राजतन्त्र
राजतन्त्र सरकारक एकटा रूप छि जाहिमे एक गोटे व्यक्ति, सम्राट, सदा के लेल वा जखन धरि शासन सत्ता उन्मुलन नै होइत अछि तखन धरि के लेल प्रमुख होइत अछि। राजतन्त्र के राजनीतिक वैधता आ अधिकार विशुद्ध रूप सँ प्रतीकात्मक (क्राउन्ड रिपब्लिक) सँ भिन्न भऽ सकैत् अछि, प्रतिबन्धित (संवैधानिक राजतन्त्र), पूर्ण रुप सँ निरंकुश (पूर्ण राजतन्त्र) के लेल, आ कार्यकारी, विधायी आ न्यायिक के डोमेन में विस्तार करि सकैत् अछि। राजतन्त्र एकता, व्यक्तिगत मिलन, उत्पीडन वा महासंघ के माध्यम सँ एकटा बहरूपिया सेहो भऽ सकैत् अछि, आ सम्राट, राजा, रानी, राजा, खान, खलीफा, जार, सुल्तान, शाह, वा फिरौन जेहन विभिन्न शीर्षक सभ धारण करि सकैत् अछि।
प्रायः मामिलासभ में, राजतन्त्र के उत्तराधिकार वंशानुगत ही होइत अछि, प्रायः राजवंशीय काल के निर्माण होइत अछि, मुद्दा वैकल्पिक आ स्व-घोषित राजतन्त्र सम्भव अछि।
२०हम शताब्दी धरि राजतन्त्रात्मक सरकार के सभसँ सामान्य रूप छल। आइ दुनिया के पैंतालिस सम्प्रभु राष्ट्रसभ में एकटा सम्राट अछि, जाहिमे १६ राष्ट्रमण्डल क्षेत्र समावेश अछि, जाहिमे एलिजाबेथ द्वितीय राज्य प्रमुख के रूप में सम्मिलित अछि। एकर बाहेक उप-राष्ट्रिय राजतन्त्रीय संस्थासभक एकटा श्रृङखला अछि। आधुनिक राजतन्त्रसभ में संवैधानिक राजतन्त्र होइत अछि, जे एकटा संविधान के अन्तर्गत राजतन्त्र के लेल अद्वितीय कानूनी आ औपचारिक भूमिका निर्वाह करैत अछि, एकटा संसदीय गणराज्य में राज्य के प्रमुखसभ के समान सीमित वा कोनो राजनीतिक शक्ति के प्रयोग नै करैत् अछि।
राजतन्त्र के लेल सरकार के विरोध आ वैकल्पिक रूप गणतन्त्र बनि गेल अछि।
सन्दर्भ सामग्रीसभ
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बाह्य जडीसभ
सम्पादन करी- The Constitutional Monarchy Association in the UK
- “Monarchy”। Encyclopædia Britannica (11th)। (1911)।