युनानी वा ग्रीक (Ελληνικά वा Ελληνική γλώσσα,), भारोपेली भाषा परिवारक स्वतन्त्र शाखा छी, जे ग्रीक (युनानी) लोकसभद्वारा बाजल जाइत अछि । दक्षिण बाल्कनसँ विकसित भेल ई भाषाक अन्य भारोपीय भाषाक तुलनामे सभसँ लम्बा इतिहास अछि, जे लेखन इतिहासक ३४हम शताब्दीसभमे फैलल गेल अछि। अपन प्राचीन रूपमे ई प्राचीन युनानी साहित्य आ इसाईसभक बाइबलक न्यू टेस्टामेन्टक भाषा छी। आधुनिक स्वरूपमे ई यूनान आ साइप्रसक आधिकारिक भाषा छी आ करिब २ करोड लोगसभद्वारा बाजल जाइत अछि। लेखनमे युनानी अक्षरसभक उपयोग कएल जाइत अछि।

युनानी भाषा
Greek
ελληνικά
बाजल जाइवाला  स्थान:ग्रीस
आरम्भ:२०१२
मातृभाषी:१३.२ मिलियन
भाषा परिवार:
शाखा भाषा:
प्राचीन बोली
आधुनिक बोली
लिपि
आधिकारिक अवस्था
अल्पसङ्ख्यक भाषाक
रुपमे मान्यता
भाषा कोड:
आइएसओ ६३९-१el
आइएसओ ६३९-२gre (B)
ell (T)
आइएसओ ६३९-३variously:
ell – आधुनिक ग्रीक
grc – प्राचीन ग्रीक
cpg – क्यापाडोसियन ग्रीक
gmy – मेसिनेनियन ग्रीक
pnt – पोन्टिक ग्रीक
tsd – साकोनियन भाषा
yej – एवानिक
भाषावेधशाला
  • ५६-AAA-a
  • 56-AAA-aa to -am (varieties)

युनानी भाषा के दुईटा खास अर्थ भऽ सकैत अछि :

सभसँ पुरान ग्रीक "मिसेनियन ग्रीक" (Mycenaean Greek) छल जेकरा लिनियर बी (Linear B) लिपिमे लिखैत छल। एही प्रकार के दोसर प्रणाली सेहो छल जेकरा "किप्रिआट सिल्याबरी" (Cypriot syllabary) कहैत अछि।

लगभग ९हम शताब्दी ईसा पूर्वसँ ग्रीक भाषा के ग्रीक-अल्फाबेटक द्वारा लिखल जाइत अछि। पुरान ग्रीकमे केवल बडका अक्षर (upper-case letters) ही छल। छोटका अक्षरसभक विकास तँ मध्यकालमे भेल जखन स्याही के उपयोगसँ तेजीसँ कागज पर लिखए के जरूरत आएल।

आधुनिक ग्रीक वर्णमालामे २४टा वर्ण अछि। सभ वर्णसभक बडका रूप तथा छोटका रूप अछि। "सिग्मा" के दुईटा छोटका-रूप प्रचलनमे अछि।

बड़े अक्षर (Majuscule form)
Α Β Γ Δ Ε Ζ Η Θ Ι Κ Λ Μ Ν Ξ Ο Π Ρ Σ Τ Υ Φ Χ Ψ Ω
छोटे अक्षर (Minuscule form)
α β γ δ ε ζ η θ ι κ λ μ ν ξ ο π ρ σ τ υ φ χ ψ ω

यूनानी भाषाक साहित्य

सम्पादन करी

यूनान (ग्रीस) के बिना कोनो अतिशयोक्ति के अनेकार्थमे यूरोपेली साहित्य, दर्शन तथा संस्कृति के जननी कहि सकैत अछि। ग्रीक लोग अत्यन्त चतुर, मेधावी तथा साहसी छल आ हुनकर चरित्रमे शारीरिक शौर्य के साथ बौद्धिक साहसक अनुपम सम्मिश्रण छल। हुनकर साहित्य प्रचुर तथा सर्वाङ्गीण छल आ यद्यपि ओ सभक बहुतरास भाग कालकवलित भऽ चुकल अछि आ एक प्रकारसँ ओ सभक भग्नावशेष ही उपलब्ध अछि, तथापि सुरक्षित अंश ही ओ सभक गौरवक सबल साक्षी अछि। ग्रीक साहित्य पर विदेशी प्रभावसभक छाप नै अछि; ओ ग्रीक जाति के वास्तविक गुणसभ तथा त्रुटिसभक प्रतिबिम्ब अछि। राष्ट्र तथा साहित्य के उत्थान पतनक इतिहास एक ही अछि आ दुनुक सम्बन्ध अटूटअछिहै। ग्रीक भाषाक मूल स्रोत, ओ प्राचीन भाषा छी जे मानव जाति के सभ मुख्य भाषासभक उद्गम मानल जाइत अछि आ जेकर भाषाविशारदसभ "इन्डो-जर्मनिक" नाम देनए अछि। कालान्तरमे ई भाषा यूनान तथा निकटवर्ती एशिया माइनरमे अनेक प्रादेशिक भाषासभमे विभक्त भऽ गेल, जाहिमे साहित्य के दृष्टिसँ चारिटा के नाम विशेष उल्लेखनीय अछि- दोरिक, ऐवोलिक, आयोनिक, तथा ऐतिक। ग्रीक साहित्य के निर्माणमे एही चारिटा प्रादेशिक भाषासभक गौरवपूर्ण योग रहल अछि।

