"प्रकाश-संश्लेषण" के अवतरणसभमे अन्तर

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[[File:Stephen Hales.jpg|tumb|right|200px|स्टीफन हेलेस]]बहुत प्राचीन काल सँ ई ज्ञात अछि कि गाछ अपन पोषण जडि द्वारा प्राप्त करैत अछि। [[१७७२]] मे [[स्टीफन हेलेस]] बतौलक् कि गाछ की पत्तिसभ [[वायु]] सँ भोजन ग्रहण करैत अछि तथा ई क्रिया मे [[प्रकाश]] के किछ महत्वपूर्ण क्रिया छी। प्रीस्टले [[१७७२]] मे पहिने बतौलक् कि ई क्रिया के दौरान उत्पन्न वायु मे मैनबत्ती जलावाल जाए तँ ई जलैत रहैत अछि। मैनबत्ती जलि के पश्चात् उत्पन्न वायु मे यदि अखन एक जीवित चूहा रखल जाए तँ ओ मरि जाइत अछि। ओ [[१७७५]] मे पुनः बतौलक् कि गाछ द्वारा दिन के समय मे निकलल ग्यास अक्सिजन होएत अछि। एकर पश्चात इन्जन हाउस [[१७७९]] मे बतौलक् कि हरियर गाछ [[सूर्य]] के प्रकाश मे co<sub>2</sub> ग्रहण करैत अछि तथा अक्सिजन निकालैत अछि। डी. सासूर [[१८०४]] मे बतौलक् गाछ दिन आ रात श्वसन मे तँ अक्सिजन ही लैत अछि मुद्दा प्रकाश संश्लेषण के दौरन अक्सिजन मुक्त करैत अछि। अत: अक्सिजन पूरा दिन काम मे आवैत अछि मुद्दा कार्बनडाईअक्साइड सँ अक्सिजन केवल प्रकाश संश्लेषण मे ही बनैत अछि। सास [[१८८७]] मे बतौलक् कि हरियर गाछ के co<sub>2</sub> ग्रहण करवाक तथा o<sub>2</sub> निकलवाक सँ गाछ मे [[स्टार्च]] के निर्माण होइत अछि।
 
== महत्व ==
हरियर गाछ मे होए वाला प्रकाश संश्लेषण के क्रिया गाछ एवं अन्य जीवित प्राणीसभक लेल एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्रिया छी। ई क्रिया मे गाछ सूर्य के प्रकाशीय उर्जा के रासायनिक उर्जा मे परिवर्तित करि दैत अछि तथा CO<sub>2</sub> पानी जेहन साधारण पदार्थसभ सँ जटिल कार्बन यौगिक कार्बोहाइड्रेट्स बनि जाइत अछि। ई कार्बोहाइड्रेट्स द्वारा ही मनुष्य एवं जीवित प्राणीसभ के भोजन प्राप्त होइत अछि। ई प्रकार गाछ प्रकाश संश्लेषण के क्रिया द्वारा सम्पूर्ण प्राणी जगत के लेल भोजन-व्यवस्था करैत अछि। कार्बोहाइड्रेट्स [[प्रोटीन]] एवं [[भिटामिन]] आदि के प्राप्त करै के लेल विभिन्न फसलसभ उगाएल जाइत अछि तथा ई सभ पदार्थसभक निर्माण प्रकाश संश्लेशण द्वारा ही होइत अछि। रबड, प्लास्टिक, तेल, सेल्यूलोज एवं अनेकौं औषधीसभ सेहो गाछ मे प्रकाश संश्लेषण क्रिया मे उत्पन्न होइत अछि। हरियर वृक्ष प्रकाश संश्लेषण के क्रिया मे कार्बन डाईअक्साइड के लैत अछि आ अक्सीजन के निकलैत अछि, एही प्रकार वातावरण के शुद्ध करैत अछि। अक्सिजन सभ जन्तुसभ के साँस लेए के लेल अति आवश्यक अछि। [[पर्यावरण]] के संरक्षण के लेल सेहो ई क्रिया के बहुत महत्व अछि।<ref>{{cite web |url= http://www.hindimilap.com/articles/240/1/aaaaaa-aa-aaaaaaaa-aaaaaaa/Page1.html|title= आवश्यक है पर्यावरण संरक्षण|accessmonthday=[[२२ दिसंबर]]|accessyear=[[२००८]]|format= एचटीएमएल|publisher= हिन्दी मिलाप|language=}}</ref><ref>{{cite web |url= http://pustak.org/bs/home.php?bookid=1685|title=आधुनिक जीवन और पर्यावरण|accessmonthday=[[२२ दिसंबर]]|accessyear=[[२००८]]|format= पीएचपी|publisher= भारतीय साहित्य संग्रह|language=}}</ref> [[मत्स्य-पालन]] के लेल सेहो प्रकाश संश्लेषण के बहुत महत्व अछि। जखन प्रकाश संश्लेषण के क्रिया अस्थिर भऽ जाइत अछि तँ जल मे कार्बनडाईअक्साइड के मात्रा बढि जाइत अछि। एकर ५ सी.