"मैसूर" के अवतरणसभमे अन्तर

पङ्क्त्ति ६२:
 
==इतिहास==
मैसूरक प्रामाणिक इतिहास भारत पर सिकन्दरक आक्रमण (इशा पूर्व ३२७) कऽ बादसँ प्राप्त होइत अछि । ओ आक्रमणक पश्चात मैसूरक उत्तरी भाग पर सातवाहन वंशक अधिकार भेल छल आ ई अधिकार २०० ईसवी धरि चलल । मैसूरक ई राजा सातकर्णी कहलावैत छल । एकर बाद उत्तर कशचमी क्षेत्र पर कदम्ब वंशक आ उतर पूर्वी भाग पर पल्लवसभक शासन भेल । कदम्बसभक राजधनी वनवासीमे तथा पल्लवसभक कांचीमे छल । याह बीच उतरसँ इक्ष्वाकु वंशक सातम् राजा दुर्विनीतद्वारा पल्लवसभसँ किछ क्षेत्र छीन अपन अधिकारमे करि लेलक । आठम् शासक श्रीपुरूषद्वारा पल्लवसभकें हारए '''परमनदि''' कऽ उपाधि धारण केलक, जे गङ्ग वंशक परवर्ती शासकसभक सेहो उपाधि कायम रहल ।
 
उत्तर पश्चिमी क्षेत्र पर पाँचम शताब्दीमे चालुक्यद्वारा आक्रमण कएल गेल । छठम शताब्दीमे चालुक्य नरेश पुलिकैशिनद्वारा पल्लवसभसँ वातादि (वादामी) छीन लेलक आ ओकरे राजधानी स्थापित केलक । आठम शताब्दीक अन्तमे राष्ट्रकूट वंशक ध्रूव या धारावर्ष नामक राजा पल्लव नरेशसँ कर वसूल केलक आ गङ्ग वंशक राजाकें सेहो कैद करि लेलक मुदा बादमे गङ्ग राजा मुक्त करि देल गेल । राचमल (लगभग सन् ८२०) कऽ बाद गङ्ग वंशक प्रभाव पुन: वृद्धि होमए लागल । सन् १००४ मे चोलवंशीय राजेन्द्र चोल गङ्गसभकें हराए दक्षिण तथा पूर्वी हिस्सा पर अपना अधिकार करि लेलक ।
 
 
 
==सन्दर्भ सामग्रीसभ==
प्राप्ति स्थल "https://mai.wikipedia.org/wiki/मैसूर"