक्षित प्रचारकसभक टोली यूनान के विभिन्न भागसभमे घूमि-घूमि के जनता के आगा हुनकर पाठ करैत छल। एहन कथावाचकसभक रैप्सोदिस्त कहैत छल जे कि हातमे लारेस वृक्ष के लाठी लके कवितापाठ करैत छल आ मुख्य स्थलसभ पर अभिनय सेहो करैत छल।
 
होमर के प्रभाव के सभसँ सबल साक्षी हैसियत अछि जे वोयतिया के नागरिक छल आ जेकर प्रसिद्ध काव्य "कार्य ओर दिन" होमरक शैलीमे लिखल गेल अछि। यद्यपि हुनकर दृष्टिकोण वैयक्तिक अछि आ हुनकर कविता उपदेशात्मक। एहीमे ओ अपन आलसी भाई के परिश्रम तथा कृषि के उपादेयता के शिक्षा देनए अछि आ राजनीतिक क्षेत्रमे न्याय के सबल समर्थन केनए अछि। हुनकर दोसर काव्यग्रन्थ "थियोग्री" के नामसँ प्रसिद्ध अछि जेकर मुख्य विषय अछि सृष्टिक आरम्भ तथा देवतासभक विभिन्न पीढिसभक इतिहास। होमर तथा हैसियत ग्रीक पौराणिक साहित्य के परिपोषक मानल जाइत अछि आ हुनकर ग्रन्थसभसँ ई स्पष्ट अछि कि यूनानी विचार बहुदेवत्ववादसँ एक देवाधिकदेव के कल्पना के दिशामे अग्रसर भऽ चलल छल।