"अभिमन्यु (अर्जुनपुत्र)" के अवतरणसभमे अन्तर

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१३:२१, ६ नवम्बर २०१७ कऽ समकालिक अवतरण

हिन्दुसभक पौराणिक कथा महाभारतक एक महत्त्वपूर्ण पात्र अभिमन्यु पूरु कुलक राजा आ पाँच पाण्डवसभमे सँ अर्जुनक पुत्र छल। कथामे हुनकर छल द्वारा कारुणिक अन्त बताएल गेल अछि।

अभिमन्यु
उत्तराधिकारीपरीक्षित
पत्नीउत्तरा
कुलकुरु
पिताअर्जुन
मातासुभद्रा
धर्महिन्दु-क्षत्रिय
अभिमन्यु चक्रव्यूहमे।
अभिमन्यु चक्रव्यूहमे।

अभिमन्यु महाभारतक नायक अर्जुन आ सुभद्रा, जे बलराम वा कृष्णक बहिनक पुत्र छल। हुनका चन्द्र देवताक पुत्र सेहो मानल जाइत अछि। धारणा अछि कि समस्त देवतासभ अपन पुत्रसभक अवतारक रूपमे धरती पर भेजने छल मुद्दा चन्द्रदेव कहलक् कि ओ अपन पुत्रक वियोग सहन नै करि सकैत् अतः हुनकर पुत्रके मानव योनिमे मात्र सोलह वर्षक आयु देल जाए।

अभिमन्युक बाल्यकाल अपन ननिहाल द्वारकामे ही बीतल। हुनकर विवाह महाराज विराटक पुत्री उत्तरा सँ भेल। अभिमन्युक पुत्र परीक्षित, जेकर जन्म अभिमन्युक मृत्योपरान्त भेल, कुरुवंशक एकमात्र जीवित सदस्य पुरुष छल जे युद्धक समाप्तिक पश्चात पाण्डव वंशके आगा बढौलक्।

अभिमन्यु एक असाधारण योद्धा छल। ओ कौरव पक्षक व्यूह रचना, जेकरा चक्रव्यूह कहल जाइत छल, के सातमे सँ छ द्वार भेद देने छल। कथानुसार अभिमन्यु अपन माताक कोखमे रहैते ही अर्जुनके मुखसँ चक्रव्यूह भेदनक रहस्य बुझि लेने छल। मुद्दा सुभद्राक बीचमे ही निद्रामग्न होएसँ ओ व्यूहसँ बाहिर आवै के विधि नै सुन पौने छल। अभिमन्युक म्रृत्युक कारण जयद्रथ छल जे अन्य पाण्डवक व्यूहमे प्रवेश करै सँ रोकि देने छल। संभवतः एही के लाभ उठा करि व्यूहके अन्तिम चरणमे कौरव पक्षक सभ महारथी युद्धके मानदन्डो के भुलि ओ बालक पर टूटि पडल, जेकर कारण ओ वीरगति प्राप्त केलक। अभिमन्युक मृत्युक प्रतिशोध लै के लेल अर्जुन जयद्रथक वधक शपथ लेने छल।

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