दुर्भीति या फोबिया (Phobia) एक प्रकार क मनोविकार छी जाहिमे व्यक्ति क विशेष वस्तुसभ, परिस्थितिसभ आ क्रियासभ सँ डर लागे लगैत अछि। मतलब ओकर उपस्थिति मे घबराहट होएत अछि जबकि ओ चीज उ समय खतरनाक नै होएत अछि। ई एक प्रकार क चिन्ता क बीमारी छी। एहन बीमारी मे पीडीत व्यक्ति क हल्का अनमनेपन सँ लके डर के भयावाह दौरा तक पडी सकैत अछि।

दुर्भीति क स्थिति मे व्यक्ति क ध्यान किछ एक लक्षण पर केन्द्रित भ सकैत अछि, जेना-धड्कन क जोर-जोर सँ धडकनाई या बेहोशी लागनाई। ई लक्षण सँ जुडल किछ डर होएत अछि जेना-मरि जाए क भय, अपन उपर नियंत्रण गुमा देनाई या पागल भ जेनाइ क डर।

परिचय सम्पादन करी

ई विकार सँ रोगी अधिकतर लोग अपन विकार पर पर्दा डालैत रहैत अछि। ओकरा लगैत अछि कि एकर चर्चा करै सँ उनकर जग हंसाई होएत। ओ उ हालात से बचै पुरजोर कोशिश करैत अछि जाहिसँ ओकरा फोबिया क दौरा पडैत अछि। परन्तु ओ पलायन क रवैया जीवन मे जहर घोइल दैत अछि।[१]

परिचय सम्पादन करी

फोबिया तथा साधारण भय मे अन्तर सम्पादन करी

प्रकार सम्पादन करी

कारण सम्पादन करी

चिकित्सा सम्पादन करी

सन्दर्भ सामग्रीसभ सम्पादन करी

  1. असाध्य नहीं मनोरोग। हिन्दुस्तान लाइव।आकृति:हिन्दी चिह्न७ अक्टूबर, २००९। डॉ समीर पारिख (मनोचिकित्सक)

बाह्य जडीसभ सम्पादन करी

एहो सभ देखी सम्पादन करी