"आयुर्वेद" के अवतरणसभमे अन्तर
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पङ्क्त्ति ३९:
८. वाजीकरण- रज, शुक्र एवं मैथुनसम्बन्धी विकारसभक लक्षण आ तेकर उपचारबारे जे तन्त्रमे वर्णन करैत अछि वाजीकरण तन्त्र कहैत अछि।
==मुख्य ग्रन्थसभ==
आयुर्वेदक विषयमे लिखल सबसँ प्राचिन ग्रन्थ अथर्ववेद आ ऋग्वेद अछि। विभिन्न वेदसभसँ साभार कएल आयुर्वेदक सिद्धान्तसभ एंव ऋषि-आचार्यसभक अनुभवके मुख्यत: वृहत त्रयी आ लघु त्रयीमे संकलन केने अछि। वृहत त्रयीमे चरक संहिता, सुश्रुत संहिता आ अष्टाङ्ग हृदय परैत अछि माने लघु त्रयीमे माधव निदान, शाङधर संहिता आ भावप्रकाश परैत अछि।
==सन्दर्भ सामग्रीसभ==
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