राजा रवि वर्मा (१८४८ - १९०६) भारत के विख्यात चित्रकार छल। ओ भारतीय साहित्यसंस्कृति के पात्रक चित्रण केलक। उनकर चित्र क सबसँ बडका विशेषता हिन्दू महाकाव्यसभ आ धर्मग्रन्थसभ पर बनाएल गेल चित्र अछि। हिन्दू मिथकसभ क बहुत ही प्रभावशाली प्रयोग उनकर चित्र मे दिखैत अछि। वडोदरा (गुजरात) स्थित लक्ष्मीविलास पैलेस के संग्रहालय मे उनकर चित्र क बहुत बडका संग्रह अछि।

राजा रवि वर्मा
जन्म२९ अप्रैल १८४८ [१]
किलिमानूर, त्रावणकोर
मृत्यु२ अक्टूबर १९०६ (aged 58)
किलिमानूर, त्रावणकोर
व्यवसायचित्रकार
हस्ताक्षर


राजा रवि वर्मा क कलाकृति- ग्वालिन

जीवन परिचय सम्पादन करी

राजा रवि वर्मा क जन्म २९ अप्रैल १८४८ क केरल के एक छोट सँ शहर किलिमानूर मे भेल। पाँच वर्ष क छोट आयु मे ही ओ अपन घर क दीवारसभ क दैनिक जीवन क घटनासभसँ चित्रित करनाई प्रारम्भ करि देने छल। उनकर चाचा कलाकार राजा राजा वर्मा उनकर प्रतिभा क पहचानलक आ कला क प्रारम्भिक शिक्षा देलक। चौदह वर्ष क आयु मे ओ उनका तिरुवनंतपुरम लके चलि गेल जतय राजमहल मे उनकर तैल चित्रण क शिक्षा भेल। बाद मे चित्रकला के विभिन्न आयाम मे दक्षता के लेल ओ मैसूर, बड़ौदा आ देश के अन्य भागसभ क यात्रा केलक। राजा रवि वर्मा क सफलता क श्रेय उनकर सुव्यवस्थित कला शिक्षा क जाइत अछि। ओ पहिले पारम्परिक तंजौर कला मे महारत प्राप्त केलक आ फेर यूरोपीय कला क अध्ययन केलक।

डाक्टर आनंद कुमारस्वामी उनकर चित्र क मूल्यांकन करि कलाजगत मे उनका सुप्रतिष्ठित केलक। ५७ वर्ष क उमर मे १९०५ मे उनकर देहान्त भेल।


जीवन परिचय सम्पादन करी

कलाकृतिसभ सम्पादन करी

रोचक तथ्य सम्पादन करी

मुख्य कृतिसभ सम्पादन करी

सन्दर्भ सामग्रीसभ सम्पादन करी

  1. Joshi, Om Prakash (1985). Sociology of Indian art. Rawat Publications. प॰ 40. 

बाह्य जडीसभ सम्पादन करी

एहो सभ देखी सम्पादन करी