होमर तथा महाकाव्य साहित्य

सम्पादन करी

ग्रीक काव्यसाहित्यक आरम्भ होमर के महाकाव्य- "ईलियद" तथा "ओदैसी" सँ होइत अछि आ हुनकर अपन साहित्यक वाल्मीकि कहनाए अनुचित नै होएत। अन्तर केवल एतेक ही अछि जे होमर ग्रीक काव्य के जन्मदाता नै छल किया कि हुनकर पहिने सेहो एक लोकप्रिय काव्य परम्परा छल, जाहिसँ ओ प्रभावित भेल आ जेकर बिखर गेल तत्वसभक एकत्र आकङ्लित करि ओ अपन महाकाव्यसभक निर्माण केलक। विद्वानसभक मत अछि जे होमर के महाकाव्यसभक रस-रस विकास भेल आ ओकर निर्माणमे अनेकौं व्यक्तिसभक हात रहल अछि। होमर के भाषा "मिश्रित आयोनियाक" अछि आ छन्द विशेष हेक्सामीटर अछि। होमरक जन्म अनुमानत: एसिया माइनर के इस्मर्ना नामक स्थान पर ईसा के लगभग ९०० वर्ष पूर्व भेल छल। मुद्दा हुनकर जीवनगाथा अन्धकारमे अछि। हुनकर महाकाव्य वीररस पूर्ण अछि आ हुनकर पात्र देवोपम अछि। देवता सेहो मानवोचित गुणसभ तथा मनोविकारसभसँ युक्त अछि, यद्यपि हुनकर शक्ति तथा सुन्दरता अलौकिक अछि। मानवजीवनक उत्थान पतन नियति के संकेत पर निर्भर अछि यद्यपि देवगण सेहो मनुष्य के सुख दु:ख, जय तथा पराजय के निर्णायक अछि आ किछ देवताक प्रसन्न करवाक लेल वीरशिरोमणि तथा शक्तिशाली शासक (अगामेम्नन) सेहो अपन कन्याक बलिदान करि देए के लेल सहर्ष तैयार भऽ सकैत अछि। होमर के महाकाव्यसभ समस्त ग्रीक साहित्य के प्रभावित केलक किया कि प्रशिक्षित प्रचारकसभक टोली यूनान के विभिन्न भागसभमे घूमि-घूमि के जनता के आगा हुनकर पाठ करैत छल। एहन कथावाचकसभक रैप्सोदिस्त कहैत छल जे कि हातमे लारेस वृक्ष के लाठी लके कवितापाठ करैत छल आ मुख्य स्थलसभ पर अभिनय सेहो करैत छल।

होमर के प्रभाव के सभसँ सबल साक्षी हैसियत अछि जे वोयतिया के नागरिक छल आ जेकर प्रसिद्ध काव्य "कार्य ओर दिन" होमरक शैलीमे लिखल गेल अछि। यद्यपि हुनकर दृष्टिकोण वैयक्तिक अछि आ हुनकर कविता उपदेशात्मक। एहीमे ओ अपन आलसी भाई के परिश्रम तथा कृषि के उपादेयता के शिक्षा देनए अछि आ राजनीतिक क्षेत्रमे न्याय के सबल समर्थन केनए अछि। हुनकर दोसर काव्यग्रन्थ "थियोग्री" के नामसँ प्रसिद्ध अछि जेकर मुख्य विषय अछि सृष्टिक आरम्भ तथा देवतासभक विभिन्न पीढिसभक इतिहास। होमर तथा हैसियत ग्रीक पौराणिक साहित्य के परिपोषक मानल जाइत अछि आ हुनकर ग्रन्थसभसँ ई स्पष्ट अछि कि यूनानी विचार बहुदेवत्ववादसँ एक देवाधिकदेव के कल्पना के दिशामे अग्रसर भऽ चलल छल।


सन्दर्भ सामग्रीसभ

सम्पादन करी
  1. "List of Declarations Made with Respect to Treaty No. 148"Council of Europeमूलसँ 22 May 2012 कऽ सङ्ग्रहित। अन्तिम पहुँच 8 December 2008 {{cite web}}: Unknown parameter |dead-url= ignored (|url-status= suggested) (help)

बाह्य जडीसभ

सम्पादन करी

एहो सभ देखी

सम्पादन करी