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पङ्क्त्ति २३:
== इतिहास ==
सत्रहवीं शताब्दीमे जब [[मुगल]] अपन ताकत खतम होइत देखलक, तs समूचा [[भारत]]मे [[अराजकता]] [[सिर]] उठाब लागल, अही समयमे [[राजपूताना]]क [[आमेर]] रियासत, एकटा बडका ताकतके रूपमें उभरल.जाहिर अछि कि महाराजा [[सवाई जयसिंह]] कs तब बहुत पैग दायरामे फैलल अपन [[रियासत]] संभालकs आ सुचारु राजकाज संचालनके लेल [[आमेर]] छोट लागs लागल आर अही तरहसं यी नव [[राजधानी]]के रूपमे जयपुरक कल्पना कएल गेल छल | अही शहर कs [[नींव]] पहिल बेर कोन जगह राखल गेल, एकर बारेमे मतभेद अछि, किंतु किछ इतिहासकारसभके अनुसार [[तालकटोरा]]के निकट स्थित [[शिकार की होदी]]सं अही शहरके निर्माणक शुरुआत भेल। किछ एकरा ब्रह्मपुरी आ किछ आमेरक लगमे एकटा स्थान 'यज्ञयूप' स्थलसं मानैत अछि| पर यी निर्विवाद छै संबसं पहिल चन्द्रमहल बनल आर बाधमे बाज़ार आ साथमे तीन चौपड़ |
== स्थापत्य ==
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