"आयुर्वेद" के अवतरणसभमे अन्तर
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पङ्क्त्ति ३७:
७. रसायनतन्त्र- जे आहार-विहार एवं औषधिक सेवनसँ प्रशस्त मात्रामे रस-रक्तादि धातुसभक वृद्धि होएत अछि। दीर्घ जीवन, स्मरणशक्ति, धारणाशक्ति, सुस्वास्थ्य, शारीरिक पुष्टि, इन्दि्रय शक्ति, बलवृद्धि आ वाक्शक्ति आदिक प्राप्ति होएत अछि। रसायनसभक उपदेश दऽ तन्त्रके रसायनतन्त्र कहैत अछि।
८. वाजीकरण- रज, शुक्र एवं मैथुनसम्बन्धी विकारसभक लक्षण आ तेकर उपचारबारे जे तन्त्रमे वर्णन करैत अछि वाजीकरण तन्त्र कहैत अछि।
==सन्दर्भ सामग्रीसभ==
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