"कूर्म अवतार" के अवतरणसभमे अन्तर

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[[File:Kurma_avatara.jpg|200px|thum|भगवान कूर्मावतार]]
[[हिन्दू धर्म]]क अनुसार '''कूर्म''' कच्छवातार भगवान विष्णुक दोसर रूप छी। कूर्मावतारमे भगवान विष्णु कछुवाक रूप धारण करै समुन्द्र मथन केने देवता आ दैत्यसभक उदार केने छल । ई अवस्थामे भगवान विष्णु तिनटा रूप धारण केने छल ।
==कूर्म अवतार==
मन्दराचल पर्वत समुन्द्रक गहिराईमे डुबै लागल । ई देख देव दानवसभ फेर बिष्णुक शरण लेलक। भगवान विष्णु सेहो कछुवाक रूप धारण करै पर्वतके अपन पिठमे अड्कलक। समुन्द्र मथनसँ सबसँ पहिल हलाहल नामक बिषक उत्पत्ती भेल छल हलाहल बिषक असर देवतासभ सहन नै सकल । भगवान [[शिव]] ई हलाहल बिष सब पिलक। शिव हलाहल खाएल पछा उनकर घाँटी निला परै लगल । शिवके निलकण्ठ कहैत अछि। समुद्र मथनसँ धनक देवी [[लक्ष्मी]], काम धेनु, रम्भा नामक [[अप्सरा]], उच्चश्रवा घोडा, भगवान विष्णुक गलामे पहिरिएल कोस्तुभमणी, पारीजात कल्प वृक्ष, आदी १३ रत्न पछा अमृतक उत्पत्ती भेल छल ।