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'right|thumb|300px| नारियल के पेड़ '''नारिय...'सँग नव पन्ना बनाएल गेल
 
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[[चित्रfile:Starr 031209-0059 Cocos nucifera.jpg|right|thumb|300px| नारियल के पेड़गाछ]]
 
'''नारियल''' (''Cocos nucifera'', कोकोस् नूकीफ़ेरा) एक बहुवर्षी एवं [[एकबीजपत्री]] पौधागाछ है।छी। इसकाएकर तना लम्बा तथा शाखा रहित होताहोएत है।अछी। मुख्य तने के ऊपरी सिरे पर लम्बी पत्तियोंपत्तिसभ का मुकुट होताहोएत है।अछी। ये वृक्ष [[समुद्र]] के किनारे या नमकीन जगह पर पायेपावल जातेजाएत हैं।अछी। इसकेएकर फल [[हिन्दु|हिन्दुओं]] के धार्मिक अनुष्ठानोंअनुष्ठानसभ मेंमे प्रयुक्त होताहोएत है।अछी। [[बांग्ला]] मेंमे इसेएकरा ''नारिकेल'' कहतेकहल हैं।जाएत अछी। नारियल के वृक्ष भारत मेंमे प्रमुख रूप से [[केरल]], [[पश्चिम बंगाल]] औरआर [[उड़ीसा]] मेंमे खूब उगतेउगैत हैं।अछी। [[महाराष्ट्र]] मेंमे [[मुंबई]] तथा तटीय क्षेत्रोंक्षेत्रसभ [[गोआगोवा]] मेंमे भीसेहो इसकीएकर उपज होतीहोएत है।अछी। नारियल एक बेहद उपयोगी फल है।छी। नारियल देर से पचने वालापचाईवाला, मूत्राशय शोधक, ग्राही, पुष्टिकारक, बलवर्धक, रक्तविकार नाशक, दाहशामक तथा वात-पित्त नाशक है।छी।
 
== निरुक्त ==
 
[[संस्कृत]] में इसको ''नालिकेरः'' कहते हैं। "नल्यते केन वायुना ईर्यते इति नालिकेर:"। वर्णभ्रंश के कारण, सामान्य भाषण में यह नारिकेल बन गया। इससे [[बंगला]] शब्द नारिकेल तथा हिन्दी शब्द नारियल निकले हैं |
 
== औषधीय गुण ==
[[चित्रfile:Coconut art 06.jpg|thumb|right|215px|नारियल]]
नारियल की तासीर ठंडी होती है। नारियल का पानी हल्का, प्यास बुझाने वाला, अग्निप्रदीपक, वीर्यवर्धक तथा मूत्र संस्थान के लिए बहुत उपयोगी होता है।
 
==एहो सभ देखी==
* सूखे नारियल से तेल निकाला जाता है। इस तेल की मालिश त्वचा तथा बालों के लिए बहुत अच्छी होती है। नारियल तेल की मालिश से मस्तिष्क भी ठंडा रहता है। गर्मी में लगने वाले दस्तों में एक कप नारियल पानी में पिसा जीरा मिलाकर पिलाने से दस्तों में तुरंत आराम मिलता है।
 
* बुखार के कारण बार-बार लगने वाली प्यास के इलाज के लिए नारियल की जटा को जलाकर गर्म पानी में डालकर रख दें। जब यह पानी ठंडा हो जाए तो छानकर इसे रोगी को पीने दें। इससे प्यास मिटती है।
 
* आँतों में कृमि की समस्या से निपटने के लिए हरा नारियल पीसकर उसकी एक-एक चम्मच मात्रा का सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। नारियल के पानी की दो-दो बूँद सुबह-शाम कुछ दिनों तक नाक में टपकाने से आधा सीसी के दर्द में बहुत आराम मिलता है।
 
* सभी प्रकार की चोट-मोच की पीड़ा तथा सूजन दूर करने के लिए नारियल का बुरादा बनाकर उसमें हल्दी मिलाकर प्रभावित स्थान पर पट्टी बाँधें और सेंकें। विभिन्न त्वचा रोगों जैसे खाज-खुजली में नारियल के तेल में नीबू का रस और कपूर मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाने से लाभ मिलता है।
 
* पित्तजन्य विकारों के निदान में नारियल विशेष रूप से लाभकारी है। इसके लिए कच्चे नारियल की गिरी, रस तथा सफेद चंदन का बुरादा मिला लें। इस मिश्रण की 10 ग्राम मात्रा को रात को पानी में भिगो दें। सुबह छानकर इसे खाली पेट पिएँ।
 
* स्वस्थ सुंदर संतान प्राप्ति के लिए गर्भवती महिला को 3-4 टुकड़े नारियल प्रतिदिन चबा-चबाकर खाने चाहिए। इसके साथ एक चम्मच मक्खन, मिसरी तथा थोड़ी सी पिसी कालीमिर्च मिलाकर चाटें। बाद में थोड़ी सी सौंफ चबाएँ। इसके आधे घंटे बाद तक कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए। पुराने सूजाक और मूत्रकृच्छ में भी इससे आश्चर्यजनक लाभ होता है।
 
* नारियल क्रोहन्स डिजीज के इलाज के लिए एक रामबाण औषधि है। इस बीमारी में रोगी की आँतों में जलन, डायरिया, मल में रक्त आना, वजन कम होना आदि लक्षण होते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार क्रोहन्स डिजीज के उपचार में प्रयोग किए जाने वाले कॉर्टिकोस्टेराइड्स के समकक्ष नारियल में फाइटोस्टेराल्स नामक समूह तत्व होता है जो क्रोहन्स डिजीज में मुकाबला करता है।
 
* नारियल हमें मोटापे से भी बचाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार एक स्वस्थ वयस्क के भोजन में प्रतिदिन 15 मिग्रा जिंक होना जरूरी है जिससे मोटापे से बचा जा सके। ताजा नारियल में जिंक भरपूर मात्रा में होता है।
 
* हैजे में यदि उल्टियाँ बंद न हो पा रही हों तो रोगी को तुरंत नारियल पानी पिलाना चाहिए। इससे उल्टियाँ बंद हो जाती हैं
 
== यह भी देखें ==
* [[डाभ]]
==बाह्य जडीसभ==
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://shabdshikhar.blogspot.com/2010/04/blog-post_21.html गुणों की खान है नारियल]
* [http://jpgmag.com/stories/19202 रोजमर्रा की गतिविधियों में नारियल उपयोग]
 
{{फल}}
 
[[श्रेणी:फल]]
प्राप्ति स्थल "https://mai.wikipedia.org/wiki/नारियल"