"ओउ्म्" के अवतरणसभमे अन्तर

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{{धार्मिक ग्रन्थ प्राथमिक|date=दिसंबर 2015}}
[[file:Aum.svg|thumb|right|100px|[[देवनागरी]]मेंमे ओ३म]]
[[file:Kannada OM.png|thumb|right|100px|[[कन्नड]]मेंमे ओ३म]]
[[file:Tamil om.png|thumb|right|100px|[[तमिळ]]मेंमे ओम]]
[[file:Ohm Malayalam.png|thumb|100px|right|[[मलयालम]]मेंमे ओ३म]]
[[file:TibAum.png|thumb|right|100px|ओम [[तिब्बती भाषा|तिब्बती]]मेंमे ओ३म]]
[[file:EK ONKAR GURMUKHÎ 0A74.svg|thumb|right|100px|गुरुमुखीमेंगुरुमुखीमे 'एक ओंकार']]
[[file:Bali Omkara Red.png|right|thumb|150px|बाली भाषामेंभाषामे ओंकार]]
 
 
'''ओ३म्''' ('''ॐ''') आ '''ओंकार'''क नामांतरनामान्तर प्रणव छी । यी [[ईश्वर]]क वाचक अछि । ईश्वरक साथ ओंकारक वाच्य-वाचक-भाव संबंधसम्बन्ध नित्य छैक, सांकेतिकसाङ्केतिक नै । संकेतसङ्केत नित्य आर स्वाभाविक संबंधसम्बन्ध कsकऽ प्रकट करैत्करैत अछि । सृष्टिके आदि मsआदिमे सर्वप्रथम ओंकाररूपी प्रणवक स्फुरण होइत छैक । तदनंतरतदनन्तर सात करोड़ मंत्रसभकमन्त्रसभक आविर्भाव होइत अछि । अही मंत्रसभ कमन्त्रसभक वाच्य आत्माके देवता रूप मsरूपमे प्रसिद्ध अछि । ई देवता मायाके ऊपर विद्यमान रहिक मायिक सृष्टिसृष्टिके कsनियन्त्रण नियंत्रण करैत्करैत छैक । ईमेंसंएहिमेसँ आधा शुद्ध मायाजगत्मेंमायाजगत्मे कार्य करैत्करैत छैक आ शेष आधा अशुद्ध आ मलिन मायिक जगत्में।जगत्मे अही। ई एकटा शब्दक ब्रह्मांड कsब्रह्माण्डक सार मानल जाईतजाइत अछि, १६ श्लोकोंमेंश्लोकसभमे सेहो हिनकर महिमा वर्णित अछि ।<ref>[http://www.jagran.com/uttar-pradesh/faizabad-9155335.html १६ श्लोकोंमें महिमा।]</ref>
 
 
== परिचय ==
ब्रह्मप्राप्तिके लेल निर्दिष्ट विभिन्न साधनसभमें प्रणवोपासना मुख्य छै ।छैक। [[मुण्डकोपनिषद्]]मेंमे लिखल अछि:
 
: ''प्रणवो धनु:शरोह्यात्मा ब्रह्मतल्लक्ष्यमुच्यते।
प्राप्ति स्थल "https://mai.wikipedia.org/wiki/ओउ्म्"