"प्रकाश-संश्लेषण" के अवतरणसभमे अन्तर

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मनुष्य के अतिरिक्त अन्य जीव जन्तुसभमे सेहो प्रकाश-संश्लेषण के बहुत महत्व अछि। [[मानव]] अपन [[छाला]] मे प्रकाश के द्वारा भिटामिन डी के संश्लेषण करैत अछि। भिटामिन डी एक वसा मे घुलनशील रसायन छी, एकर संश्लेषण मे [[पराबैगनी किरण|पराबैगनी किरणसभ]] के प्रयोग होइत अछि। किछ समुद्री घोघे अपन आहार के माध्यम सँ [[शैवाल]] आदि गाछ के ग्रहण करैत अछि तथा एहीमे मौजूद क्लोरोप्लास्ट के प्रयोग प्रकाश-संश्लेषण के लेल करैत अछि।<ref>{{cite journal |author=Muscatine L, Greene RW |title=Chloroplasts and algae as symbionts in molluscs |journal=Int. Rev. Cytol. |volume=36 |pages=137–69 |year=1973 |pmid=4587388}}</ref> प्रकाश-संश्लेषण एवं [[श्वसन]] के क्रियासभ एक दोसर के पूरक एवं विपरीत होइत अछि। प्रकाश-संश्लेषण मे कार्बनडाइअक्साइड आ जल के बीच रासायनिक क्रिया के फलस्वरूप ग्लूकोज के निर्माण होइत अछि तथा अक्सिजन मुक्त होइत अछि। श्वसन मे एकर विपरीत ग्लूकोज के [[अक्सिकरण]] के फलस्वरूप जल तथा कार्बनडाइअक्साइड बनैत अछि। प्रकाश-संश्लेषण एक रचनात्मक क्रिया छी एकर फलस्वरूप सजीव के शुष्क भार मे वृद्धि होइत अछि। श्वसन एक नासात्मक क्रिया अछि, ई क्रिया के फलस्वरूप सजीव के शुष्क भार मे कमी आवैत अछि। प्रकाश-संश्लेषण मे सौर्य ऊर्जा के प्रयोग सँ भोजन बनैत अछि, विकिरण ऊर्जा के रूपान्तरण रासायनिक ऊर्जा मे होइत अछि। जखन श्वसन मे भोजन के अक्सीकरण सँ ऊर्जा मुक्त होइत अछि, भोजन मे सञ्चित रासायनिक ऊर्जा के प्रयोग सजीव अपन विभिन्न कार्यसभ मे करैत अछि। एही प्रकार ई दुनु क्रियासभ अपन कच्चा माल के लेल एक दोसर के अन्त पदार्थसभ पर निर्भर रहैत एक दोसर के पूरक होइत अछि।
 
== क्रिया विधि : विभिन्न मत ==
 
[[File:Simple photosynthesis overviewHindi.svg|thumb|200px|प्रकाश संश्लेषण, जल के तोडि के O<sub>2</sub> निकालैत अछि एवं CO<sub>2</sub> के शर्करा (sugar) के रूप मे बदलि दैत अछि।]] प्रकाश संश्लेषण के क्रिया केवल हरियर गाछ सँ होइत अछि आ समीकरण अत्यन्त साधारण अछि। फेर सेहो ई एक विवादग्रस्त प्रश्न अछि कि केहन प्रकार CO<sub>2</sub> एवं पानी जेहन सरल पदार्थ, कार्बोहाइड्रेट्स जेहन जटिल पदार्थसभक निर्माण करैत अछि। समय-समय पर विभिन्न पादप कार्यिकी विशेषज्ञसभ ई क्रिया के समझि के लेल विभिन्न मत प्रकट कएल गेल अछि। एहीमे बयर, भिल्सटेटर तथा स्टाल तथा आरनोन के मत प्रमुख अछि। बयर, भिल्सटेटर तथा स्टाल के मतसभक केवल ऐतिहासिक महत्व अछि। ई सभ के बाद के परीक्षणसभमे सही नै पावल गेल। [[१९६७]] मे आरनोन बतौलक् कि क्लोरोप्लास्ट मे पावल गेल जाए वाला प्रोटीन फ्यारोरोडोक्सिन प्रकाश संश्लेषण केलक क्रिया मे मुख्य कार्य करैत अछि। आधुनिक युग मे सभ वैज्ञानिकसभ द्वारा ई मान्य अछि कि प्रकाश संश्लेषण मे स्वतन्त्र अक्सिजन पानी सँ आवैत अछि। आधुनिक समय मे अनेक प्रयोगसभ के आधार पर ई सिद्ध भऽ चुकल अछि कि प्रकाश संश्लेषण के क्रिया निम्न दुई चरणसभमे सम्पन्न होइत अछि। पहिल चरण मे प्रकाश प्रक्रिया अथवा हिल प्रक्रिया अथवा फोटोकेमिकल प्रक्रिया। आ दोसर चरण मे अन्धेरी प्रक्रिया अथवा ब्लेकम्यान प्रक्रिया वा प्रकाशहीन प्रक्रिया। प्रकाश संश्लेषण के क्रिया मे दुनु प्रक्रियासभ एक दोसर के पश्चात होइत अछि। प्रकाश प्रक्रिया अन्धेरी प्रक्रिया के उपेक्षा अधिक तेजी सँ होइत अछि।
 
प्रकाश-संश्लेषण के क्रिया गाछ के सभ क्लोरोप्लास्ट युक्त कोशिकासभ मे होइत अछि। अर्थात गाछ के समस्त हरियर भागसभ मे होइत अछि। ई क्रिया विशेषतः पत्तिसभ के मीसोफिल ऊतक मे होइत अछि किया कि पत्तिसभ के मीसोफिल उतक के पेरेन्काइमे कोशिकासभ मे अन्य कोशिकासभ के उपेक्षा क्लोरोप्लास्ट के मात्रा अधिक होइत अछि।