"पाण्डव" के अवतरणसभमे अन्तर
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Biplab Anand (वार्ता | योगदान) +पाण्डव |
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पङ्क्त्ति १:
[[File:Draupadi and Pandavas.jpg|thumb| पत्नी [[द्रौपदी]] आ पाण्डवसभ; [[युधिष्ठिर]] गद्दीमे
'''पाण्डव''' हिन्दू धर्म ग्रन्थ [[महाभारत]]क मुख्य पात्रसभ
==परिवार==
पाण्डवसभक
==जन्म कथा==
एक बेर राजा पाण्डु अपन दुनू पत्नी [[कुन्ती]] तथा [[माद्री]] संगे शिकार करैक लेल जङ्गल गेल छल । ओतय ओ सभ मृगक जोडी मैथुनरत देखलक । पाण्डु तुरन्ते अपन बाणसँ ओ मृगकें घाइल करि देलक । तखन ओ मृग [[पाण्डु]]कें श्राप देलक - राजन! अहाँ जका क्रूर पुरुष ई संसारमे कियो नै भ सकैत अछि । अहाँ हमरा मैथुनक समय बाण दागने छी अतः जब कहियो अहाँ मैथुनरत हेबए तखन अहाँक मृत्यु भऽ जाइत ।
याह श्रापसँ पाण्डु अत्यन्त दुःखी भेल आ अपन रानीसभ सँ कहलक - हे देवी! आब हम अपन सम्पूर्ण वासना त्याग करि ई वनमे बैसैत छी अहाँ दुनू लोकनि [[हस्तिनापुर]] चलि जाए । हुनकर वचन सुनि दुनू रानीसभ दुःखी भऽ कहलक - नाथ! हमसभ अहाँक बिना एक क्षण जीवित नै रहि सकब । अहाँ हमरो दुनू गोटेकें वनमे अहाँ संगे कृपा करी । पाण्डु ओ दोनोकें अनुरोधकें स्वीकार करि ओ दुनूकें वनमे अपन संगे बैसैक अनुमति देलक ।
ई समयमे राजा पाण्डुद्वारा अमावस्याक दिन ऋषि-मुनिसभ [[ब्रह्मा]]कें दर्शनक लेल जाइत देखलक । ओ उ ऋषि-मुनिसभ सँ हमरो साथ लऽ जाए कें आग्रह केलक । हुनकर ई आग्रहकें ऋषि-मुनिसभ कहलक - राजन! कोनो भी निःसन्तान पुरुष ब्रह्मलोक जेबाक अधिकारी नै भऽ सकैत अछि अतः हमसभ अहाँकें लऽ जाएमे असमर्थ छी ।
==सन्दर्भ सामग्रीसभ==
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==बाह्य जडीसभ==
{{Commonscat|Pandavas|पाण्डवसभ}}
==एहो सभ देखी==
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