"कूर्म अवतार" के अवतरणसभमे अन्तर

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पङ्क्त्ति ५:
===धन्वन्तरी अवतार===
समुद्र मथनमे अमृतक घडा हातमे लऽ भगवान विष्णु धन्वन्तरीक रूप धारण करै आएल । शान्त स्वभावक अमृत कलस हातमे लेने धन्वन्तरीके पछा देवतासभ वैद्य बनाएलक । हिन्दू धर्म शास्त्रक अनुशार भगवान धन्वन्तरी आयुर्वेदक ज्ञाता मानै अछि। अमृत देख दानवसभ पहिल धन्वन्तरीक हातसँ लेलक। फेर एक आपसमे अमृत कलश खोसा खोस करै लगल । देवतासभ देखैत रहल । देवतासभक कुछ चलन देवतासभ समुद्र मथर थाक गेल छल । नै ओ दानवसग अमृत माग्न सकल नै त छिन सकल । धन्वन्तरी अमृतक कलश दऽ अन्तर्ध्यान भेल ।
==सन्दर्भ सामग्रीसभ==
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==बाह्य जडीसभ==
==एहो सभ देखी==