सी. प्रतिलिटर सँ अधिक होनाए मत्स्य पालन हेतु हानिकारक अछि।<ref>{{cite web |url=http://uttara.in/hindi/fisheries/related_info/chemicals.html|title= मत्स्य पालन सम्बंधी जानकारी: भौतिक, रासायनिक एवं जैविक घटक |accessmonthday=[[२२ दिसंबर]]|accessyear=[[२००८]]|format= एचटीएमएल|publisher= मत्स्य पालन विभाग, उत्तराखण्ड
|language=}}</ref> प्रकाश संश्लेषण [[जैव ईन्धन]] बनावे मे सेहो सहायक होइत अछि। एकर द्वारा गाछ सौर ऊर्जा द्वारा जैव ईन्धन के उत्पादन सेहो करैत अछि। ई जैव ईन्धन विभिन्न प्रक्रिया सँ गुजरैत विविध ऊर्जा स्रोतसभक उत्पादन करैत अछि। उदाहरण के लेल पशुसभ के चारा, जेकर बदला हमरासभ के गोबर प्राप्त होइत अछि, [[कृषि]] अवशेष के द्वारा खाना पकानाए आदि।<ref>{{cite web |url=http://www.indg.in/rural-energy/rural-energy/sources-of-energy/91c948935-908902927928/view?set_language=hi|title= जैव ईंधन|accessmonthday=[[२२ दिसंबर]]|accessyear=[[२००८]]|format=|publisher=भारत विकास प्रवेशद्वार
|language=}}</ref>
मनुष्य के अतिरिक्त अन्य जीव जन्तुसभमे सेहो प्रकाश-संश्लेषण के बहुत महत्व अछि। [[मानव]] अपन [[छाला]] मे प्रकाश के द्वारा भिटामिन डी के संश्लेषण करैत अछि। भिटामिन डी एक वसा मे घुलनशील रसायन छी, एकर संश्लेषण मे [[पराबैगनी किरण|पराबैगनी किरणसभ]] के प्रयोग होइत अछि। किछ समुद्री घोघे अपन आहार के माध्यम सँ [[शैवाल]] आदि गाछ के ग्रहण करैत अछि तथा एहीमे मौजूद क्लोरोप्लास्ट के प्रयोग प्रकाश-संश्लेषण के लेल करैत अछि।<ref>{{cite journal |author=Muscatine L, Greene RW |title=Chloroplasts and algae as symbionts in molluscs |journal=Int. Rev. Cytol. |volume=36 |pages=137–69 |year=1973 |pmid=4587388}}</ref> प्रकाश-संश्लेषण एवं [[श्वसन]] के क्रियासभ एक दोसर के पूरक एवं विपरीत होइत अछि। प्रकाश-संश्लेषण मे कार्बनडाइअक्साइड आ जल के बीच रासायनिक क्रिया के फलस्वरूप ग्लूकोज के निर्माण होइत अछि तथा अक्सिजन मुक्त होइत अछि। श्वसन मे एकर विपरीत ग्लूकोज के [[अक्सिकरण]] के फलस्वरूप जल तथा कार्बनडाइअक्साइड बनैत अछि। प्रकाश-संश्लेषण एक रचनात्मक क्रिया छी एकर फलस्वरूप सजीव के शुष्क भार मे वृद्धि होइत अछि। श्वसन एक नासात्मक क्रिया अछि, ई क्रिया के फलस्वरूप सजीव के शुष्क भार मे कमी आवैत अछि। प्रकाश-संश्लेषण मे सौर्य ऊर्जा के प्रयोग सँ भोजन बनैत अछि, विकिरण ऊर्जा के रूपान्तरण रासायनिक ऊर्जा मे होइत अछि। जखन श्वसन मे भोजन के अक्सीकरण सँ ऊर्जा मुक्त होइत अछि, भोजन मे सञ्चित रासायनिक ऊर्जा के प्रयोग सजीव अपन विभिन्न कार्यसभ मे करैत अछि। एही प्रकार ई दुनु क्रियासभ अपन कच्चा माल के लेल एक दोसर के अन्त पदार्थसभ पर निर्भर रहैत एक दोसर के पूरक होइत अछि।