"भारतक महाराज्यपाल" के अवतरणसभमे अन्तर

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==राजप्रतिनिधि==
[[चित्रFile:George Curzon2.jpg|thumb|right|[[लर्ड कर्जन]], भारतक राजप्रतिनिधिक वेशभूषामे, एकर कार्यकाल १८९९-१९०५ धरी चलल]]
 
अधिकांश [[ब्रिटिश भारत|भारत]] पर ब्रिटिश शासनक प्रत्यक्ष नियंत्रण ना रहल छल, वास्तविक प्रशासनक प्रभार व अधिकार छल ओकर अधीनस्त अधिकारी आ अफसरसभक हाथे। तथा भारतक अधिकांश भूभागपे स्थानिया भारतीय शासकसभक राज छल जेसभ सन्धिद्वारा ब्रिटिश मुकुटक अधीन छल। अतः भारतीय सामन्तसभ आ राजा-रजवाड़ासभक लेल ब्रिटिश सम्प्रभुक प्रतिनिधि रहेक कारणसँ, महाराज्यपाल(गभर्नर-जनरल) कऽ सन १८५८मे '''भारतक राजप्रतिनिधि आ महाराज्यपाल'''क(''वाइसरय अंड गभर्नर-जनरल अफ इन्डिया'') उपादिसँ सम्बोधित करल जाए लगल। मुदा १९४७मे भारतक स्वतन्त्रता प्राप्तिक पश्चात् राजप्रतिनिधिक उपादिक उपयोक रोक देल गेलइ आ केवल महाराज्यपालक उपादि रह गेल। तथा ई पद महाराज्यपालक रूपमे २६ जनवरी सन १९५० धरी [[भारतीय सम्विधान]]क परवर्तन आ भारतक लोकतान्त्रिक गणराज्य घोषित भेला धरी अस्तित्वमे रहलै।